रांचीः मांडर विधायक बंधु तिर्की ने रांची और आसपास के धार्मिक, पारंपरिक भूमि के अवैध हस्तांतरण और अतिक्रमण, गैरमजरूआ जमीन पर हो रहे अवैध निर्माण, नदी-नाले और तालाबों की जमीन की अवैध खरीद बिक्री की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है. इसको लेकर उन्होंने मंगलवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है.
बंधु तिर्की ने पत्र के माध्यम से कहा कि रांची और इसके आसपास के अंचलों में आदिवासी जमीन और पारंपरिक धर्मस्थलों की जमीनों का गैरकानूनी हस्तांतरण, निर्माण और अतिक्रमण हो रहा है. जिसकी जांच कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि राज्य बनने के बाद रांची समेत राज्य के अन्य जिला मुख्यालयों में बड़े पैमाने पर रैयती आदिवासी जमीन समेत इनके पारंपरिक धर्मस्थलों के साथ-साथ सरकारी गैरमजरूआ जमीन की आवेश जमाबंदी बंदोबस्ती कर कब्जा और अतिक्रमण के मामले आ रहे हैं. खासकर राजधानी रांची और इससे सटे अंचल से ऐसे कई मामले सामने आए है. जिसमें नदी नाले, तालाबों की जमीन पर अतिक्रमण से लेकर इनकी अवैध खरीद बिक्री और बंदोबस्ती तक की गई है.
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मांडर विधायक ने कहा है कि अवैध जमाबंदी डीड और वॉल्यूम से छेड़छाड़ कर जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. जिसमें बिल्डर, भूमाफिया और राजस्व कर्मियों की अहम भूमिका है. जिसकी वजह से गरीब लोगों की जमीन छीन ली जा रही है. उन्होंने कहा कि अधिकतर मामलों में आदिवासी जमीन के खतियान के आधार पर फर्जी कागजात तैयार कर उसे मूल वॉल्यूम में एंट्री भी कर दी जाती है. उन्होंने कहा है कि षड्यंत्र के तहत बड़े पैमाने पर 1932 के आदिवासी खतियान की जमीन को सामान्य में बदलने का खेल हुआ है. ऐसे में इस ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए उन्होंने जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई किए जाने की बात कही है.