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अग्रवाल बंधु हत्याकांड की मिस्ट्री सुलझाएगी अरगोड़ा पुलिस, कोर्ट से मिली 3 दिनों की रिमांड

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Published : Dec 15, 2020, 6:48 PM IST

Updated : Dec 15, 2020, 7:00 PM IST

अग्रवाल बंधु की हत्या के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी से अरगोड़ा पुलिस पूछताछ करेगी. रिमांड का आवेदन को लेकर अपर न्याययुक्त विशाल कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने मंजूरी दे दी है.

Aggarwal brothers murder case
अग्रवाल बंधु हत्याकांड

रांची: बहुचर्चित अग्रवाल बंधु की हत्या के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी से अरगोड़ा पुलिस पूछताछ करेगी. केस आइयो द्वारा दी गई रिमांड की आवेदन को लेकर अपर न्याययुक्त विशाल कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. पूछताछ के लिए पुलिस को 3 दिनों का रिमांड मिला है. अरगोड़ा पुलिस मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी से हत्या की राज उगलवाएगी. अग्रवाल बंधुओं की हत्या के 21 महीनों से फरार चल रहे लोकेश चौधरी ने 9 दिसंबर को कोर्ट के समक्ष खुद को सरेंडर किया है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने मनाई लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की पुण्यतिथि, बीजेपी के किसान पंचायत पर साधा निशाना

अग्रवाल बंधु हत्याकांड में तीन की गिरफ्तारी

अग्रवाल बंधुओं की हत्याकांड में शामिल 5 में से तीन लोग फिलहाल जेल में हैं. हत्या के 2 दिन बाद मुख्य आरोपी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बॉडीगार्ड सुनील सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था. दोनों बॉडीगार्ड ने इस मामले में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी और मुख्य आरोपी के सहयोगी एमके सिंह के द्वारा की गई थी.

6 मार्च 2019 को हुई थी हत्या

6 मार्च 2019 की शाम को करीब 4 बजे दोनों सगे भाई महेश अग्रवाल और उसके छोटे भाई हेमंत अग्रवाल अपने घर से निकल कर निजी न्यूज चैनल के मालिक लोकेश चौधरी के पास अपने 5 लाख रुपये बकाया की मांग करने गए थे, लेकिन देर रात तक जब दोनों भाई अपने घर वापस नहीं लौटे तो घरवालों ने ही लालपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस को घरवालों से दोनों भाइयों का नंबर मिला. महेंद्र अग्रवाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन और हेमंत अग्रवाल के मोबाइल के अंतिम लोकेशन दोनों अशोकनगर में मिला. इसके बाद पुलिस दोनों इलाकों की छानबीन की. दोनों अग्रवाल बंधु पवन एयर कार्गो के मालिक थे. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के साथ इन लोगों की पैसे की लेनदेन हुई थी.

एसआईटी टीम का गठन

अग्रवाल बंधुओं की मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाने को लेकर एसआईटी टीम की गठन किया गया. एसआईटी टीम ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों में छापेमारी की, लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर रहे. मामले में मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सरेंडर करने के बाद अदालत ने अरगोड़ा थाने को रिमाइंड की अनुमति दे दी है, जहां से लोकेश चौधरी से पूछताछ कर पुलिस पूरे मामले की मिस्ट्री को सुलझाने की कोशिश करेगी.

बता दें कि राजधानी रांची के अशोक नगर के रोड नंबर-1 में मकान संख्या 199/c के कमरे में 6 मार्च 2019 की शाम दो सगे भाई हेमंत और महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का मुख्य आरोपी निजी चैनल के फ्रेंचाइजी लोकेश चौधरी पर था, जो घटना के बाद से ही फरार हो गया. मृतक दोनों भाई अपने व्यवसाय के साथ-साथ सूद पर पैसे लगाने का काम करते थे. घटना के दिन दोनों भाई काले रंग के बैग में करीब दो करोड़ रुपये रखकर स्कूटी से घर निकले थे.

