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अखिलेश ने घर को बनाया नर्सरी, 8000 दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधों का करते हैं संरक्षण - रांची में अखिलेश ने घर को बनाया नर्सरी

आज जिस तरह से अंधाधुंध पेड़ों की कटाई हो रही है, उससे पर्यावरण प्रदूषण के रूप में हमें कई बीमारियां भी मिल रही है. इनसे बचने का पौधरोपण ही एक तरीका है. रांची के अखिलेश कुमार अंबष्ट भी सरकारी नौकरी में होते हुए अपने घर में लगभग 8000 दुर्लभ प्रजाति के पौधों का संरक्षण करते हैं.

Akhilesh built a Rare species Nursery in Ranchi
अखिलेश ने घर को बनाया नर्सरी
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Published : Jul 6, 2020, 2:35 AM IST

रांची: पर्यावरण संरक्षण और बचाव को लेकर बातें तो बहुत कही जाती हैं, लेकिन समाज में ऐसे कुछ ही लोग हैं जो इस दिशा में समर्पण भाव से काम करते हैं. वहीं कुछ लोग इस काम को जीवन के अभिन्न अंग के रूप में करते हैं. हम बात कर रहे हैं ऐसे ही शख्सियत अखिलेश कुमार अंबष्ट की जो सरकारी नौकरी में रहने के बावजूद समय निकालकर पर्यावरण संरक्षण में जी जान से जुटे हैं. इस काम में इन्हें इनके परिवार का भी भरपूर सहयोग मिलता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

अखिलेश कुमार ने पूरे घर को ही बगिया में तब्दील कर दिया है. इस घर में लगभग 8,000 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए गए हैं. लोग इनकी बगिया को देख फूलों की नर्सरी समझते हैं, कोई तो इनके घर को वाणिज्यिक बगिया भी समझ बैठता है, लेकिन श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक के आप्त सचिव अखिलेश कुमार अंबष्ट का एटीआई B- 13 सरकारी आवास उनका अपना बगिया है.

Akhilesh built a Rare species Nursery in Ranchi
अखिलेश कुमार अंबष्ट का घर

ये भी पढ़ें- यहां रविवार को काम नहीं करते हैं मवेशी, वर्षों से निभा रहे हैं परंपरा

दरअसल इस सरकारी आवास में 1995 से अपने पूरे परिवार के साथ अखिलेश कुमार अंबष्ट रह रहे हैं. बचपन से ही पर्यावरण के प्रति प्रेम और पेड़-पौधों से घिरे रहना अखिलेश का शौक रहा है. अब जब उनके पास सब कुछ है, तब पर्यावरण को बचाने को लेकर वह काफी तत्पर दिख रहे हैं. पेड़-पौधों को बढ़ाने और बचाने को लेकर भी तन मन से जुटे हुए हैं. इन्होंने अपने सरकारी आवास को नर्सरी और एक पार्क की तरह बना रखा है. उनके आवास के चारों ओर 8 हजार से अधिक पेड़-पौधे हैं. जनमें डेढ़ सौ से ज्यादा वेरायटी है.

Akhilesh built a Rare species Nursery in Ranchi
प्रकृति प्रेमी अखिलेश के घर में पौधे

यहां प्रोटोन, कपूर, रक्त चंदन, पान, ब्रह्मकमल, रुद्राक्ष, तेजपत्ता के साथ-साथ सिंदूर और कई वैरायटी के पेड़-पौधे आपको मिल जाएंगे. इसकी देखरेख और साफ-सफाई समेत तमाम तरह की व्यवस्था खुद अखिलेश, उनकी पत्नी और उनका भाई मिलकर करते हैं. अखिलेश को पेड़-पौधों के प्रति इतना प्रेम है कि पहाड़ी मंदिर और पुलिस थानों का प्लांटेशन का काम भी अखिलेश ने मुफ्त में किया है.

