रांची: साल 1983 में बना ओरमांझी स्थित बिहार झारखंड का एकलौता मगरमच्छ प्रजनन केंद्र मुटा अब बंद हो गया है. यहां से बचे हुए मगरमच्छों को बिरसा जैविक उद्यान ले जाया गया. मुटा के पास भैरवी नदी में मगरमच्छ पाए जाते है. इसी नदी के किनारे मगरमच्छों की संख्या बढ़ाने के लिए मुटा प्रजनन केंद्र बनाया गया है.
मुटा मगरमच्छ प्रजनन केंद्र में ओड़िशा के तीन और भैरवी नदी से दो नर मादा लाकर ब्रीडिंग की शुरुआत की गई थी. 5 मगरमच्छों से ब्रीडिंग की शुरुआत होने के बावजूद आज इस मुटा प्रजनन केंद्र में एक भी मगरमच्छ नहीं है.
कागजों में गिद्ध संरक्षण
इस मगरमच्छ प्रजनन केंद्र के नजदीक में गिद्ध प्रजनन और संरक्षण केंद्र बनाया गया, लेकिन यहां पर गिद्ध का नामोनिशान नहीं है. गिद्ध प्रजनन केंद्र बस फाइलों में चल रही है. इनके प्रजनन के लिए गिद्धों का जोड़ा लाना था, लेकिन विभाग की कागजी प्रक्रिया लंबे समय तक चलती रही. इस केंद्र में अस्पताल, नर्सरी, लैब, गिद्धों के प्रजनन के लिए कई सुविधा बनाई गई है, लेकिन गिद्ध ही नहीं हैं.
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विभागीय मंत्री का आश्वासन
विभागीय मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा कि बदलते क्लाइमेट के कारण यह स्थिति देखने को मिल रही है. विलुप्त हो रहे जीवों को बचाने के लिए सबको जागरूक होना जरूरी है. जिसके लिए केंद्र सरकार ने कई योजना चला रखी है. उन्होंने मुटा मगरमच्छ प्रजनन केंद्र और गिद्ध प्रजनन संरक्षण केंद्र के बारे में कहा कि इस विषय पर विभाग से जानकारी लेकर जल्द ही इसे दुरुस्त किया जाएगा.