रांची: राजस्थान में डॉक्टर अर्चना के साथ हुई घटना को लेकर झारखंड के चिकित्सकों ने विरोध जताया है. इसी को लेकर रिम्स कॉलेज के सभी चिकित्सकों एवं छात्रों ने परिसर में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया. इस विरोध प्रदर्शन में जेडीए, सीनियर टीचर, आईएमए, झासा सहित कई चिकित्सक शामिल हुए. विरोध प्रदर्शन में शामिल रिम्स के छात्रों ने बताया कि डॉ अर्चना के साथ हुई घटना निंदनीय है. चिकित्सा सेवा निस्वार्थ सेवा है और प्रत्येक डॉक्टर पढ़ाई के दौरान यही सीख कर जाता है कि मरीज की जान कैसे बचाएं.
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राजस्थान में प्रसूता की मौत के बाद डॉक्टर अर्चना के साथ दुर्व्यवहार किया गया. यही नहीं उनके खिलाफ केस भी दर्ज किया गया जिसके दबाव में उन्होंने आत्महत्या कर ली. इस मामले के बाद देश भर में डॉक्टर आक्रोशित हो गए हैं और प्रदर्शन कर मेडिकल प्रोटेक्शन कानून की मांग कर रहे हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन यानी जेडीए के अध्यक्ष डॉ विकास ने कहा कि राजस्थान में हुई घटना के बाद झारखंड के चिकित्सक भी भयभीत हैं. इसीलिए झारखंड के सभी चिकित्सक संगठनों ने एकजुट होकर मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट को जल्द से जल्द लागू करने की बात कही है, ताकि झारखंड के चिकित्सक निर्भीक रूप से मरीजों की सेवा कर सकें.
वहीं, उन्होंने डॉ अर्चना के साथ हुई घटना में शामिल लोगों पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. रांची की रहने वाली डॉक्टर अर्चना शर्मा राजस्थान के दौसा में आत्महत्या कर ली है. वह दौसा के आनंद अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ के रूप में काम कर रही थी. अस्पताल में एक महिला की मौत होने के बाद परिजनों ने डॉ पर हत्या का आरोप लगाया था जिसको लेकर डॉ अर्चना ने डिप्रेशन में आकर आत्महत्या कर ली.