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बाबूलाल मरांडी ने लिखा CM को पत्र, कहा- रोज कमाने वाले लोगों को सहायता दे सरकार

झारखंड बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से रोज कमाने वाले मजदूरों को आर्थिक सहायता करने की बात कही है. मरांडी ने कहा कि ये तबके संकट की इस घड़ी में सरकारी सहायता से अब तक वंचित रहे हैं.

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Published : May 14, 2020, 10:22 PM IST

Babulal marandi writes letter to cm hemant soren in ranchi
बाबूलाल मरांडी

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से रोज कमाने खानेवाले लोगों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. मरांडी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट ने सभी तबके के लोगों की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है. खासकर प्रतिदिन कमाने-खाने वालों की स्थिति काफी भयावह हो गई है.

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सरकारी सहायता से अब तक वंचित

इन तबके में दर्जी, धोबी, नाई, लोहार, बढ़ई, फूल विक्रेता आदि प्रमुख हैं. ये ऐसे तबके हैं जो संकट की व्यापकता की आपाधापी में कहीं न कहीं नजरों से ओझल रह गए हैं. लाॅकडाउन के कारण इन सभी तबकों का व्यवसाय पूरी तरह ठप है. इस वजह से इन तबके के लोगों के समक्ष अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मरांडी ने कहा कि ये तबके संकट की इस घड़ी में सरकारी सहायता से अब तक वंचित रहे हैं. लाॅकडाउन अवधि के विस्तार के साथ-साथ इनकी परेशानी उसी अनुपात में लगातार बढ़ती जा रही है. कर्नाटक आदि राज्यों में ऐसे ही कई तबके के लिए सरकार ने 5000 रूपये तक आर्थिक मदद के अलावा अन्य लाभ देने का ऐलान किया है. झारखंड में भी संकट से प्रभावित इन तबकों को कुछ ऐसी ही सरकारी सहायता की जरूरत है. मरांडी ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे लोगों को चिन्ह्ति कर 5000 रूपया की आर्थिक मदद का ऐलान सरकार को अविलंब करनी चाहिए. मरांडी ने कहा कि इस पर तत्काल पहल करने की जरूरत है. उपर्युक्त सभी तबके समाज के और राज्य के ही महत्वपूर्ण अंग हैं. ऐसे में इनकी सुध लेना सरकार का ही दायित्व है.

रांचीः बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार से रोज कमाने खानेवाले लोगों को आर्थिक सहायता देने की मांग की है. मरांडी ने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संकट ने सभी तबके के लोगों की आर्थिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है. खासकर प्रतिदिन कमाने-खाने वालों की स्थिति काफी भयावह हो गई है.

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सरकारी सहायता से अब तक वंचित

इन तबके में दर्जी, धोबी, नाई, लोहार, बढ़ई, फूल विक्रेता आदि प्रमुख हैं. ये ऐसे तबके हैं जो संकट की व्यापकता की आपाधापी में कहीं न कहीं नजरों से ओझल रह गए हैं. लाॅकडाउन के कारण इन सभी तबकों का व्यवसाय पूरी तरह ठप है. इस वजह से इन तबके के लोगों के समक्ष अपने और अपने परिवार के भरण-पोषण में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मरांडी ने कहा कि ये तबके संकट की इस घड़ी में सरकारी सहायता से अब तक वंचित रहे हैं. लाॅकडाउन अवधि के विस्तार के साथ-साथ इनकी परेशानी उसी अनुपात में लगातार बढ़ती जा रही है. कर्नाटक आदि राज्यों में ऐसे ही कई तबके के लिए सरकार ने 5000 रूपये तक आर्थिक मदद के अलावा अन्य लाभ देने का ऐलान किया है. झारखंड में भी संकट से प्रभावित इन तबकों को कुछ ऐसी ही सरकारी सहायता की जरूरत है. मरांडी ने सुझाव देते हुए कहा कि प्रदेश में ऐसे लोगों को चिन्ह्ति कर 5000 रूपया की आर्थिक मदद का ऐलान सरकार को अविलंब करनी चाहिए. मरांडी ने कहा कि इस पर तत्काल पहल करने की जरूरत है. उपर्युक्त सभी तबके समाज के और राज्य के ही महत्वपूर्ण अंग हैं. ऐसे में इनकी सुध लेना सरकार का ही दायित्व है.

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