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'मिशन' संथाल में जुटी BJP, जेएमएम ने कहा- 'अभेद दुर्ग' रहेगा बरकरार

राज्य में होनेवाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां कमर कस चुकी हैं. बीजेपी का कहना है कि इस बार वो संथाल की 80 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज करेगी.

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Published : Jul 30, 2019, 4:47 PM IST

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संथाल परगना में प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के कथित अभेद्य दुर्ग को भेजने की रणनीति में जुट गई है. 6 जिलों में फैले 18 विधानसभा इलाकों वाले संथाल परगना इलाके में फिलहाल बीजेपी के 8 विधायक हैं.

देखें पूरी खबर

झामुमो समेत अन्य विपक्षी दलों को मिलाकर 10 विधायक उनके खेमे में है. पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, जेएमएम, जेवीएम और कांग्रेस के सिटिंग विधायकों की सीट पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से उस इलाके में एक्टिव हैं. जिसका नतीजा आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

ये भी पढ़ें- PLFI से जुड़े मामले में एनआईए को गवाही देने पहुंचे गुजरात का व्यवसाई लापता, जांच में जुटी पुलिस

संथाल की आठ सीटों पर बीजेपी का कब्जा
मौजूदा आंकड़ों को देखें तो संथाल परगना के 8 विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा है. उनमें सारठ, मधुपुर और दुमका से विधायक राज्य सरकार में मंत्री भी हैं. जबकि अन्य 5 पर बीजेपी के विधायक हैं. वही पार्टी सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी जरमुंडी, पोड़ैयाहाट, महेशपुर,शिकारीपाड़ा, जामा और नाला विधानसभा सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं. उनमें से महेशपुर, जामा शिकारीपाड़ा और नाला झामुमो के कब्जे में है जबकि पाकुड़, जामताड़ा और जरमुंडी से कांग्रेस के विधायक हैं.

'संथाल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग'
वहीं पोड़ैयाहाट पर झाविमो का कब्जा है, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जो परिणाम आए उसके बाद पार्टी ने हर स्तर पर समीक्षा की है. बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक पार्टी नेता आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में लग गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कथित निर्णयों के खिलाफ एक माहौल बन रहा है. जिसका लाभ झामुमो को जरूर मिलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संथाल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग है और यहां बीजेपी से झामुमो को कोई खतरा नहीं है जबकि बीजेपी खुद खतरे में है.

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कांग्रेस का परंपरागत इलाका संथाल परगना
वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि रणनीति उनको बनानी पड़ती है जिनका जनता से सीधा जुड़ाव नहीं होता है. जनता से जुड़ाव नहीं होने की वजह से वैसे दल तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं जो बीजेपी अपना रही है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना कांग्रेस का परंपरागत इलाका है और पार्टी के तीन विधायक फिलहाल वहां हैं. उन्होंने कहा कांग्रेस को वहां अपनी ताकत बढ़ाने के लिए काम करना है ना कि अपनी सीट बचाने के लिए. दरअसल लोकसभा चुनाव में संथाल परगना की 3 में से 2 सीट पर जीत दर्ज कराने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में भी उसी तरह की जीत दोहराने की कोशिश में लगी है.

रांची: प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संथाल परगना में प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के कथित अभेद्य दुर्ग को भेजने की रणनीति में जुट गई है. 6 जिलों में फैले 18 विधानसभा इलाकों वाले संथाल परगना इलाके में फिलहाल बीजेपी के 8 विधायक हैं.

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झामुमो समेत अन्य विपक्षी दलों को मिलाकर 10 विधायक उनके खेमे में है. पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, जेएमएम, जेवीएम और कांग्रेस के सिटिंग विधायकों की सीट पर भी नजर गड़ाए हुए हैं. बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से उस इलाके में एक्टिव हैं. जिसका नतीजा आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा.

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संथाल की आठ सीटों पर बीजेपी का कब्जा
मौजूदा आंकड़ों को देखें तो संथाल परगना के 8 विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा है. उनमें सारठ, मधुपुर और दुमका से विधायक राज्य सरकार में मंत्री भी हैं. जबकि अन्य 5 पर बीजेपी के विधायक हैं. वही पार्टी सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी जरमुंडी, पोड़ैयाहाट, महेशपुर,शिकारीपाड़ा, जामा और नाला विधानसभा सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं. उनमें से महेशपुर, जामा शिकारीपाड़ा और नाला झामुमो के कब्जे में है जबकि पाकुड़, जामताड़ा और जरमुंडी से कांग्रेस के विधायक हैं.

