रांची: आजसू ने हेमंत सरकार के दो वर्षों के कार्यकाल को विश्वासघात के दो वर्ष की संज्ञा दी है. आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने कहा कि जिन मूल विषयों और मुद्दों को लेकर वर्तमान सरकार ने जनता का विश्वास जीता उन सभी विषयों पर दो वर्षों में एक भी काम नहीं हुआ. महागठबंधन की सरकार ने झारखंड के लोगों के विश्वास पर आघात किया. सुदेश महतो ने कहा कि आजसू पार्टी विश्वासघात के दो वर्ष कार्यक्रम के जरिए से कोई नई मांग नहीं कर रही, बल्कि सरकार के वादों और इरादों को जनता के सामने रख रही है.
आजसू ने हेमंत सरकार पर लगाया ये आरोप
सुदेश महतो ने झारखंड की जनता के सबसे बड़े भावनात्मक मुद्दे के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि 1932 खतियान/ स्थानीय नीति जैसे मुद्दे भाववनात्मक हैं. आंदोलनकारियों और क्रांतिकारियों ने एक ऐसे झारखंड के लिए अपनी शहादत दी थी, जिसमें अपना नेतृत्व खुद करें, अपना निर्णय खुद लें लेकिन इस सरकार ने झारखंडी खतियान को कांग्रेस और राजद के सामने गिरवी रख दी है.
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नियुक्ति वर्ष में कितनों को मिला रोजगार
आजसू सुप्रीमो ने कहा कि सरकार ने इस वर्ष को नियुक्ति वर्ष घोषित किया था. उन्होंने अपने चुनावी वादों में 5 लाख युवाओं को नौकरी देने की बात भी की थी. सरकार के दो वर्ष पूर्ण होने पर कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा. आंकड़ों की बाजीगरी और शब्दों के मायाजाल के बिना मुख्यमंत्री कार्यक्रम में यह ब्योरा दें कि नियुक्ति वर्ष में कितनों को रोजगार मिला. बेरोजगारों को 5000 और 7000 बेरोजगारी भत्ता की बात भी इन्होंने अपने चुनावी वादों और घोषणा पत्र में किया, बेरोजगार युवा पिछले दो वर्षों से सरकार की ओर टकटकी लगाए हुए हैं.
पिछड़ों के आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करे सरकार
सुदेश महतो ने कहा कि तीन महीने के भीतर पिछड़ों को आरक्षण सुनिश्चित करने की बात करने वाली सरकार के दो वर्ष पूर्ण हो गए, लेकिन ना तो इस विषय पर कोई चर्चा हुई, ना निर्णय लिया गया. हकीकत के धरातल पर सरकार की हर बात झूठी साबित हो रही. सरकार ने 100 यूनिट बिजली मुफ्त देने की बात की थी, लेकिन इसके उलट बिना पत्राचार और बिना किसी पूर्व सूचना के गरीब के घरों का बिजली कनेक्शन काटा जा रहा. बस इतना ही नहीं, नए कनेक्शन के लिए उन्हें 3000-7000 रुपया देने को भी कहा जा रहा. उन्होंने कहा कि सरकार ने चूल्हा खर्च के लिए 2000 रुपये हर परिवार को मुहैया कराने की बात भी की थी.