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डीएसपीएमयू में बिना टेंडर का कंस्ट्रक्शन कराने का आरोप, आजसू ने राज्यपाल से जांच की मांग की

आजसू ने डीएसपीएमयू प्रशासन पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाया है. आजसू के प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को राज्यपाल सचिवालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा, जिसमें अनियमितता की जांच की मांग की है.

DSPMU administration
डीएसपीएमयू में बिना टेंडर का कंस्ट्रक्शन कराने का आरोप
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Published : May 31, 2022, 11:01 PM IST

रांचीः अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) प्रशासन पर अनियमितता का आरोप लगाया है. इसको लेकर राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अनियमितता की जांच की मांग की है. आजसू ने नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना टेंडर निकाले एजेंसी चयनित की, जो मरम्मति कार्य कर रही है.

यह भी पढ़ेंःकोरोना से पीड़ित विद्यार्थियों का शुल्क होगा माफ, डीएसपीएमयू ने लिया निर्णय


आजसू के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में नियम कानून को ताक पर रखकर बिना टेंडर 90.17 लाख का कार्य कराया गया है. मरम्मती कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है. विश्वविद्यालय के विकास ने नाम पर फंड का बंदरबांट किया जा रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच करा कर दोषी पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करें.

संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट में भी वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने करीबी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए छोटे-छोटे काम दे रहे हैं, ताकि टेंडर के माध्यम से एजेंसी चयनित नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की वित्त नियमावली की अनदेखी करते हुए एजेंसी चयन और भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की मिलीभगत विकास के नाम पर पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है.

रांचीः अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय (डीएसपीएमयू) प्रशासन पर अनियमितता का आरोप लगाया है. इसको लेकर राज्यपाल रमेश बैस को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें अनियमितता की जांच की मांग की है. आजसू ने नेताओं ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने बिना टेंडर निकाले एजेंसी चयनित की, जो मरम्मति कार्य कर रही है.

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आजसू के प्रदेश प्रभारी हरीश कुमार ने आरोप लगाते हुए कहा की डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय में नियम कानून को ताक पर रखकर बिना टेंडर 90.17 लाख का कार्य कराया गया है. मरम्मती कार्य में बड़े पैमाने पर अनियमितता की गई है. विश्वविद्यालय के विकास ने नाम पर फंड का बंदरबांट किया जा रहा है, जिसमें विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि राज्यपाल से आग्रह किया है कि इस मामले की जांच करा कर दोषी पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करें.

संगठन के प्रदेश उपाध्यक्ष नीरज वर्मा ने कहा कि ऑडिट रिपोर्ट में भी वित्तीय अनियमितता का खुलासा हुआ है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपने करीबी ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने के लिए छोटे-छोटे काम दे रहे हैं, ताकि टेंडर के माध्यम से एजेंसी चयनित नहीं करना पड़े. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की वित्त नियमावली की अनदेखी करते हुए एजेंसी चयन और भुगतान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों की मिलीभगत विकास के नाम पर पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है.

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