रांची: भारतीय जनता पार्टी ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए सरकार से इसकी जांच कराने की मांग की है. हेमंत सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को विफल बताने में जुटी प्रदेश भाजपा की ओर से विधायक नवीन जायसवाल ने धोती साड़ी लूंगी योजना और खाद्यान्न वितरण में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सरकार से हरा राशनकार्ड बंद करने की मांग की है.
हेमंत सरकार के 2 वर्ष के कार्यकाल को विफल बताने में जुटी भारतीय जनता पार्टी इन दिनों प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए मुहिम चला रखी है. जिसके तहत मंगलवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में पार्टी विधायक नवीन जायसवाल ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के कामकाज की आलोचना करते दिखे. भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा गरीबों के बीच खाद्यान्न पहुंचाने में विफल होने का आरोप लगाते हुए इसमें बड़े पैमाने पर अनियमितता की बात कही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने लाल और पीला कार्ड के अलावा हरे कार्ड की शुरुआत की जो जनता को सिर्फ धोखा देने जैसा है. उन्होंने कहा कि कोरोना के समय लोगों को खाद्यान्न देने की बजाय सरकार ने इसमें जमकर गोलमाल की है.
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सितंबर महीने का खाद्यान्न का हुआ गोलमाल
भाजपा विधायक नवीन जायसवाल ने राज्य सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अधिकारियों और डीलर की मिलीभगत से सितंबर महीने का राशन गोलमाल हो गया है. इतना ही नहीं प्रधानमंत्री द्वारा मुहैया कराई जा रही है 5 किलो खाद्यान्न में भी बड़े पैमाने पर कम अनाज देने की शिकायत आ रही है. कहीं पर डीलर 3 किलो तो कहीं 4 किलो अनाज लोगों को दे रहे हैं. सरकार इसे लेकर गंभीर नहीं है. इसकी जांच की मांग करते हुए नवीन जायसवाल ने कहा कि अगर ठीक से जांच कराई जाए तो कई अधिकारी और डीलर फंसेंगे मगर सरकार जांच की बजाय फर्जी राशन कार्ड होने के नाम पर धारकों को धमका रही है.
धोती साड़ी योजना में गड़बड़ी का आरोप
नवीन जायसवाल ने सरकार द्वारा चलाई जा रही धोती साड़ी लूंगी योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए कहा कि इसकी गुणवत्ता ऐसी है कि एक तो लाभुक लेना नहीं चाहते और जो भी ले रहे हैं वो उसे पोछा लगाने में उपयोग कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि 10 रुपये में गरीबों को तन ढकने के नाम पर दिये जा रहे धोती साड़ी में भ्रष्टाचार ही भ्रष्टाचार है. सरकार को इस मामले में गंभीर होकर जांच करानी चाहिए.