रांची: बीजेपी के प्रदेश उपाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद समीर उरांव ने राज्य सरकार पर हमला करते हुए कहा कि सरकार राजधानी रांची के लोगों को भी पानी के लिये तरसाना चाहती है. उन्होंने शनिवार को कहा कि हेमंत सोरेन के नेतृत्व में चल रही महागठबंधन की सरकार की नीति भेदभाव पूर्ण है. उरांव ने कहा कि जिन निगमो में भाजपा का बहुमत है, मेयर, डिप्टी मेयर भाजपा के हैं उसे परेशान करने की मंशा सरकार के कार्रवाई में झलक रही है.
समीर उरांव ने कहा कि इसका ताजा उदाहरण सरकार ने रांची नगर निगम को पेयजल सुविधा के लिये आवंटित राशि है. उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम ने वर्तमान वित्तीय वर्ष में ( 2020-21) पेयजल सुविधा के लिए 19.77 करोड़ रुपये का प्रस्ताव नगर विकास विभाग को भेजा गया था. जिसके विरुद्ध मात्र 44.56 लाख रुपये का ही आवंटन प्राप्त हुआ. इसमें भी पेयजल के लिए मात्र 31 लाख 19 हजार 8 सौ 58 रुपये का ही आवंटन है, बाकी के 13 लाख रुपये जल मल निकासी मद में आवंटित है.
उरांव ने कहा कि मांग के विरुद्ध इतना कम राशि का आवंटन ऐसा लगता है जैसे ऊंट के मुंह मे जीरा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार 11करोड़ 37 लाख 3 हजार 96 रुपये के आवंटन का ढिंढोरा पीट रही है जबकि जनता को यह जानना आवश्यक है कि इसमें 10 करोड़ 85 लाख 24 हजार 8 सौ 71 रुपये का आवंटन नागरिक सुविधा मद के लिये है. जिससे विभिन्न वार्डों में सड़क, नाली, रोशनी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. इस राशि को पेयजल मद में खर्च नही किया जा सकता. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि सरकार केवल भेदभाव ही नहीं बल्कि जनता को दिग्भ्रमित भी कर रही है.
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बीजेपी सांसद ने कहा कि तत्कालीन सरकार में निगम वाटर यूजर्स चार्ज की जमा राशि स्वयं खर्च करती थी परंतु अब उसे विभाग में जमा करने का प्रावधान हो गया है. तत्कालीन रघुवर सरकार में रांची नगर निगम ने पेयजल मद में 9 करोड़ की राशि खर्च किये थे. उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में रांची नगर निगम ने वाटर यूजर्स चार्ज की संकलित लगभग 1.5 करोड़ की राशि विभाग में जमा कराए हैं.