रांचीः भारतीय जनता पार्टी कोटे से कांके विधानसभा के विधायक समरी लाल की विधायकी खतरे में दिख रही है. समरी लाल पर गलत तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ने का मामला चल रहा है. इसमें जाति प्रमाण पत्र को लेकर बड़गांव अंचल के सीओ ने अपनी रिपोर्ट डीसी को सौंप दी है. सीओ के मुताबिक, जांच के दौरान भंगी जाति के लोगों ने बताया कि इस जाति के लोगों को अंग्रेज राजस्थान से लेकर आए थे, लेकिन उसका किसी भी प्रकार का कोई लिखित साक्ष्य नहीं है.
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डीसी ने जाति से जुड़े इस रिपोर्ट को छानबीन समिति सह विशेष सचिव अनुसूचित जाति-जनजाति अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग को भेज दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक 1950 से पहले की मतदाता सूची में नाम या कोई सरकारी दस्तावेज भी नहीं है, जिससे साफ होता है कि समरी लाल मुख्य रूप से राजस्थान के निवासी हैं और आजीविका चलाने के लिए यहां आकर बस गए हैं. इसलिए वर्ष 2009 में जारी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर लिया गया लाभ मान्य नहीं है, क्योंकि इस राज्य में अनुसूचित जाति का सदस्य होने के लिए वो अहर्ता को पूरा नहीं कर रहे हैं.
वहीं समरी लाल ने जाति प्रमाण पत्र को लेकर कहा कि विपक्ष के द्वारा साजिश के तहत इस मामले को उठाया जा रहा है. जबकि यह मामला झारखंड हाई कोर्ट में भी चल रहा है. 1985 से जाति प्रमाण पत्र बनाकर चुनाव लड़ता रहा हूं. ऐसे में विपक्ष एक बार फिर इसको राजनीतिक रंग देकर मुद्दा बना रहा हैं.
बता दें कि पहले भी बीजेपी के कांके विधायक समरी लाल के नामांकन किए जाने के बाद विपक्षी दलों ने नामांकन को रद्द करने को लेकर चुनाव आयोग से भी शिकायत की थी. विपक्षी दलों की ओर से आरोप लगाया गया है कि समरी लाल गुजरात के निवासी हैं और ऐसे में वह दोनों जगह आरक्षण का लाभ नहीं ले सकते हैं. उनकी ओर से जो जाति प्रमाण पत्र नामांकन के समय दाखिल किया गया है, वह जरुरी शर्तों को पूरा नहीं करता है.