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रांची के हिंदपीढ़ी में एक धर्म विशेष के अधिकारियों की नियुक्ति, बाबूलाल ने उठाए सवाल

बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर एक धर्म विशेष के लोगों के लिए धर्म विशेष पदाधिकारियों की तैनाती करने का आरोप लगाया है. दरअसल, रांची के हिंदपीढ़ी में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद वहां विधि व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए एक धर्म विशेष के पुलिस पदाधिकारियों की विशेष रूप से तैनाती की गई है.

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बाबूलाल मरांडी
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Published : Apr 6, 2020, 4:36 PM IST

रांची: बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर एक धर्म विशेष के लोगों के लिए धर्म विशेष पदाधिकारियों की तैनाती करने का आरोप लगाया है. मरांडी ने सोमवार को कहा कि राजधानी के हिंदपीढ़ी में लोगों की स्क्रीनिंग के सहयोग करने और लॉकडाउन के दौरान विधि व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए एक धर्म विशेष के पुलिस पदाधिकारियों की विशेष रूप से तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि वहां की परिस्थितियों को ऐसे पदाधिकारी काबू में कैसे रख सकता हैं, यह समझ से परे हैं. उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भी भेजा है.

'सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए'
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय खतरनाक है और उससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को परिणाम की चिंता नहीं है. धार्मिक आधार पर विभाजन समाज में विकृति को जन्म देगा. इसका असर लंबे समय तक रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.

ये भी पढ़ें- चंद पैसों के लिए फायदा उठा रहे समाज के दुश्मन, अब एंबुलेंस चेकिंग को मजबूर हुई पुलिस

'सर्वधर्म समभाव नीति के मूल मंत्र पर चलना चाहिए'
मरांडी ने कहा कि किसी भी सरकार को वोट की राजनीति से परे सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर सर्वधर्म समभाव नीति के मूल मंत्र पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य और समाज में संतुलन बना रहे यह सबकी जवाबदेही है. दरअसल, राजधानी कें हिंदपीढ़ी इलाके में एक धर्म विशेष के लोगों की जनसंख्या ज्यादा है. साथ ही राज्य में अब तक 4 में से 2 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले वहीं से आए हैं.

रांची: बीजेपी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर एक धर्म विशेष के लोगों के लिए धर्म विशेष पदाधिकारियों की तैनाती करने का आरोप लगाया है. मरांडी ने सोमवार को कहा कि राजधानी के हिंदपीढ़ी में लोगों की स्क्रीनिंग के सहयोग करने और लॉकडाउन के दौरान विधि व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए एक धर्म विशेष के पुलिस पदाधिकारियों की विशेष रूप से तैनाती की गई है. उन्होंने कहा कि वहां की परिस्थितियों को ऐसे पदाधिकारी काबू में कैसे रख सकता हैं, यह समझ से परे हैं. उन्होंने इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक पत्र भी भेजा है.

'सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए'
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार का यह निर्णय खतरनाक है और उससे एक गलत परंपरा की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को परिणाम की चिंता नहीं है. धार्मिक आधार पर विभाजन समाज में विकृति को जन्म देगा. इसका असर लंबे समय तक रहेगा. उन्होंने कहा कि सरकार को अपने इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए.

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'सर्वधर्म समभाव नीति के मूल मंत्र पर चलना चाहिए'
मरांडी ने कहा कि किसी भी सरकार को वोट की राजनीति से परे सामाजिक संतुलन को ध्यान में रखकर सर्वधर्म समभाव नीति के मूल मंत्र पर चलना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य और समाज में संतुलन बना रहे यह सबकी जवाबदेही है. दरअसल, राजधानी कें हिंदपीढ़ी इलाके में एक धर्म विशेष के लोगों की जनसंख्या ज्यादा है. साथ ही राज्य में अब तक 4 में से 2 कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामले वहीं से आए हैं.

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