रांचीः बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मां रूपी सोरेन की अचानक तबीयत बिगड़ी तो राज्य के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स को छोड़कर निजी हॉस्पितल में भर्ती कराया गया. हालांकि, मुख्यमंत्री की मां को बीपी और उल्टी की शिकायत मिलते ही रिम्स में उनके इलाज की सभी तैयारियां शुरू कर दी गई थी. अधीक्षक से लेकर डॉक्टर तक अलर्ट हो गए थे. इसके बावजूद मुख्यमंत्री खुद मां को लेकर निजी हॉस्पितल हिल व्यू में भर्ती कराया.
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बीजेपी वियायक सीपी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने ही अस्पताल पर भरोसा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि मंत्री, मुख्यमंत्री, विधायक या उनका परिजन बीमार होते हैं तो वे सरकारी अस्पताल में इलाज कराते. इससे राज्य की जनता को यह भरोसा होता कि सरकारी अस्पतालों में भी बेहतर इलाज की सुविधा उपलब्ध है. सीपी सिंह कहते हैं कि सरकारी अस्पताल में संबंधित रोग का इलाज संभव नहीं है तो जनप्रतिनिधियों को निजी या दूसरे अस्पताल में इलाज करना चाहिए.
मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि निजी और सरकारी हॉस्पिटल का सवाल नहीं है. व्यक्ति का संबंधित डॉक्टर से संबंध कैसा है. अमूमन लोग जान पहचान के डॉक्टर के पास ही इलाज के लिए पहुंचते हैं. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मां का रिम्स की जगह हिल व्यू में इलाज कराना कोई गलत नहीं है, जो डॉक्टर मुख्यमंत्री की मां का इलाज कर रहे हैं. वे पहले से उनका इलाज कर रहे थे.