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विधानसभा चुनाव 2019: कोडरमा विधानसभा क्षेत्र की जनता का मेनिफेस्टो - vidhansabha election 2019

विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आते ही कोडरमा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है. लोगों ने मिली जुली प्रक्रिया देते हुए बताया कि यहां की मूल समस्या बिजली और स्वास्थ्य है. कोडरमा घाटी में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है.

कोडरमा विधानसभा की जनता का मेनिफेस्टो
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Published : Sep 18, 2019, 6:02 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 7:20 PM IST

कोडरमा: झारखंड का एक सीमावर्ती जिला कोडरमा है. इसकी सीमाएं उत्तर में बिहार के नवादा, उत्तर पश्चिम में गया, दक्षिण पश्चिम में झारखंड के चतरा, दक्षिण में हजारीबाग और पूर्वी में गिरिडीह जिले से मिलती हैं. बिहार के नवादा और गया के साथ ही झारखंड के चतरा हजारीबाग और गिरिडीह सभी उग्रवाद प्रभावित जिले हैं. इस वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही बेरोजगारी भी एक बड़ा मसला है. विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आते ही कोडरमा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

कोडरमा चारों तरफ से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से घिरा हुआ है. इस जिले में कुल 6 प्रखंड हैं, जिसमें सतगावां, मरकच्चो चंदवारा, जय नगर और कोडरमा प्रखंड घने जंगलों पहाड़ों और नदियों से घिरे हुए हैं. इस जिले के अधिकतम भू-भाग जंगल, पहाड़ और नदियों से घिरे पड़े हैं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: पलामू की जनता का मेनिफेस्टो

10 अप्रैल 1994 को कोडरमा को जिले के रूप में घोषित किया गया. इससे पहले यह हजारीबाग जिले के अंदर आता था. राजधानी रांची से कोडरमा 165 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. कोडरमा 1500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. कोडरमा जिले की कुल आबादी 7 लाख 31 हजार 948 हैं. कोडरमा विधानसभा में कुल मतदाता 3 लाख 14 हजार 294 हैं, जिसमें महिला 1 लाख 48 हजार 942, जबकि पुरुष मतदाता की 1 लाख 65 हजार 352 है.

कोडरमा को अभ्रक नगरी के रूप में जाना जाता है, जबकि वन अधिनियम के लागू होने से माइका की सभी छोटी-बड़ी खदाने बंद हो चुकी हैं. कोडरमा जिले में 2 शहर हैं एक झुमरी तिलैया दूसरा खुद कोडरमा. कोडरमा विधानसभा सीट आरजेडी की परंपरागत सीट रही है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के कारण कोडरमा विधानसभा सीट भाजपा की झोली में चली गई और अन्नपूर्णा देवी को हराकर बीजेपी की नीरा यादव कोडरमा की विधायक बनीं.

ये भी पढ़ें- विधानसभा चुनाव 2019: देवघर की जनता का मेनिफेस्टो

विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ चुकी है. ऐसे में चौक चौराहों पर सियासी चर्चाओं का दौर भी शुरु हो चुका है. कोडरमा विधानसभा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो रख दिया है. लोगों ने मिली जुली प्रक्रिया देते हुए बताया कि यहां की मूल समस्या बिजली और स्वास्थ्य है. कोडरमा घाटी में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है. जबकि सालों से यहां के लोग ट्रॉमा सेंटर की मांग कर रहे हैं. थर्मल पॉवर प्लांट होने के वाबजूद भी कोडरमा के लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है. कोडरमा में एक भी कारखानों का निर्माण नहीं हुआ, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है. लोग पलायन को मजबूर हैं.

कोडरमा: झारखंड का एक सीमावर्ती जिला कोडरमा है. इसकी सीमाएं उत्तर में बिहार के नवादा, उत्तर पश्चिम में गया, दक्षिण पश्चिम में झारखंड के चतरा, दक्षिण में हजारीबाग और पूर्वी में गिरिडीह जिले से मिलती हैं. बिहार के नवादा और गया के साथ ही झारखंड के चतरा हजारीबाग और गिरिडीह सभी उग्रवाद प्रभावित जिले हैं. इस वजह से लोग यहां से पलायन कर रहे हैं. इसके साथ ही बेरोजगारी भी एक बड़ा मसला है. विधानसभा चुनाव 2019 नजदीक आते ही कोडरमा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो ईटीवी भारत से साझा किया है.

वीडियो में देखें ये स्पेशल स्टोरी

कोडरमा चारों तरफ से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से घिरा हुआ है. इस जिले में कुल 6 प्रखंड हैं, जिसमें सतगावां, मरकच्चो चंदवारा, जय नगर और कोडरमा प्रखंड घने जंगलों पहाड़ों और नदियों से घिरे हुए हैं. इस जिले के अधिकतम भू-भाग जंगल, पहाड़ और नदियों से घिरे पड़े हैं.

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10 अप्रैल 1994 को कोडरमा को जिले के रूप में घोषित किया गया. इससे पहले यह हजारीबाग जिले के अंदर आता था. राजधानी रांची से कोडरमा 165 किलोमीटर दूरी पर स्थित है. कोडरमा 1500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. कोडरमा जिले की कुल आबादी 7 लाख 31 हजार 948 हैं. कोडरमा विधानसभा में कुल मतदाता 3 लाख 14 हजार 294 हैं, जिसमें महिला 1 लाख 48 हजार 942, जबकि पुरुष मतदाता की 1 लाख 65 हजार 352 है.

