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'बाबूलाल गयो...' सुनने के बाद भी स्पीकर के न्यायाधिकरण ने क्यों नहीं की कार्रवाई: प्रतुल शाहदेव

बाबूलाल मरांडी की सदस्यता का मामला फिलहाल स्पीकर के न्यायाधिकरण में चल रहा है. बीजेपी ने इस मामले में गंभीरता नहीं बरतने पर सवाल उठाए हैं.

bjp angry over tribunal on babulal marandi membership issues
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Published : May 19, 2022, 6:54 PM IST

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की सदस्यता का मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में चल रहा है. इस मामले पर गंभीरता नहीं बरते जाने पर बीजेपी ने शिकायत की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पूर्व विधायक राजकुमार यादव का एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो को जारी करते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सत्तापक्ष ने ठान लिया है कि किसी भी तरह से बाबूलाल की सदस्यता को समाप्त कर देना है.

ये भी पढ़ें: बाबूलाल के वकील ने ट्रिब्यूनल पर उठाए गंभीर सवाल, स्पीकर बोले -तय किए जा चुके हैं सुनवाई के बिंदु

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 17 जुलाई 2020 को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि भाजपा विपक्ष के नेता के पद के लिए तरस जाएगी. उस समय भी मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित था और ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री स्पीकर के न्यायाधिकरण पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्पीकर के न्यायाधिकरण ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू कर दी जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने बाद में रोक दिया, फिर आनन-फानन में समय सीमा खत्म होने के बाद सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों से भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ याचिका न्यायाधिकरण में दाखिल की है.

इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो जारी किया जिसमें स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले की सुनवाई के दौरान पिटीशनर राजकुमार यादव यह कहते हुए दिख रहे हैं कि ‘बाबूलाल गयो, जजमेंट हो गयो’. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुद्दई भी वही और अदालत भी वही हैं. जजमेंट आने से पहले ही वादी को पता है कि जजमेंट क्या आने वाला है. यह घटना स्पीकर के न्यायाधिकरण के सुनवाई के दौरान घटित हुआ जिसे झारखंड विधानसभा टीवी ने भी प्रसारित किया था.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने स्पीकर को इस पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले पर स्पीकर बचते हुए दिख रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नही हैं. स्पीकर का न्यायाधिकरण एक स्वतंत्र इकाई होता है पर राज्य में ऐसी धारणा बन रही है कि सारा कुछ राज्य सरकार के लिखे हुए स्क्रिप्ट पर घटित हो रहा है.

रांची: बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी की सदस्यता का मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में चल रहा है. इस मामले पर गंभीरता नहीं बरते जाने पर बीजेपी ने शिकायत की है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने पूर्व विधायक राजकुमार यादव का एक वीडियो जारी किया है. इस वीडियो को जारी करते हुए प्रतुल शाहदेव ने कहा कि ऐसा लगता है जैसे सत्तापक्ष ने ठान लिया है कि किसी भी तरह से बाबूलाल की सदस्यता को समाप्त कर देना है.

ये भी पढ़ें: बाबूलाल के वकील ने ट्रिब्यूनल पर उठाए गंभीर सवाल, स्पीकर बोले -तय किए जा चुके हैं सुनवाई के बिंदु

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 17 जुलाई 2020 को प्रोजेक्ट भवन में पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि भाजपा विपक्ष के नेता के पद के लिए तरस जाएगी. उस समय भी मामला स्पीकर के न्यायाधिकरण में लंबित था और ऐसा लगा कि मुख्यमंत्री स्पीकर के न्यायाधिकरण पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं. प्रतुल शाहदेव ने कहा कि स्पीकर के न्यायाधिकरण ने मामले पर स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई शुरू कर दी जिसे माननीय उच्च न्यायालय ने बाद में रोक दिया, फिर आनन-फानन में समय सीमा खत्म होने के बाद सत्ता पक्ष के कुछ विधायकों से भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ याचिका न्यायाधिकरण में दाखिल की है.

इसके साथ ही उन्होंने एक वीडियो जारी किया जिसमें स्पीकर के न्यायाधिकरण में बाबूलाल मरांडी के दलबदल मामले की सुनवाई के दौरान पिटीशनर राजकुमार यादव यह कहते हुए दिख रहे हैं कि ‘बाबूलाल गयो, जजमेंट हो गयो’. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि मुद्दई भी वही और अदालत भी वही हैं. जजमेंट आने से पहले ही वादी को पता है कि जजमेंट क्या आने वाला है. यह घटना स्पीकर के न्यायाधिकरण के सुनवाई के दौरान घटित हुआ जिसे झारखंड विधानसभा टीवी ने भी प्रसारित किया था.

बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता ने स्पीकर को इस पूरे मामले पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले पर स्पीकर बचते हुए दिख रहे हैं. यह लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत नही हैं. स्पीकर का न्यायाधिकरण एक स्वतंत्र इकाई होता है पर राज्य में ऐसी धारणा बन रही है कि सारा कुछ राज्य सरकार के लिखे हुए स्क्रिप्ट पर घटित हो रहा है.

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