लोगों से संकल्प लेकर देते हैं पौधे

अखिलेश मुफ्त में कई लोगों को पेड़-पौधे देते हैं और उनसे संकल्प लेते हैं कि वह कम से कम 5 पौधों को बचाकर जरूर रखेंगे. आसपास के लोग भी उनके इस प्रकृति प्रेम से इत्तेफाक रखते हैं और अखिलेश से काफी खुश भी रहते हैं. आसपास के लोग भी कहते हैं कि अखिलेश अंबष्ट का प्रकृति प्रेम इस क्षेत्र के लिए अचंभित करने वाला है. किसी जंगली पेड़-पौधे को भी उठाकर वह अपने घर ले जाते हैं. पूरी व्यवस्थित तरीके से अखिलेश के घर के चारों ओर पेड़-पौधे लगाए गए हैं. छत से लेकर आंगन, आंगन से लेकर घर के हर कोने में सिर्फ और सिर्फ पेड़-पौधे ही इनकी घर की शोभा बढ़ाते हैं.

परिवार का मिलता है सपोर्ट

अखिलेश के परिवार के बच्चे और बुजुर्ग भी इनके इस काम में समर्थन करते हैं. उनकी पत्नी अंजू अंबष्ट कहती हैं कि पहले थोड़ा अजीब लगता था. उनके इस शौक के कारण घर में कीड़ा-मकोड़ा भी आने लगे थे, लेकिन प्रकृति के प्रति इनके प्रेम को देखते हुए इनका साथ दिया और तमाम चीजें अब व्यवस्थित तरीके से हो गई. मॉर्निंग वॉक भी अपने घर के चारों ओर चक्कर लगाने से हो जाता है. इतना सुंदर वातावरण घर में ही मिल जाता है. जो किसी सपने से कम नहीं लगता है.

ये भी पढ़ें- लातेहार में बदलने लगा खेती का स्वरूप, पारंपरिक खेती के बदले वैकल्पिक खेती पर किसानों का फोकस

नगर निगम की ओर से सड़क की साफ-सफाई करने वाली एक कर्मचारी रेखा टोप्पो कहती हैं कि वह इस क्षेत्र में जब भी आती हैं तो इनके घर के आंगन में बैठकर कुछ समय जरूर बिताती हैं. उन्हें यहां अच्छा लगता है. घर के परिवार भी काफी अच्छे हैं और तमाम घर के सदस्य प्रकृति प्रेमी है.

वाकई में अखिलेश कुमार अंबष्ट जैसे लोग प्रकृति को संरक्षण करने का काम कर रहे हैं. प्रकृति से जुड़े रहने की मिसाल भी पेश कर रहे हैं. उनके इस बगिया में ऐसे कई दुर्लभ जड़ी-बूटी के पौधे भी हैं. जो औषधि का काम करते हैं. इनके घर के गेट से लेकर छत-आंगन का सजावट भी प्रकृति यानी कि पेड़-पौधे से ही की गई है. वाकई में अखिलेश का यह बगिया किसी जन्नत से कम नहीं है.

रांची: पर्यावरण संरक्षण और बचाव को लेकर बातें तो बहुत कही जाती हैं, लेकिन समाज में ऐसे कुछ ही लोग हैं जो इस दिशा में समर्पण भाव से काम करते हैं. वहीं कुछ लोग इस काम को जीवन के अभिन्न अंग के रूप में करते हैं. हम बात कर रहे हैं ऐसे ही शख्सियत अखिलेश कुमार अंबष्ट की जो सरकारी नौकरी में रहने के बावजूद समय निकालकर पर्यावरण संरक्षण में जी जान से जुटे हैं. इस काम में इन्हें इनके परिवार का भी भरपूर सहयोग मिलता है.

देखें स्पेशल रिपोर्ट

अखिलेश कुमार ने पूरे घर को ही बगिया में तब्दील कर दिया है. इस घर में लगभग 8,000 से अधिक दुर्लभ प्रजाति के पेड़-पौधे लगाए गए हैं. लोग इनकी बगिया को देख फूलों की नर्सरी समझते हैं, कोई तो इनके घर को वाणिज्यिक बगिया भी समझ बैठता है, लेकिन श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के महानिदेशक के आप्त सचिव अखिलेश कुमार अंबष्ट का एटीआई B- 13 सरकारी आवास उनका अपना बगिया है.

