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बेजुबानों पर पड़ रही है लॉकडाउन की दोहरी मार, ईटीवी भारत के सुझाव की मेयर ने की तारीफ

कोरोना महामारी इंसान के साथ-साथ बेजुबान पशुओं पर भी भारी पड़ रही है. अक्सर ऐसे समय में पहले इंसान अपनी सोचता है और इन बेजुबानों को भूल जाता है. भूख से तड़पते इन जानवरों पर किसी की नजर जल्द नहीं पड़ती. ईटीवी भारत की टीम ने इस ओर पहल करते हुए प्राथमिकता से मेयर आशा लकड़ा का इस ओर ध्यान आकृष्ट कराया.

Bad condition of stray animals during lockdown in ranchi
बेजुबानों की मुश्किल
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Published : Apr 9, 2020, 2:52 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 4:02 PM IST

रांचीः लॉकडाउन ने गरीबों को तोड़ कर रख दिया है. हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं. प्रशासन के साथ-साथ कई संस्थाएं इस काम में जुटी हुई हैं, लेकिन राजधानी रांची में अब तक किसी ने नहीं सोचा कि बेजुबान कैसे जी रहे हैं. खासकर सड़कों पर भटकने वाले कुत्ते और बेसहारा जानवर लाचार नजर आ रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

ये भी पढ़ें-कोरोना : 24 घंटे में आए 773 नए केस, कुल 5274 संक्रमित

ईटीवी भारत की टीम जब इस सवाल का जवाब तलाशने राजधानी की सड़कों पर निकली तो बेजुबानों की हालत देखकर दिल कांप उठा. एक बेहद मार्मिक तस्वीर बनी अल्बर्ट एक्का चौक के पास. चौमिन के किले के बगल में दो लाचार आवारा कुत्ते निढाल पड़े थे. ऐसा लग रहा था जैसे कई दिनों से भूखे हों. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से तमाम रेस्टोरेंट के साथ-साथ स्ट्रीट फूड की दुकानें बंद हो गई हैं, जहां के बचे खानों से इन बेजुबानों की जिंदगी चलती थी.

मेयर ने ईटीवी भारत की पहल को सराहा

बेजुबानों से जुड़े कुछ सवाल लेकर जब ईटीवी भारत की टीम रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा के पास पहुंची तो सवाल सुनकर मेयर चौंक उठीं. उन्होंने कहा कि इस तरफ तो ध्यान ही नहीं गया. उन्होंने बेजुबानों के मामले को उनके संज्ञान में लाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया. मेयर ने कहा कि ईटीवी भारत के जरिए उन्हें इस बात की जानकारी मिली है लिहाजा वह इस दिशा में जरूर कुछ करेंगी.

उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों आवारा कुत्ते हैं जिनकी जिंदगी मुसीबत में है. मेयर ने कहा कि सड़कों पर कई दूसरे जानवर भी घूमते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि घरों से कचरा उठाते वक्त सब्जियों के पत्तों को अलग जमा करें, ताकि सड़कों पर भटकने वाली गाय-भैंस जैसे जानवर उसे खा सकें.

वहीं, मेयर ने ईटीवी भारत के जरिए रांचीवासियों से अपील की है कि मुसीबत की इस घड़ी में आम लोग भी भोजन का एक छोटा सा हिस्सा बेजुबानों के लिए निकालें और उसे घर के बाहर जरूर रखें. साथ ही उन्होंने छतों पर चावल या गेहूं के दाने छींटने की अपील की ताकि पक्षियों का पेट भर सके.

बेजुबानों के लिए पेटा संस्था की पहल सराहनीय

राजधानी की सड़कों पर खाने के लिए तरस रहे बेजुबान जानवरों को पेटा संस्था से जुड़े लोगों के लिए भी भोजन मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है. संस्था से जुड़े निक्की शर्मा जगह-जगह घूम कर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की कोशिश करते हैं और समय-समय पर बिस्किट देते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए झारखंड के लोगों से अपील की कि मुसीबत की इस घड़ी में बेजुबानों के प्रति इंसानियत का परिचय दें और अपने घर के बाहर अपने हिस्से का थोड़ा सा भोजन जरूर रखें.

