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मधुपुर विधानसभा उपचुनाव: बीजेपी को आजसू के समर्थन का इंतजार, आजसू ने अबतक नहीं खोले अपने पत्ते

बेरमो और दुमका उपचुनाव में निराशा हाथ लगने के बाद मधुपुर विधानसभा उपचुनाव को लेकर बीजेपी पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरना चाहती है, इसे लेकर बीजेपी आजसू से समर्थन की उम्मीद लगा रही है. फिलहाल, भाजपा को आजसू का समर्थन मिलने पर सस्पेंस बरकरार है.

BJP preparations for Madhupur assembly by-election
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Published : Mar 17, 2021, 1:31 PM IST

Updated : Mar 17, 2021, 3:06 PM IST

रांचीः मधुपुर विधानसभा ना केवल यूपीए के लिए लिटमस टेस्ट के जैसा है बल्कि प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के लिए भी प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई सीट है. बेरमो और दुमका उपचुनाव में निराशा हाथ लगने के बाद भाजपा के लिए मधुपुर सीट जीतना किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं है. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू के बीच गठबंधन नहीं होने के कारण इसका फायदा यूपीए के झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंंसारी को मिला था. हाजी हुसैन अंसारी ने भाजपा के राज पलिवार को 23,069 मतों से हराया था.

देखें पूरी खबर

ये भी पढ़ें-पश्चिम बंगाल चुनावः केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री के रथ पर हमला, TMC पर हमले का आरोप

वहीं, 2014 में इस सीट से बीजेपी के नेता राज पालिवार विधायक चुने गए थे. उन्हें 74,325 वोट मिले थे. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाजी हुसैन अंसारी को 6,884 वोट से हराया था. 2014 के चुनाव में भाजपा और आजसू ने एक साथ चुनाव लड़ा था. 2019 के चुनाव परिणाम को देखें तो जेएमएम प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी को 88,153 वोट मिले थे. जबकि भाजपा के राज पलिवार को 65,046 और आजसू प्रत्याशी गंगा नारायण राय को 45,620 वोट मिले थे.

आजसू और भाजपा प्रत्याशी के वोटों को जोड़कर देखें तो यूपीए प्रत्याशी को यहां एनडीए शिकस्त दे सकता था. हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद खाली हुए मधुपुर सीट पर एक बार फिर चुनावी बिगुल बज चुका है. जिसके बाद एनडीए अपनी गलतियों से सबक लेते हुए एकसाथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

ये भी पढ़ें-सदन में प्रवेश करते समय कोविड-19 के प्रकोप को लेकर कई जनप्रतिनिधि दिखे बेपरवाह, कई दिखे सजग

हालांकि आजसू ने अभी भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो का कहना है कि एनडीए की बैठक में इसपर निर्णय होगा. वहीं, भाजपा नेता सीपी सिंह ने आजसू का समर्थन मिलने की उम्मीद जतायी है. बहरहाल, भाजपा को आजसू का समर्थन मिलने पर सस्पेंस बरकरार है.

रांचीः मधुपुर विधानसभा ना केवल यूपीए के लिए लिटमस टेस्ट के जैसा है बल्कि प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी के लिए भी प्रतिष्ठा से जुड़ी हुई सीट है. बेरमो और दुमका उपचुनाव में निराशा हाथ लगने के बाद भाजपा के लिए मधुपुर सीट जीतना किसी प्रतिष्ठा से कम नहीं है. 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा और आजसू के बीच गठबंधन नहीं होने के कारण इसका फायदा यूपीए के झामुमो प्रत्याशी हाजी हुसैन अंंसारी को मिला था. हाजी हुसैन अंसारी ने भाजपा के राज पलिवार को 23,069 मतों से हराया था.

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वहीं, 2014 में इस सीट से बीजेपी के नेता राज पालिवार विधायक चुने गए थे. उन्हें 74,325 वोट मिले थे. उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा के हाजी हुसैन अंसारी को 6,884 वोट से हराया था. 2014 के चुनाव में भाजपा और आजसू ने एक साथ चुनाव लड़ा था. 2019 के चुनाव परिणाम को देखें तो जेएमएम प्रत्याशी हाजी हुसैन अंसारी को 88,153 वोट मिले थे. जबकि भाजपा के राज पलिवार को 65,046 और आजसू प्रत्याशी गंगा नारायण राय को 45,620 वोट मिले थे.

आजसू और भाजपा प्रत्याशी के वोटों को जोड़कर देखें तो यूपीए प्रत्याशी को यहां एनडीए शिकस्त दे सकता था. हाजी हुसैन अंसारी के निधन के बाद खाली हुए मधुपुर सीट पर एक बार फिर चुनावी बिगुल बज चुका है. जिसके बाद एनडीए अपनी गलतियों से सबक लेते हुए एकसाथ चुनाव लड़ने की तैयारी में है.

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हालांकि आजसू ने अभी भी भाजपा को समर्थन देने की घोषणा नहीं की है. आजसू प्रमुख सुदेश महतो का कहना है कि एनडीए की बैठक में इसपर निर्णय होगा. वहीं, भाजपा नेता सीपी सिंह ने आजसू का समर्थन मिलने की उम्मीद जतायी है. बहरहाल, भाजपा को आजसू का समर्थन मिलने पर सस्पेंस बरकरार है.

Last Updated : Mar 17, 2021, 3:06 PM IST
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