रांचीः खतियान में हेराफेरी कर स्थानीय लोंगो की जमीन की अंचल कार्यालय के भ्रष्ट पदाधिकारियों और कर्मचारियों की मदद से हो रही लूट के खिलाफ निर्णायक लड़ाई के लिये मांडर विधायक बंधु तिर्की ने बिगुल फूंक दी है. उन्होंने अपने मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास पर आर-पार की लड़ाई के लिए मंगलवार को एक रणनीति तैयार की और यह तय लिया कि जिन उम्मीदों से झारखंड की जनता ने रघुवर सरकार को बाहर का रास्ता दिखा कर गैर भाजपा सरकार को राज्य में स्थापित किया है. उन उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए वह कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.
रणनीति के तहत बंधु तिर्की ने आंदोलन को झारखंड जनाधिकार मंच, आदिवासी सेना और सीएनटी/एसपीटी बचाओ मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में चलाने का निर्णय लिया है. इसके तहत आंदोलन के प्रथम चरण में आगामी 22 सितंबर को गरीबों की जमीन की रक्षा को तत्पर उनके कार्यकर्ता राजधानी के सभी 22 अंचलों के कार्यालय की घेराबंदी करेंगे और अंचलाधिकारी को गलत काम ना करने की चेतावनी देते हुए ज्ञापन सौंपेंगे. आंदोलन के दूसरे चरण में कार्यकर्ता कुछ दिनों बाद तय तिथि को राज्यपाल को भी ज्ञापन देंगे.
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इसके बाद भी अगर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो फिर हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे और बड़ा आंदोलन की रूप रेखा तैयार करेंगे. इसके साथ ही अंचल कार्यालयों की तालाबंदी करेंगे, ताकि भ्रष्टाचार का अड्डा ही बंद हो जाये. आंदोलन की आवश्यकता के बारे में पूछने पर बंधु तिर्की ने बताया कि खतियान का पन्ना फाड़ने, स्याही गिराने और विभिन्न प्रकार की जमीनी हेराफेरी के बाद भू-माफिया अब साइबर वर्ल्ड में दस्तावेज की ऑनलाइन हेराफेरी कर रहे है. इससे अनपढ़ क्या पढ़े लिखे लोग भी परेशान हैं.