उन्होंने कहा कि रांची में पिजन फ्लू के कारण बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत हो रही है. कबूतरों में यह आम बीमारी है लेकिन मौत के पीछे भूख एक सबसे बड़ी वजह है. लिहाजा लोगों को चाहिए कि वह अपने छत पर दाना डालें और बर्तन में पानी रखें.

रांचीः लॉकडाउन ने गरीबों को तोड़ कर रख दिया है. हर जरूरतमंद तक भोजन पहुंचाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं. प्रशासन के साथ-साथ कई संस्थाएं इस काम में जुटी हुई हैं, लेकिन राजधानी रांची में अब तक किसी ने नहीं सोचा कि बेजुबान कैसे जी रहे हैं. खासकर सड़कों पर भटकने वाले कुत्ते और बेसहारा जानवर लाचार नजर आ रहे हैं.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

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ईटीवी भारत की टीम जब इस सवाल का जवाब तलाशने राजधानी की सड़कों पर निकली तो बेजुबानों की हालत देखकर दिल कांप उठा. एक बेहद मार्मिक तस्वीर बनी अल्बर्ट एक्का चौक के पास. चौमिन के किले के बगल में दो लाचार आवारा कुत्ते निढाल पड़े थे. ऐसा लग रहा था जैसे कई दिनों से भूखे हों. दरअसल, लॉकडाउन की वजह से तमाम रेस्टोरेंट के साथ-साथ स्ट्रीट फूड की दुकानें बंद हो गई हैं, जहां के बचे खानों से इन बेजुबानों की जिंदगी चलती थी.

मेयर ने ईटीवी भारत की पहल को सराहा

बेजुबानों से जुड़े कुछ सवाल लेकर जब ईटीवी भारत की टीम रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा के पास पहुंची तो सवाल सुनकर मेयर चौंक उठीं. उन्होंने कहा कि इस तरफ तो ध्यान ही नहीं गया. उन्होंने बेजुबानों के मामले को उनके संज्ञान में लाने के लिए ईटीवी भारत को धन्यवाद दिया. मेयर ने कहा कि ईटीवी भारत के जरिए उन्हें इस बात की जानकारी मिली है लिहाजा वह इस दिशा में जरूर कुछ करेंगी.

उन्होंने कहा कि नगर निगम क्षेत्र में सैकड़ों आवारा कुत्ते हैं जिनकी जिंदगी मुसीबत में है. मेयर ने कहा कि सड़कों पर कई दूसरे जानवर भी घूमते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को निर्देश दिया गया है कि घरों से कचरा उठाते वक्त सब्जियों के पत्तों को अलग जमा करें, ताकि सड़कों पर भटकने वाली गाय-भैंस जैसे जानवर उसे खा सकें.

वहीं, मेयर ने ईटीवी भारत के जरिए रांचीवासियों से अपील की है कि मुसीबत की इस घड़ी में आम लोग भी भोजन का एक छोटा सा हिस्सा बेजुबानों के लिए निकालें और उसे घर के बाहर जरूर रखें. साथ ही उन्होंने छतों पर चावल या गेहूं के दाने छींटने की अपील की ताकि पक्षियों का पेट भर सके.

बेजुबानों के लिए पेटा संस्था की पहल सराहनीय

राजधानी की सड़कों पर खाने के लिए तरस रहे बेजुबान जानवरों को पेटा संस्था से जुड़े लोगों के लिए भी भोजन मुहैया कराना मुश्किल हो रहा है. संस्था से जुड़े निक्की शर्मा जगह-जगह घूम कर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की कोशिश करते हैं और समय-समय पर बिस्किट देते हैं. उन्होंने ईटीवी भारत के जरिए झारखंड के लोगों से अपील की कि मुसीबत की इस घड़ी में बेजुबानों के प्रति इंसानियत का परिचय दें और अपने घर के बाहर अपने हिस्से का थोड़ा सा भोजन जरूर रखें.

उन्होंने कहा कि रांची में पिजन फ्लू के कारण बड़ी संख्या में कबूतरों की मौत हो रही है. कबूतरों में यह आम बीमारी है लेकिन मौत के पीछे भूख एक सबसे बड़ी वजह है. लिहाजा लोगों को चाहिए कि वह अपने छत पर दाना डालें और बर्तन में पानी रखें.

Last Updated : Apr 17, 2020, 4:02 PM IST
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