रांची: बहुचर्चित अग्रवाल बंधु की हत्या के मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी से अरगोड़ा पुलिस पूछताछ करेगी. केस आइयो द्वारा दी गई रिमांड की आवेदन को लेकर अपर न्याययुक्त विशाल कुमार श्रीवास्तव की कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. पूछताछ के लिए पुलिस को 3 दिनों का रिमांड मिला है. अरगोड़ा पुलिस मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी से हत्या की राज उगलवाएगी. अग्रवाल बंधुओं की हत्या के 21 महीनों से फरार चल रहे लोकेश चौधरी ने 9 दिसंबर को कोर्ट के समक्ष खुद को सरेंडर किया है.

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अग्रवाल बंधु हत्याकांड में तीन की गिरफ्तारी

अग्रवाल बंधुओं की हत्याकांड में शामिल 5 में से तीन लोग फिलहाल जेल में हैं. हत्या के 2 दिन बाद मुख्य आरोपी के ड्राइवर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद बॉडीगार्ड सुनील सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया था, जबकि एक अन्य बॉडीगार्ड धर्मेंद्र तिवारी ने कोर्ट में सरेंडर किया था. दोनों बॉडीगार्ड ने इस मामले में खुलासा किया था कि पैसे को लेकर दोनों भाइयों की हत्या लोकेश चौधरी और मुख्य आरोपी के सहयोगी एमके सिंह के द्वारा की गई थी.

6 मार्च 2019 को हुई थी हत्या

6 मार्च 2019 की शाम को करीब 4 बजे दोनों सगे भाई महेश अग्रवाल और उसके छोटे भाई हेमंत अग्रवाल अपने घर से निकल कर निजी न्यूज चैनल के मालिक लोकेश चौधरी के पास अपने 5 लाख रुपये बकाया की मांग करने गए थे, लेकिन देर रात तक जब दोनों भाई अपने घर वापस नहीं लौटे तो घरवालों ने ही लालपुर थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस को घरवालों से दोनों भाइयों का नंबर मिला. महेंद्र अग्रवाल के मोबाइल की अंतिम लोकेशन और हेमंत अग्रवाल के मोबाइल के अंतिम लोकेशन दोनों अशोकनगर में मिला. इसके बाद पुलिस दोनों इलाकों की छानबीन की. दोनों अग्रवाल बंधु पवन एयर कार्गो के मालिक थे. मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी के साथ इन लोगों की पैसे की लेनदेन हुई थी.

एसआईटी टीम का गठन

अग्रवाल बंधुओं की मर्डर की मिस्ट्री को सुलझाने को लेकर एसआईटी टीम की गठन किया गया. एसआईटी टीम ने बिहार, बंगाल और यूपी के कई जगहों में छापेमारी की, लेकिन दोनों आरोपी पुलिस के गिरफ्त से बाहर रहे. मामले में मुख्य आरोपी लोकेश चौधरी ने विशाल श्रीवास्तव की अदालत में सरेंडर करने के बाद अदालत ने अरगोड़ा थाने को रिमाइंड की अनुमति दे दी है, जहां से लोकेश चौधरी से पूछताछ कर पुलिस पूरे मामले की मिस्ट्री को सुलझाने की कोशिश करेगी.

बता दें कि राजधानी रांची के अशोक नगर के रोड नंबर-1 में मकान संख्या 199/c के कमरे में 6 मार्च 2019 की शाम दो सगे भाई हेमंत और महेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हत्या का मुख्य आरोपी निजी चैनल के फ्रेंचाइजी लोकेश चौधरी पर था, जो घटना के बाद से ही फरार हो गया. मृतक दोनों भाई अपने व्यवसाय के साथ-साथ सूद पर पैसे लगाने का काम करते थे. घटना के दिन दोनों भाई काले रंग के बैग में करीब दो करोड़ रुपये रखकर स्कूटी से घर निकले थे.

Last Updated : Dec 15, 2020, 7:00 PM IST
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