रांचीः प्रदेश में अटल मोहल्ला क्लीनिक बदहाल स्थिति में है. पूर्ववर्ती सरकार में राज्य भर में 100 अटल मोहल्ला क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव निकाला गया था. मौजूदा वक्त में अभी तक मात्र 81 अटल मोहल्ला ही क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. लेकिन इसको लेकर नयी व्यवस्था के साथ फिर से लोगों के लिए दुरुस्त करने की तैयारी में स्वास्थ्य विभाग जुटा है.
इसे भी पढ़ें- अटल मोहल्ला क्लीनिक में लाखों की दवाई हो रही बर्बाद, स्वास्थ्य विभाग पर सवालिया निशान
राज्य सरकार ने अटल मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत इसीलिए की थी कि मोहल्ले के लोगों को छोटी-मोटी बीमारियों के लिए अस्पताल का चक्कर ना काटना पड़े. वह अपने मोहल्ले में ही डॉक्टर से परामर्श लेकर अपना इलाज करा सकें. दिल्ली सरकार की तर्ज पर झारखंड में भी पूर्ववर्ती सरकार रघुवर दास ने इस योजना की शुरुआत की. लेकिन सरकार बदलते ही यह योजना ठंडे बस्ते में चली गयी.
रांची में अटल मोहल्ला क्लीनिक की स्थिति के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की. हमने जब राजधानी रांची में संचालित हो रहे कुछ अटल मोहल्ला क्लीनिक का जायजा लिया. जिसमें इनकी सच्चाई की तस्वीरें कुछ अलग ही दिखाई दी. अटल मोहल्ला क्लीनिक के खुलने का समय सुबह 8:00 बजे से 10:00 बजे और शाम 6:00 बजे से 8:00 बजे तक है. लेकिन शहर में कई ऐसे अटल मोहल्ला क्लीनिक हैं जो ना तो समय पर खुल रहे हैं और ना ही मरीजों को लाभ दे पा रहे हैं.
ईटीवी भारत की टीम जब राजधानी के बीचोंबीच संचालित हो रहे बिरसा मुंडा खादगढ़ा बस स्टैंड स्थित अटल मोहल्ला क्लीनिक का जायजा लिया. जिसमें ये पाया गया कि वहां पर पिछले 15 दिनों से ज्यादा समय से ताला लगा हुआ है. क्लीनिक के अंदर कूड़ा-कचरा जमा हुआ, जिसे देखने वाला कोई नहीं है. इस बाबत स्थानीय लोगों ने बताया कि पिछले कई दिनों से क्लीनिक बंद है, ना तो डॉक्टर आ रहे हैं ना ही कोई नर्स और स्टाफ क्लीनिक पहुंच रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस वजह से प्रतिदिन जरूरतमंद मरीज क्लीनिक से बिना इलाज कराए ही वापस लौटने को मजबूर हैं.
मालूम हो कि स्वास्थ विभाग के नए आदेश के अनुसार अटल मोहल्ला क्लीनिक खोलने का समय बदल दिया गया है. जिसके अनुसार अब दिन में लगातार 4 घंटे लगातार अटल मोहल्ला क्लीनिक लोगों के लिए खोले जाएंगे. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2021-22 में 1 लाख 23 हजार 375 लोगों का इलाज अटल मोहल्ला क्लीनिक के माध्यम से हुआ. वहीं वर्ष 2020-21 में 1 लाख 55 हजार 679 मरीजों का इलाज अटल मोहल्ला क्लीनिक से हुआ है.
इसे भी पढ़ें- अटल मोहल्ला क्लीनिक सरकारी उदासीनता का दंश झेलने को मजबूर, कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं बिजली गायब
झारखंड में अटल मोहल्ला क्लीनिक का हाल
रांची में कुल 16 अटल मोहल्ला क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव रखा गया था. जिसमें अब तक मात्र 12 अटल मोहल्ला क्लीनिक ही खुल पाए हैं, उसमें भी कई मोहल्ला क्लीनिक ठीक से संचालित नहीं हो पा रहे हैं. राज्य के प्रमुख शहरों की बात करें तो आंकड़े चौंकाने वाले हैं. बोकारो में 9 अटल मोहल्ला क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव रखा गया, जिसमें अब तक मात्र 5 मोहल्ला क्लिनिक ही खुल पाए हैं. धनबाद में कुल 12 अटल मोहल्ला क्लीनिक खोलने की बात कही गयी थी लेकिन अब तक मात्र 9 मोहल्ला क्लीनिक ही खुल पाए हैं. जमशेदपुर में 16 अटल मोहल्ला क्लीनिक प्रस्तावित था, जिसमें अब तक मात्र 13 अटल मोहल्ला क्लीनिक ही संचालित हो रहे हैं. राज्य की उपराजधानी दुमका में अब तक मात्र एक अटल मुहल्ला क्लीनिक खोला गया है जबकि चाईबासा में 2 अटल मोहल्ला क्लीनिक संचालित हो रहे हैं. सिर्फ देवघर ही ऐसा जिला है जहां पर 9 मोहल्ला क्लीनिक खोलने का प्रस्ताव रखा गया था और वहां सभी 9 मोहल्ला क्लीनिक लोगों को सेवा दे रहा है.
क्या कहते हैं रांची सिविल सर्जन
अटल मोहल्ला क्लीनिक की दुर्दशा को लेकर रांची सिविल सर्जन डॉ. विनोद प्रसाद बताते हैं कि व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए नए डॉक्टर्स की बहाली की जा रही है. वहीं अस्पताल में 12 से 14 सफाई कर्मचारी की भी नियुक्ति किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि जल्द ही नए समय के अनुसार अटल मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएंगे और लोगों को सेवा देंगे.
व्यवस्था मजबूत करने की मांग
ईटीवी भारत ने जब अटल मोहल्ला क्लीनिक में काम करने वाले एएनएम से बात की तो उन्होंने बताया कि व्यवस्था को अभी और मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि कई ऐसी दवाइयां हैं जो कि मरीजों को समय पर नहीं मिल पाती है. जबकि नियमानुसार मरीजों को सभी दवा मुफ्त में दी जानी होती है. ईटीवी भारत की पड़ताल के दौरान कुछ लोगों ने बताया कि छोटी-मोटी बीमारियों के लिए अटल मोहल्ला क्लीनिक में इलाज उनके लिए वरदान साबित हो रहा है. लेकिन यहां पर व्यवस्था बेहतर कर दी जाए तो आने वाले लोग और भी ज्यादा लोग इससे लाभान्वित होंगे.
अटल मोहल्ला क्लीनिक की बदहाली पर जब सरकार में शामिल कांग्रेस नेता तौसीफ से बात की तो उन्होंने बताया कि पूर्ववर्ती सरकार ने सिर्फ उपलब्धियां गिनाने के लिए आनन-फानन में इसकी शुरुआत की थी. जिस वजह से मोहल्ला क्लीनिक से लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. लेकिन हमारी सरकार इसे चुनौती के रूप में लेती है और आने वाले समय में वो अटल मोहल्ला क्लीनिक को लोगों के लिए बेहतर बनाने का काम करेंगे. देश के पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी की दूसरी पुण्यतिथि पर इसकी शुरुआत की गई थी. लेकिन 2 साल बीतने के बावजूद भी लोगों को इसका पूर्ण लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब देखने वाली बात होगी कि वर्तमान सरकार इसको किस रूप में लेती है या फिर राजनीतिक पशोपेश में ही राज्य सरकार की यह योजना धरातल पर पूरी तरह से नहीं उतर पाएगी.