रांचीः कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की की विधायकी समाप्त करने के फैसले पर आज आधिकारिक रूप से मुहर लग गई. सीबीआई अदालत के आदेश के आलोक में विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने बंधु तिर्की की सदस्यता को अयोग्य करार देने से संबंधित आदेश पर हस्ताक्षर कर दिया है. आज इससे जुड़ी अधिसूचना जारी हो गई. बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई की अदालत ने पिछले दिनों बंधु तिर्की को दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी.
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बंधु तिर्की मांडर विधानसभा क्षेत्र से जेवीएम की टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे. बाद में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. सजा मिलने के बाद उनकी सदस्यता समाप्त होने पर मांडर की सीट 28 मार्च से ही खाली मानी जाएगी. विधानसभा की कॉपी चुनाव आयोग को भेजने के बाद मांडर में उप चुनाव की तैयारी शुरू होगी. इस सीट को 2014 के चुनाव में भाजपा की गंगोत्री कुजूर ने जीता था. लेकिन 2019 के चुनाव में गंगोत्री कुजूर का टिकट काटकर उनकी जगह देव कुमार धान को प्रत्याशी बनाया था, जिन्हें बंधु तिर्की ने हरा दिया था.
इससे पहले पांच ऐसे विधायक रहे हैं जिनकी विधायकी सजा मिलने की वजह से गई है. इनमें झारखंड पार्टी के कोलेबिरा से विधायक एनोस एक्का, झामुमो के राजधनवार के विधायक निजामुद्दीन अंसारी, लोहरदगा के आजसू विधायक कमल किशोर भगत, गोमिया के झामुमो विधायक योगेंद्र प्रसाद और सिल्ली के झामुमो विधायक अमित महतो का नाम शामिल है.