नई दिल्ली: शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आदि महोत्सव का उदघाटन किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्रीय आदिवासी कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने की. केंद्रीय आदिवासी कल्याण राज्य मंत्री रेणुका सिंह विशिष्ट अथिति के रूप में कार्यक्रम में शामिल हुईं, दिल्ली आदि महोत्सव 16 से 30 नवंबर तक दिल्ली हाट में चलेगा. आदि महोत्सव में 27 राज्यों से आमंत्रित 1000 से अधिक जनजातीय शिल्पकार और कलाकार हिस्सा ले रहे हैं.
लगाए गए 200 से अधिक स्टॉल
आदि महोत्सव का विषय 'जनजातीय शिल्प, संस्कृति और व्यापार का भाव उत्सव' है जिसमे जनजातीय जीवन की झांकी प्रदर्शित होंगीं. आदि महोत्सव में 200 से अधिक स्टॉलों के माध्यम से जनजातीय हस्तशिल्प, कला, पेंटिंग, कपड़े, आभूषण और बहुत से जनजातीय उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन किया जाएगा. जहां पर इनकी बिक्री की सुविधा भी उपलब्ध होगी.
ये भी पढ़ें- कांग्रेस के कांके विधानसभा सीट से उम्मीदवार राजीव कुमार तकनीकी समस्या में फंसे, कहीं पीछे न करना पड़े कदम
सांस्कृतिक कार्यकर्मों का आयोजन
इस आयोजन के दौरान देश के 20 राज्यों के जनजातीय रीति रिवाजों, त्योहारों, मार्शल आर्ट आदि पर आधारित जनजातीय कारीगरों के उत्पादों को प्रदर्शित करते हुए मंत्रमुग्ध करने वाले मनोरंजक और सांस्कृतिक अभिनयों का मंचन किया जाएगा. प्रमुख शहरों में आदि महोत्सव आयोजित करने की अवधारणा जनजातीय कारीगरों के लिए बिचौलियों के अतिक्रमण से बचने और बड़े बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान करने के लिए वरदान साबित हुई हैं.
26 महोत्सव होंगे आयोजित
वहीं बिना नगदी के व्यापार करने की राष्ट्रीय आकांक्षा के अनुरूप जनजातीय कारीगरों के व्यापारिक स्टॉल्स पर भी अब प्रमुख क्रेडिट और डेबिट कार्ड के माध्यम से भुगतान स्वीकार किया जाएगा. बता दें वर्तमान वित्तीय वर्ष के दौरान इस तरह के 26 महोत्सव आयोजित किए जाने की योजना है जिसमें से 8 महोत्सवों का आयोजन शिमला, उटी, लद्दाख, विशाखापट्टनम, नोएडा, इंदौर, पुणे में पहले ही किया जा चुका है जिनमें लगभग 900 जनजाति कारीगरों ने भाग लिया और पांच करोड़ रुपए से अधिक की बिक्री हुई.
अमित शाह ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस ने 70 वर्षों तक आदिवासियों को अंधेरे में रखा, अशिक्षित रखा सिर्फ वोट बैंक के रुप में कांग्रेस ने आदिवासियों का इस्तेमाल किया, केंद्र की मोदी सरकार ने आदिवासियों के विकास के लिये कई कार्य किये, एकलव्य मॉडल स्कूलों की संख्या बढ़ाई गयी, वन अधिकार कानून के जरिये आदिवासियों को लाभ पहुंचाया गया, आदिवासियों के लिये चालू कई योजनाओं का बजट केंद्र की मोदी सरकार ने बढ़ाया, आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों के म्यूजियम खोले गए, ट्राइबल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट की संख्या बढ़ाई गयी, मोदी सरकार की आयुष्मान भारत योजना, उज्ज्वला योजना के जरिये भी आदिवासियों को लाभ मिला, स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय बनाये गए जिससे आदिवासी समाज को फायदा हुआ, आदिवासियों के कौशल विकास व आय में वृद्धि करने के लिये प्रधानमंत्री वन धन योजना शुरु हुई, मोदी सरकार आदिवासियों के विकास के लिये काम करते रहेगी.