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DSPMU में शिक्षकों की भारी कमी, अनुबंध पर रखे जा रहे 45 शिक्षक - रांची विश्वविद्यालय

डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति करने में जुटी है. इसको लेकर राज्य सरकार को 45 शिक्षकों का बजट बनाकर भेजा गया है और अपने स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गई है.

teachers on contract in DSPMU
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय
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Published : Dec 23, 2020, 2:57 PM IST

Updated : Dec 23, 2020, 3:04 PM IST

रांची: गठन के बाद से ही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी का मार झेल रहा है. इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति करने में जुटी है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को 45 शिक्षकों का बजट बनाकर भेजा गया है और अपने स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गई है.

देखिए पूरी खबर

ये भी पढे़ं: सेवा से बर्खास्त पुलिस अफसरों की बहाली का रास्ता साफ, गृह विभाग ने जारी किया आदेश

राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है. शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. रांची विश्वविद्यालय के अलावे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों की भारी कमी है. इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय अपने स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को लेकर प्रक्रिया शुरू की है. कुछ दिन पूर्व ही डीएसपीएमयू की ओर से अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवेदन जारी किया गया था. उनका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी कर लिया गया है. इस विश्वविद्यालय में 166 पद है, जिसमें 106 पद अभी भी खाली है.

60 शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन

इसमें मात्र 60 शिक्षक हैं और इन्हीं के भरोसे फिलहाल पठन-पाठन संचालित हो रहे हैं. सरकार की ओर से 20 से 25 पदों को भरा गया है और ये शिक्षक भी अनुबंध पर ही हैं. बाकी बचे पदों पर डीएसपीएमयू अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षक रख रही है. इसके लिए राज्य सरकार को 45 शिक्षकों के लिए एक बजट बनाकर भेजा भी गया है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं आया है. 40 से 45 शिक्षकों का नियुक्ति विश्वविद्यालय करने जा रही है. घंटी के आधार पर उन्हें मानदेय भुगतान किया जाएगा.

अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति

स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला जेपीएससी के समक्ष अभी भी लंबित है. इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. इस वजह से विश्वविद्यालय प्रबंधन नाराज है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी की माने तो लगातार शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षा विभाग के साथ-साथ जेपीएससी को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुआ है. इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय अपने स्तर पर घंटी के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है. उपयोगिता के तहत विभिन्न विषयों के लिए शिक्षकों को रखे जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों के पठन-पाठन में कोई परेशानी न आए.

रांची: गठन के बाद से ही डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी का मार झेल रहा है. इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति करने में जुटी है. इसी कड़ी में विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से राज्य सरकार को 45 शिक्षकों का बजट बनाकर भेजा गया है और अपने स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर प्रक्रिया भी शुरू की गई है.

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राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है. शिक्षकों की कमी के कारण विद्यार्थियों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. रांची विश्वविद्यालय के अलावे डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में भी शिक्षकों की भारी कमी है. इसके बावजूद यह विश्वविद्यालय अपने स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति करने को लेकर प्रक्रिया शुरू की है. कुछ दिन पूर्व ही डीएसपीएमयू की ओर से अनुबंध शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर आवेदन जारी किया गया था. उनका डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन भी कर लिया गया है. इस विश्वविद्यालय में 166 पद है, जिसमें 106 पद अभी भी खाली है.

60 शिक्षकों के भरोसे पठन-पाठन

इसमें मात्र 60 शिक्षक हैं और इन्हीं के भरोसे फिलहाल पठन-पाठन संचालित हो रहे हैं. सरकार की ओर से 20 से 25 पदों को भरा गया है और ये शिक्षक भी अनुबंध पर ही हैं. बाकी बचे पदों पर डीएसपीएमयू अपने स्तर से अनुबंध पर शिक्षक रख रही है. इसके लिए राज्य सरकार को 45 शिक्षकों के लिए एक बजट बनाकर भेजा भी गया है, लेकिन सरकार की ओर से अब तक कोई फैसला नहीं आया है. 40 से 45 शिक्षकों का नियुक्ति विश्वविद्यालय करने जा रही है. घंटी के आधार पर उन्हें मानदेय भुगतान किया जाएगा.

अनुबंध पर शिक्षकों की नियुक्ति

स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति का मामला जेपीएससी के समक्ष अभी भी लंबित है. इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है. इस वजह से विश्वविद्यालय प्रबंधन नाराज है. विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय कुमार चौधरी की माने तो लगातार शिक्षकों की कमी को लेकर शिक्षा विभाग के साथ-साथ जेपीएससी को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुआ है. इसी को देखते हुए विश्वविद्यालय अपने स्तर पर घंटी के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति कर रही है. उपयोगिता के तहत विभिन्न विषयों के लिए शिक्षकों को रखे जा रहे हैं ताकि विद्यार्थियों के पठन-पाठन में कोई परेशानी न आए.

Last Updated : Dec 23, 2020, 3:04 PM IST
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