रांची: राजधानी रांची का बिरसा जैविक उद्यान जल्द ही देश के टॉप 10 जू में शामिल होने जा रहा है. ओरमांझी स्थित बिरसा जैविक उद्यान को विकसित करने के लिए तैयारियां की जा रही हैं. बिरसा जैविक उद्यान को राष्ट्रीय स्तर का बनाने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण से भी अनुमति मिल चुकी है.
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राज्य के मुख्य वन संरक्षक पीके वर्मा ने कहा कि चिड़ियाघर को राष्ट्र स्तर बनाने के लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने वर्ष 2019 में ही अनुमति दे दी है. लेकिन कोरोना की वजह से कई विकास कार्य रुके हुए हैं. उन्होंने बताया कि केंद्र चिड़िया घर प्राधिकरण ने सभी राज्यों को अपने-अपने चिड़ियाघरों की विशेषताओं का प्रस्तुतीकरण देने को कहा था, जिसमें झारखंड के बिरसा जैविक उद्यान और जमशेदपुर के चिड़ियाघर का नाम शामिल था. इस प्रस्तुतीकरण के बाद केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने रांची के बिरसा जैविक उद्यान को राष्ट्र स्तर चिड़िया घर बनाने की घोषणा की है.
इसको लेकर राजधानी के लोगों ने कहा कि चिड़ियाघर के विकास होने से शहर का भी विकास होगा. क्योंकि पूरे राज्य के साथ साथ बिहार, ओड़िशा, छत्तीसगढ़ के भी लोग राजधानी रांची के इस चिड़ियाघर को देखने पहुंचेंगे.
वर्तमान समय की बात करें तो बिरसा जैविक उद्यान में 1 हजार 498 पशु-पक्षी मौजूद हैं. इसमें बच्चों और पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए चार शेर, 9 बाघ, 9 भालू, 6 हिप्पोपोटेमस, 10 हिमालयन भालू शामिल हैं. इसके अलावा जल्द ही चिड़ियाघर की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए जेब्रा और जिराफ जैसे विदेशी जानवरों को भी लाया जाएगा.
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प्रजनन केंद्र की विशेष व्यवस्था
रांची के इस चिड़ियाघर में प्रजनन केंद्र को भी विकसित किया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा जानवरों की संख्या चिड़ियाघर में बढ़ायी जा सके. वर्ष 1994 में बना यह चिड़ियाघर प्राकृतिक रूप से भी बेहद सुंदर है, यहां की प्राकृतिक संरचना पर्यटकों को खासा लुभाती है. प्रतिवर्ष दो लाख से ज्यादा पर्यटक इस चिड़ियाघर में घूमने पहुंचते हैं. कई शैक्षणिक संस्था के बच्चे भी इस चिड़ियाघर में आकर जानवरों की जानकारी प्राप्त करते हैं.
बिरसा मुंडा जैविक उद्यान अपनी विशिष्ट विशेषताओं के कारण केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की नजर में आया है. अब देखने वाली बात होगी कि विकसित होतक कब तक यह देश के 10 बेहतरीन चिड़ियाघर में शामिल हो पाता है.
इन वजह से केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण ने किया चयन
बिरसा जैविक उद्यान के प्राकृतिक वातावरण अन्य चिड़ियाघरों से बेहतर हैं. रांची के बिरसा जू में कंक्रीट के जंगल कम से कम हैं यहां का माहौल जानवरों के लिए सुकून भरा है. रांची के बिरसा जू के बेहतर वातावरण के कारण यहां पर रह रहे जानवरों की प्रजनन शक्ति भी अन्य चिड़ियाघरों में रह रहे जानवरों से बेहतर है. रांची बिरसा जू के बगल में राजधानी के बड़े डैम में शुमार गेतलसूद डैम भी मौजूद है, जिससे की जानवरों के लिये पानी की उपलब्धता और डैम के माध्यम से बिरसा जैविक उद्यान में आने वाले समय में कई बेहतर विकल्प देखे जा सकते हैं.
1994 में हुआ उद्यान का निर्माण
रांची का बिरसा जैविक उद्यान वर्ष 1994 में निर्माण किया गया है, जबकि देश के अन्य जैविक उद्यानों के मुकाबले यह काफी नया है, लेकिन उसके बावजूद भी केंद्रीय चिड़िया घर प्राधिकरण के रांची के बिरसा जू को विश्वस्तरीय बनाने के लिए चयन करना निश्चित ही पूरे राज्यवासियों के लिए गर्व की बात है.