रांची: लोकसभा चुनावों की खुमारी समाप्त होने के बाद प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी में सांगठनिक फेरबदल की संभावना बढ़ गई है. राज्य की 14 में से 12 लोकसभा सीटें एनडीए गठबंधन के खाते में आई हैं, लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा की हार से पार्टी को झटका लगा है.
प्रदेश से इकलौती कांग्रेसी सांसद
दरअसल, गिलुआ सिंहभूम लोकसभा क्षेत्र से सांसद थे और उन्हें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने हराया है. कोड़ा ने हाल में ही कांग्रेस का दामन थामा और प्रदेश से इकलौती कांग्रेसी सांसद हैं.
गिलुआ की हार एक बड़ा सवाल
गिलुआ की हार ने न केवल सरकार, बल्कि संगठन के लिए मंथन करने पर पार्टी नेतृत्व को मजबूर कर दिया है. एक तरफ जहां राज्य में सरकार और संगठन की मजबूती के दावे किए जा रहे थे, वहीं दूसरी तरफ संगठन के प्रदेश में मुखिया की हार एक बड़ा सवाल बनकर उभर रही है.
गिलुआ से रिप्लेस
दरअसल, गिलुआ के हाथ प्रदेश बीजेपी की कमान तब सौंपी गई थी. जब उनके पूर्ववर्ती प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी सीएनटी और एसपीटी एक्ट मामले में सरकार की लाइन से हटकर चले गए थे. नतीजा यह हुआ कि मरांडी अपने पद पर ज्यादा दिन तक नहीं रह पाए और उन्हें गिलुआ से रिप्लेस कर दिया गया.
गिलुआ के अलावा क्या ऑप्शन है बीजेपी के पास
सरकार और संगठन में बीजेपी एक बैलेंस बनाकर चलती आई है. इसके तहत अगर सरकार का मुखिया नॉन ट्राइबल है तो संगठन की कमान एक ट्राइबल लीडर के हाथ में दी गई है. इसी तरह जब ट्राइबल सीएम रहा तो बीजेपी की कमान राज्य में नॉन ट्राइबल पार्टी नेता के हाथ में रही. ऐसे में गिलुआ के रिप्लेसमेंट के रूप में एक मजबूत ट्राइबल चेहरे की खोज की जा रही है, क्योंकि इस साल के अंत तक राज्य में विधानसभा चुनाव होने हैं.
कौन चेहरे हो सकते हैं दौड़ में
वैसे तो झारखंड में बीजेपी के पास ट्राइबल चेहरे कई हैं, लेकिन प्रदेश बीजेपी की कमान वैसे हाथ में देने पर जोर है जिसकी ट्यूनिंग सीएमओ से अच्छी हो. ऐसे में पार्टी के वैसे नेता जो मुख्यमंत्री के साथ अच्छी कॉर्डिनेशन के साथ काम कर सकें. उन्हें तवज्जो देने की बात कही जा रही है.
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ट्राइबल चेहरे के नाम पर समीर उरांव समेत अन्य चेहरों पर विचार किया जा रहा है. हालांकि इसको लेकर अभी तक किसी तरह की कोई औपचारिक घोषणा या पुष्टि नहीं की गई है.