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600 एकलव्य विद्यालयों में तीरंदाजी अनिवार्य, अर्जुन मुंडा शनिवार को 5 नए एकलव्य विद्यालयों की रखेंगे आधारशिला

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Published : Jul 2, 2021, 8:23 PM IST

आदिवासी बच्चों को भी बहुआयामी शिक्षा देने के लिए नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य विद्यालय का प्रारूप दिया गया है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा 3 और 4 जुलाई को पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के 5 विद्यालयों का शिलान्यास करेंगे. देश में तीरंदाजी को बढ़ावा देने के लिए 600 एकलव्य विद्यालयों में तीरंदाजी को अनिवार्य कर दिया गया है. एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए 2018-19 के केंद्रीय बजट में एलान किया था.

Archery compulsory in 600 Eklavya schools
अर्जुन मुंडा

रांची: फ्रांस में झारखंड की खिलाड़ियों ने गोल्ड पर निशाना साध कर विश्व तिरंदाजी में ना सिर्फ भारत का बल्कि राज्य का नाम भी रोशन किया. इस खेल को और बढ़ावा देने के लिए देश में तीरंदाजी को बढ़ावा देने के लिए 600 एकलव्य विद्यालयों में तीरंदाजी को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि दीपिका कुमारी, अंकिता भगत और कमालिका बारी की तरह झारखंड में तिरंदाजी के खिलाड़ी निकल सकें. इसके अलावा खूंटी से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखेंगे. अर्जुन मुंडा ने इस बात की जानकारी अपने ट्विटर पेज पर भी साझा की है. कार्यक्रम के तहत 3 जुलाई को सरायकेला-खरसावां जिले के खैरबानी में सुबह 11 बजे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी जाएगी.

पांच एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास

अर्जुन मुंडा 3 और 4 जुलाई को पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के 5 विद्यालयों का शिलान्यास करेंगे. केंद्रीय मंत्री सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के खैरबानी में सुबह 11 बजे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखेंगे. इसके अलावा शनिवार को ही दोपहर तीन बजे पश्चिमी सिंहभूम के हाट गम्हरिया के सियालजोड़ी गांव में और शाम चार बजे मझगांव प्रखंड के हल्दिया में एकलव्य विद्यालय की आधारशिला रखेंगे.

ये भी पढ़ें: एकलव्य विद्यालय में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन, बच्चों की लगन देख भर आई मंत्री लुईस मरांडी की आंखें

कहां होंगे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय

50 फीसदी से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20 हजार आदिवासी व्यक्तियों वाले हर ब्लॉक में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की योजना है. एकलव्य स्कूलों की शुरुआत 1997-98 में आदिवासी छात्रों के विकास के लिए की गई है. इन स्कूलों में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्राथमिक से लेकर 12 वीं स्तर की शिक्षा दी जाती है.

ये भी पढ़ें: दिशा समिति की पहली बैठक, झारखंड में 14 एकलव्य विद्यालय को सृजित करने का अर्जुन मुंडा ने दी स्वीकृति

2018-19 के केंद्रीय बजट में एलान

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे और बेहतर बनाने के लिए 2018-19 के केंद्रीय बजट में एलान किया था कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20 हजार आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक प्रखंड में एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने देश भर में 452 नए स्कूल स्थापित करने का फैसला लिया है. नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने की बात कही जा रही है. इसके तहत राज्य में एक पहचाने गए व्यक्तिगत खेल और एक समूह के खेल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी.

रांची: फ्रांस में झारखंड की खिलाड़ियों ने गोल्ड पर निशाना साध कर विश्व तिरंदाजी में ना सिर्फ भारत का बल्कि राज्य का नाम भी रोशन किया. इस खेल को और बढ़ावा देने के लिए देश में तीरंदाजी को बढ़ावा देने के लिए 600 एकलव्य विद्यालयों में तीरंदाजी को अनिवार्य कर दिया गया है ताकि दीपिका कुमारी, अंकिता भगत और कमालिका बारी की तरह झारखंड में तिरंदाजी के खिलाड़ी निकल सकें. इसके अलावा खूंटी से बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा झारखंड में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों की आधारशिला रखेंगे. अर्जुन मुंडा ने इस बात की जानकारी अपने ट्विटर पेज पर भी साझा की है. कार्यक्रम के तहत 3 जुलाई को सरायकेला-खरसावां जिले के खैरबानी में सुबह 11 बजे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखी जाएगी.

पांच एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों का शिलान्यास

अर्जुन मुंडा 3 और 4 जुलाई को पूर्वी और पश्चिमी सिंहभूम के 5 विद्यालयों का शिलान्यास करेंगे. केंद्रीय मंत्री सरायकेला-खरसावां जिले के राजनगर प्रखंड के खैरबानी में सुबह 11 बजे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय की आधारशिला रखेंगे. इसके अलावा शनिवार को ही दोपहर तीन बजे पश्चिमी सिंहभूम के हाट गम्हरिया के सियालजोड़ी गांव में और शाम चार बजे मझगांव प्रखंड के हल्दिया में एकलव्य विद्यालय की आधारशिला रखेंगे.

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कहां होंगे एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय

50 फीसदी से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20 हजार आदिवासी व्यक्तियों वाले हर ब्लॉक में एक एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय बनाने की योजना है. एकलव्य स्कूलों की शुरुआत 1997-98 में आदिवासी छात्रों के विकास के लिए की गई है. इन स्कूलों में अनुसूचित जनजाति के छात्रों को प्राथमिक से लेकर 12 वीं स्तर की शिक्षा दी जाती है.

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2018-19 के केंद्रीय बजट में एलान

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने इसे और बेहतर बनाने के लिए 2018-19 के केंद्रीय बजट में एलान किया था कि 50 प्रतिशत से अधिक एसटी आबादी और कम से कम 20 हजार आदिवासी व्यक्तियों वाले प्रत्येक प्रखंड में एकलव्य माडल आवासीय विद्यालय बनाया जाएगा. केंद्र सरकार ने देश भर में 452 नए स्कूल स्थापित करने का फैसला लिया है. नवोदय विद्यालय की तर्ज पर एकलव्य स्कूलों को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किए जाने की बात कही जा रही है. इसके तहत राज्य में एक पहचाने गए व्यक्तिगत खेल और एक समूह के खेल के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी.

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