रांची: कोरोना ने लोगों के जीवन को पूरी तरह बदल कर रख दिया है, जिस वजह से पर्व और त्योहारों को भी मनाने के तौर तरीके बदल गये हैं. इसी के मद्देनजर ईसाइयों का सबसे बड़ा पर्व क्रिसमस को भी मनाने के लिए समाज के बुद्धिजीवी वर्गों ने लोगों से अपील किया है कि कोरोना संकट को देखते हुए लोग भीड़ में जमा ना हो. इसी को लेकर ऑल चर्च लीडर्स काउंसिल ऑफ झारखंड ने सोमवार को एक बैठक आयोजित की गई जिसमें लोगों से यह अपील की है कि क्रिसमस के मौके पर लोग ज्यादा से ज्यादा एहतियात बरतें.
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए फ्रंटियर चर्च काउंसिल के बिशप और ऑल चर्च लीडर्स काउंसिल ऑफ झारखंड के अध्यक्ष डैनियल पोनराज ने जानकारी देते हुए बताया कि 22 दिसंबर को क्रिसमस से पहले एक क्रिसमस कैरोल कार्यक्रम का आयोजन किया गया है जिसमें राज्य के 24 जिलों से दो हजार से भी अधिक चर्च का प्रतिनिधित्व करने वाले पादरी और बिशप शामिल होंगे, साथ ही राज्य के कई राजनीतिक और गणमान्य लोग भी मौजूद रहेंगे.
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वहीं उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के माध्यम से ईसाई धर्म के लोग पूरे देश के लिए सुख और समृद्धि की कामना करेंगे. साथ ही साथ कोरोना के कारण देश में जो संकट आई है उसके निवारण के लिए भगवान यीशु से प्रार्थना करेंगे. जानकारी के अनुसार झारखंड में क्रिसमस डे को भव्य रूप से मनाया जाता है और इस दिन पूरे झारखंड में लोग चर्च में जाकर यीशु के जन्म के बाद उनके उद्देश्य का पालन करने के लिए संकल्प लेते हैं.