Akhilesh built a Rare species Nursery in Ranchi
अखिलेश कुमार अंबष्ट का घर

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दरअसल इस सरकारी आवास में 1995 से अपने पूरे परिवार के साथ अखिलेश कुमार अंबष्ट रह रहे हैं. बचपन से ही पर्यावरण के प्रति प्रेम और पेड़-पौधों से घिरे रहना अखिलेश का शौक रहा है. अब जब उनके पास सब कुछ है, तब पर्यावरण को बचाने को लेकर वह काफी तत्पर दिख रहे हैं. पेड़-पौधों को बढ़ाने और बचाने को लेकर भी तन मन से जुटे हुए हैं. इन्होंने अपने सरकारी आवास को नर्सरी और एक पार्क की तरह बना रखा है. उनके आवास के चारों ओर 8 हजार से अधिक पेड़-पौधे हैं. जनमें डेढ़ सौ से ज्यादा वेरायटी है.

Akhilesh built a Rare species Nursery in Ranchi
प्रकृति प्रेमी अखिलेश के घर में पौधे

यहां प्रोटोन, कपूर, रक्त चंदन, पान, ब्रह्मकमल, रुद्राक्ष, तेजपत्ता के साथ-साथ सिंदूर और कई वैरायटी के पेड़-पौधे आपको मिल जाएंगे. इसकी देखरेख और साफ-सफाई समेत तमाम तरह की व्यवस्था खुद अखिलेश, उनकी पत्नी और उनका भाई मिलकर करते हैं. अखिलेश को पेड़-पौधों के प्रति इतना प्रेम है कि पहाड़ी मंदिर और पुलिस थानों का प्लांटेशन का काम भी अखिलेश ने मुफ्त में किया है.

लोगों से संकल्प लेकर देते हैं पौधे

अखिलेश मुफ्त में कई लोगों को पेड़-पौधे देते हैं और उनसे संकल्प लेते हैं कि वह कम से कम 5 पौधों को बचाकर जरूर रखेंगे. आसपास के लोग भी उनके इस प्रकृति प्रेम से इत्तेफाक रखते हैं और अखिलेश से काफी खुश भी रहते हैं. आसपास के लोग भी कहते हैं कि अखिलेश अंबष्ट का प्रकृति प्रेम इस क्षेत्र के लिए अचंभित करने वाला है. किसी जंगली पेड़-पौधे को भी उठाकर वह अपने घर ले जाते हैं. पूरी व्यवस्थित तरीके से अखिलेश के घर के चारों ओर पेड़-पौधे लगाए गए हैं. छत से लेकर आंगन, आंगन से लेकर घर के हर कोने में सिर्फ और सिर्फ पेड़-पौधे ही इनकी घर की शोभा बढ़ाते हैं.

परिवार का मिलता है सपोर्ट

अखिलेश के परिवार के बच्चे और बुजुर्ग भी इनके इस काम में समर्थन करते हैं. उनकी पत्नी अंजू अंबष्ट कहती हैं कि पहले थोड़ा अजीब लगता था. उनके इस शौक के कारण घर में कीड़ा-मकोड़ा भी आने लगे थे, लेकिन प्रकृति के प्रति इनके प्रेम को देखते हुए इनका साथ दिया और तमाम चीजें अब व्यवस्थित तरीके से हो गई. मॉर्निंग वॉक भी अपने घर के चारों ओर चक्कर लगाने से हो जाता है. इतना सुंदर वातावरण घर में ही मिल जाता है. जो किसी सपने से कम नहीं लगता है.

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नगर निगम की ओर से सड़क की साफ-सफाई करने वाली एक कर्मचारी रेखा टोप्पो कहती हैं कि वह इस क्षेत्र में जब भी आती हैं तो इनके घर के आंगन में बैठकर कुछ समय जरूर बिताती हैं. उन्हें यहां अच्छा लगता है. घर के परिवार भी काफी अच्छे हैं और तमाम घर के सदस्य प्रकृति प्रेमी है.

वाकई में अखिलेश कुमार अंबष्ट जैसे लोग प्रकृति को संरक्षण करने का काम कर रहे हैं. प्रकृति से जुड़े रहने की मिसाल भी पेश कर रहे हैं. उनके इस बगिया में ऐसे कई दुर्लभ जड़ी-बूटी के पौधे भी हैं. जो औषधि का काम करते हैं. इनके घर के गेट से लेकर छत-आंगन का सजावट भी प्रकृति यानी कि पेड़-पौधे से ही की गई है. वाकई में अखिलेश का यह बगिया किसी जन्नत से कम नहीं है.

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