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लैंड म्यूटेशन बिल को बाबूलाल मरांडी ने बताया काला कानून, सरकार से निरस्त करने की मांग - लैंड म्यूटेशन बिल पर बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया

बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को काला कानून बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार इसको जबरदस्ती जनता पर थोपने की कोशिश कर रही है. इसका विरोध किया जाएगा.

Babulal Marandi demanded government to repeal land mutation bill
बाबूलाल मरांडी
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Published : Sep 18, 2020, 1:27 PM IST

रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक आहूत की गई है. इस मानसून सत्र में जनता से जुड़े कई मुद्दों को उठाया जाएगा. इसमें से सबसे मुख्य मुद्दा झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल है, जिसका विरोध विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी नेता कर रहे हैं.

देखिए पूरी खबर

झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने काला कानून बताया है. उन्होंने कहा है कि ये गरीब जनता की जमीन को लूटने की साजिश है, क्योंकि जमीन से जुड़े सीओ कर्मचारी डीसी होते हैं. ऐसे में जो झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल जलाया गया है उसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा. जमीन के मामले में भ्रष्टाचार सामने आएंगे.

ये भी पढे़ं: झारखंड विधानसभा: मानसून सत्र के पहले दिन 2584 करोड़ का अनुपूरक बजट पेश

उन्होंने कहा कि इन लोगों के द्वारा मनमानी तरीके से भू-माफियाओं से मिलकर जमीन की हेराफेरी करेंगे. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है, जिसमें बिल वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन सरकार के द्वारा यह कानून जनता के बीच थोपने का काम किया जा रहा है. जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. सदन में भी आवाज उठाई जाएगी.

रांची: झारखंड विधानसभा का मानसून सत्र 18 सितंबर से 22 सितंबर तक आहूत की गई है. इस मानसून सत्र में जनता से जुड़े कई मुद्दों को उठाया जाएगा. इसमें से सबसे मुख्य मुद्दा झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल है, जिसका विरोध विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के भी नेता कर रहे हैं.

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झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल 2020 को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने काला कानून बताया है. उन्होंने कहा है कि ये गरीब जनता की जमीन को लूटने की साजिश है, क्योंकि जमीन से जुड़े सीओ कर्मचारी डीसी होते हैं. ऐसे में जो झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल जलाया गया है उसे अधिकारियों का मनोबल बढ़ेगा. जमीन के मामले में भ्रष्टाचार सामने आएंगे.

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उन्होंने कहा कि इन लोगों के द्वारा मनमानी तरीके से भू-माफियाओं से मिलकर जमीन की हेराफेरी करेंगे. इसको लेकर उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा है, जिसमें बिल वापस लेने की मांग की गई है, लेकिन सरकार के द्वारा यह कानून जनता के बीच थोपने का काम किया जा रहा है. जिसका पुरजोर विरोध किया जाएगा. सदन में भी आवाज उठाई जाएगी.

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