कोडरमा को अभ्रक नगरी के रूप में जाना जाता है, जबकि वन अधिनियम के लागू होने से माइका की सभी छोटी-बड़ी खदाने बंद हो चुकी हैं. कोडरमा जिले में 2 शहर हैं एक झुमरी तिलैया दूसरा खुद कोडरमा. कोडरमा विधानसभा सीट आरजेडी की परंपरागत सीट रही है. हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव 2014 में मोदी लहर के कारण कोडरमा विधानसभा सीट भाजपा की झोली में चली गई और अन्नपूर्णा देवी को हराकर बीजेपी की नीरा यादव कोडरमा की विधायक बनीं.

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विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ चुकी है. ऐसे में चौक चौराहों पर सियासी चर्चाओं का दौर भी शुरु हो चुका है. कोडरमा विधानसभा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो रख दिया है. लोगों ने मिली जुली प्रक्रिया देते हुए बताया कि यहां की मूल समस्या बिजली और स्वास्थ्य है. कोडरमा घाटी में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण आज तक नहीं हो पाया है. जबकि सालों से यहां के लोग ट्रॉमा सेंटर की मांग कर रहे हैं. थर्मल पॉवर प्लांट होने के वाबजूद भी कोडरमा के लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही है. कोडरमा में एक भी कारखानों का निर्माण नहीं हुआ, जिसके कारण बेरोजगारी बढ़ी है. लोग पलायन को मजबूर हैं.

Intro:कोडरमा जिला झारखंड राज्य का एक सीमावर्ती जिला है । जिसकी सीमाएं उत्तर में बिहार राज्य के नवादा जिले ,उत्तर पश्चिम में गया जिला , दक्षिण पश्चिम में झारखंड के चतरा जिले दक्षिण में हजारीबाग जिले तथा पूर्वी में गिरिडीह जिले से मिलती है । बिहार राज्य के नवादा और गया तथा झारखंड राज के चतरा हजारीबाग एवं गिरिडीह सभी उग्रवाद प्रभावित जिले हैं । इस तरह कोडरमा जिला चारों तरफ से उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों से घिरा हुआ है। इस जिले में कुल 6 प्रखंड है जिसमें सतगावां , मरकच्चो चंदवारा जय नगर और कोडरमा प्रखंड घने जंगलों पहाड़ों और नदियों से आच्छादित एवं घिरे हुए हैं । इस तरह इस जिले के अधिकतम भूभाग जंगल पहाड़ और नदियों से घिरे पड़े हैं ।


Body:10 अप्रैल 1994 को कोडरमा को जिला के रूप में घोषित किया गया था । इससे पहले यह हजारीबाग जिले के अंदर आता था ।राजधानी रांची से कोडरमा 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं ।कोडरमा जिला 1500 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ हैं ।कोडरमा जिले की कुल आबादी 7,31,948 हैं । कोडरमा विधानसभा में टोटल मतदाता 3,14,294 हैं जिसमे महिला 1,48,942 जबकि पुरुष मतदाता की संख्या 1,65,352 हैं ।कोडरमा जिले को अभ्रक नगरी के रूप में जाना जाता हैं जबकि वन अधिनियम के लागू होने से माईका की सभी छोटी-बड़ी खदानें बंद हो चुकी हैं ।कोडरमा जिले में में दो शहर हैं एक झुमरी तिलैया दूसरा खुद कोडरमा ।


Conclusion:कोडरमा विधानसभा सीट आरजेडी की परंपरागत सीट रही हैं ।लेकिन पिछले 2014 विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण कोडरमा विधानसभा सीट भाजपा की झोली में चली गयी और अन्नपूर्णा देवी को हराकर बीजेपी की नीरा यादव कोडरमा की विधायक बनी । विधानसभा चुनाव की घड़ी नजदीक आ चुकी हैं ऐसे में चौक चौराहों पर सियासी चर्चाओं का दौर भी सुरु हो चुका हैं ।कोडरमा विधानसभा की जनता ने अपना मेनिफेस्टो रख दिया हैं ।लोगों ने मिली जुली प्रक्रिया देते हुए बताया कि यहाँ की मूल समस्या बिजली और स्वास्थ्य की हैं ।कोडरमा घाटी में ट्रॉमा सेंटर का निर्माण आज तक नहीं हो पाया हैं जबकि वर्षो से यहाँ के लोग ट्रॉमा सेंटर की मांग कर रहे हैं ।थर्मल पावर प्लांट होने के वाबजूद भी कोडरमा के लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली नहीं मिल पा रही हैं ।कोडरमा में एक भी कल कारखानों का निर्माण नहीं हुआ हैं जिसके कारण बेरोजगारी बड़ी हैं लोग पलायन को मजबूर हैं ।कोडरमा विधानसभा की जनता का मेनिफेस्टो जानने की कोशिश की हमारे कोडरमा संबाददाता भोला शंकर ने ।
Last Updated : Sep 18, 2019, 7:20 PM IST
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