रांचीः मांडर विधायक बंधु तिर्की ने 5 जून को आयोजित राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक को महज एक औपचारिकता बताया और कहा है कि इस तरह की बैठक समय और संसाधन की बर्बादी है. उन्होंने कहा कि बैठक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हुई और इसमें कोई गंभीरता नहीं थी, इसमें ऐसी किसी विषय पर चर्चा नहीं हुई. जिससे कोरोना महामारी से आई आर्थिक मंदी में गरीबों का कोई भला हो सके.
बंधु तिर्की ने कहा है कि नई राज्य सरकार गठन के बाद पहली बैठक में मुख्यमंत्री या उसके समकक्ष किसी प्रतिष्ठित व्यक्ति या प्रभावशाली व्यक्ति के होने की अपेक्षा थी. उसे बहुत हल्के ढंग से संपादित किया गया है. उन्होंने कहा है कि बैठक का न कोई एजेंडा था और न इस बैठक के बाद ऐसा कोई ठोस निर्णय सामने आया. जिससे राज्य की गरीब जनता को पता चले कि बैंकों के द्वारा उनके फायदे के लिए क्या-क्या किया जा रहा है. इसके साथ ही इसमें जरा भी जानकारी नहीं मिली कि बैंक के द्वारा प्रायोरिटी सेक्टर के विकास के लिए क्या किया जा रहा है. ऋण अदायगी में क्या सुविधा दी गई है, इसमें इस बात पर चर्चा होनी चाहिए कि लोग ऋण अदायगी में छूट का कोई लाभ ले पा रहे हैं या नहीं. इसके अलावे डूबे हुए बड़े कर्ज वापसी के लिए क्या किया जा रहा है. इस बात की भी इसमें चर्चा होनी चाहिए थी.
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उन्होंने कहा कि किसानों की ऋण माफी अभी का ज्वलंत मुद्दा है, क्योंकि ऋण में डूबे किसान कई गलत कदम उठाते हैं. लेकिन इस बैठक में किसानों की ऋण माफी से संबंधित किसी भी विषय पर चर्चा नहीं हुई. ऐसे में यह सवाल उठता है कि इस तरह की बैठक से सिर्फ यही पता चल रहा है कि बैंक सिर्फ पैसा जमा करने और जमा पैसा निकालने वाली एक संस्था बन गई है. इसके पास विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए कोई ठोस कार्य योजना नहीं है.