रांची: डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. जगरनाथ उरांव के नेतृत्व में कृषि वैज्ञानिकों के दल ने शनिवार को भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलीहातू गांव का दौरा किया. मौके पर विवि की ओर से पूरे प्रदेश में लागू की जा रही बिरसा बीज आच्छादन कार्यक्रम (Birsa Seed Coverage Program) की शुरूआत की गई. गांव से 50 बिरसा किसान का चयन किया गया. सभी किसानों को मोटा अनाज मड़ुआ (रागी) की उन्नत किस्म ए 404 के 2-2 बीज का वितरण किया गया. इस अवसर पर शस्य वैज्ञानिक डॉ. आरपी मांझी ने किसानों को मड़ुआ की वैज्ञानिक खेती की तकनीकी जानकारी दी.
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पशुओं की बरसाती बीमारी का किया अध्ययन
मौके पर पशु वैज्ञानिकों के दल ने गांव में पशुओं में होने वाली बरसाती बीमारी (Animal Rain Disease) का अध्ययन किया. पशुपालकों को बरसाती बीमारी और रोग की पहचान और उपचार की जानकारी दी. दल में शामिल डॉ. अभिषेक कुमार, डॉ. बधनु उरांव और डॉ. पंकज सेठ ने उलीहातू गांव के करीब 50 घरों में जाकर पशुओं के उपचार के लिए कृमि नाशक, घाव, अपच की दवा और मिनरल मिक्सचर का वितरण किया. डॉ. अभिषेक कुमार ने बताया कि इस गांव के करीब सभी परिवार पशुपालन से जुड़े है. डॉ. पंकज सेठ ने बताया कि गांव के पशुपालकों के बीज उन्नत नस्ल के पशुओं की काफी मांग है. इस क्षेत्र के किसानों का उन्नत पशु प्रबंधन से आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जा सकता है.
उन्नत किस्मों के बीज का किया जाएगा वितरण
डायरेक्टर एक्सटेंशन एजुकेशन डॉ. जगरनाथ उरांव ने बताया कि कुलपति के निर्देश पर उलीहातू गांव को एग्रो टूरिज्म केंद्र (Agro Tourism Center) के रूप में विकसित करने की पहल की जा रही है. किसानों के बीच धान, अरहर और तिल के उन्नत बीज की काफी मांग है. विवि उन्नत बीज उपलब्ध कराने की दिशा में हरसंभव सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि कुलपति के निर्देश पर बिरसा बीज आच्छादन कार्यक्रम (Birsa Seed Coverage Program) की शुरुआत की गई है. विवि की ओर से सभी 16 जिलों के कृषि विज्ञान केंद्रों (Krishi Vigyan Kendra) के माध्यम से यह कार्यक्रम खरीफ मौसम में चलेगा. प्रत्येक जिले में 20 बिरसा किसान का चयन कर उन्नत किस्मों के बीज का वितरण किया जाएगा.