'संथाल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग'
वहीं पोड़ैयाहाट पर झाविमो का कब्जा है, झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जो परिणाम आए उसके बाद पार्टी ने हर स्तर पर समीक्षा की है. बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक पार्टी नेता आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में लग गए हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कथित निर्णयों के खिलाफ एक माहौल बन रहा है. जिसका लाभ झामुमो को जरूर मिलेगा. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संथाल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग है और यहां बीजेपी से झामुमो को कोई खतरा नहीं है जबकि बीजेपी खुद खतरे में है.

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कांग्रेस का परंपरागत इलाका संथाल परगना
वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि रणनीति उनको बनानी पड़ती है जिनका जनता से सीधा जुड़ाव नहीं होता है. जनता से जुड़ाव नहीं होने की वजह से वैसे दल तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं जो बीजेपी अपना रही है. उन्होंने कहा कि संथाल परगना कांग्रेस का परंपरागत इलाका है और पार्टी के तीन विधायक फिलहाल वहां हैं. उन्होंने कहा कांग्रेस को वहां अपनी ताकत बढ़ाने के लिए काम करना है ना कि अपनी सीट बचाने के लिए. दरअसल लोकसभा चुनाव में संथाल परगना की 3 में से 2 सीट पर जीत दर्ज कराने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में भी उसी तरह की जीत दोहराने की कोशिश में लगी है.

Intro:बाइट 1 दीपक प्रकाश प्रदेश महामंत्री बीजेपी बाइट 2 विनोद पांडे केंद्रीय प्रवक्ता झामुमो बाइट 3 राजीव रंजन प्रसाद प्रवक्ता जेपीसीसी रांची। प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर संथाल परगना में प्रमुख विपक्षी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के कथित अभेद्य दुर्ग को भेजने की रणनीति में जुट गई है। 6 जिलों में फैले 18 विधानसभा इलाकों वाले संथाल परगना इलाके में फिलहाल बीजेपी के 8 विधायक हैं। जबकि झामुमो समेत अन्य विपक्षी दलों को मिलाकर 10 विधायक उनके खेमे में है। पार्टी सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, जेएमएम, जेवीएम और कांग्रेस के सिटिंग विधायकों की सीट पर भी नजर गड़ाए हुए हैं। बीजेपी के प्रदेश महामंत्री दीपक प्रकाश ने कहा कि पार्टी नेता और कार्यकर्ता पूरी तरह से उस इलाके में एक्टिव हैं। जिसका नतीजा आगामी विधानसभा चुनाव में देखने को मिलेगा।


Body:मौजूदा आंकड़ों को देखें तो संथाल परगना के 8 विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी का कब्जा है। उनमें सारठ, मधुपुर और दुमका से विधायक राज्य सरकार में मंत्री भी हैं। जबकि अन्य 5 पर बीजेपी के विधायक हैं। वही पार्टी सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनावों में बीजेपी जरमुंडी, पोड़ैयाहाट, महेशपुर,शिकारीपाड़ा, जामा और नाला विधानसभा सीट पर नजर गड़ाए हुए हैं। उनमें से महेशपुर, जामा शिकारीपाड़ा और नाला झामुमो के कब्जे में है जबकि पाकुड़, जामताड़ा और जरमुंडी से कांग्रेस के विधायक हैं। वहीं पोड़ैयाहाट पर झाविमो का कब्जा है। झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता विनोद पांडे कहते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद जो परिणाम आए उसके बाद पार्टी ने हर स्तर पर समीक्षा की है। बूथ स्तर से लेकर जिला स्तर तक पार्टी नेता आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारी में लग गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के कथित निर्णयों के खिलाफ एक माहौल बन रहा है। जिसका लाभ झामुमो को जरूर मिलेगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि संथाल परगना झामुमो का अभेद्य दुर्ग है और यहां बीजेपी से झामुमो को कोई खतरा नहीं है जबकि बीजेपी खुद खतरे में है।


Conclusion:वहीं झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि रणनीति उनको बनानी पड़ती है जिनका जनता से सीधा जुड़ाव नहीं होता है। जनता से जुड़ाव नहीं होने की वजह से वैसे दल तमाम तरह के हथकंडे अपना रहे हैं जो बीजेपी अपना रही है। उन्होंने कहा कि संथाल परगना कांग्रेस का परंपरागत इलाका है और पार्टी के तीन विधायक फिलहाल वहां हैं। उन्होंने कहा कांग्रेस को वहां अपनी ताकत बढ़ाने के लिए काम करना है ना कि अपनी सीट बचाने के लिए। दरअसल लोकसभा चुनाव में संथाल परगना की 3 में से 2 सीट पर जीत दर्ज कराने के बाद बीजेपी विधानसभा चुनाव में भी उसी तरह की जीत दोहराने की कोशिश में लगी है।
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