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बैंकों के निजीकरण के खिलाफ उबाल, AINBOF के जनरल सेक्रेटरी बोले- हर तबके को उठानी होगी आवाज

केंद्र सरकार ने कई सरकारी संस्थानों का निजीकरण कर रही है. इसमें बैंक के अलावा भी अन्य कई संस्थाएं हैं. केंद्र की इस नीति का कंफेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन ने विरोध किया है. AINBOF के जनरल सेक्रेटरी सुनील कुमार ने बोला कि इससे देश में भयंकर बेरोजगारी आएगी.

AINBOF against privatization of banks
AINBOF against privatization of banks
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Published : Apr 9, 2022, 5:58 PM IST

Updated : Apr 9, 2022, 6:11 PM IST

रांची: कंफेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने केंद्र सरकार को कॉर्पोरेट समर्थक बताते हुए आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि निजीकरण की वजह से भविष्य में देश में भयंकर बेरोजगारी का संकट होगा. लोगों को असमान वेतन और काम के अनियमित घंटे से जूझना पड़ेगा.

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने कहा कि सर्वजनिक बैंकों ने 45 करोड़ जनधन खाते खोले जो कुल खातों का 97% है. शिक्षा के लिए 80% लोन सार्वजनिक बैंकों ने दिया है. मुद्रा लोन का 90% हिस्सा सरकारी बैंकों ने वहन किया है. लोग कहते हैं कि निजी बैंक में सुविधा ज्यादा मिलती है लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि निजी बैंक में खाता खोलने के लिए कितने पैसे जमा करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही कारगर भूमिका निभा सकते हैं. बैंकों का निजीकरण होने से नीचे का तबका प्रभावित होगा. निजी सेक्टर के बैंक से शहरों पर फोकस करते हैं.

AINBOF के जनरल सेक्रेटरी सुनील कुमार

यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ भी तीन कानून बनाए थे लेकिन किसानों ने अपने आंदोलन के जरिए सरकार को पीछे हटने पर विवश कर दिया. इसके जवाब में कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने कहा कि किसान सरकारी नौकरी नहीं कर रहे थे, लेकिन वे सरकारी नौकरी करते हुए अपने सरकार के खिलाफ देश हित में आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसमें आम लोगों के मदद की जरूरत है.

सुनील कुमार ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी बैंकों ने जो सेवा दी वह अतुलनीय है. उन्होंने कहा कि अभी अगर आम लोगों का साथ नहीं मिला तो केंद्र सरकार मनमानी करती रहेगी. इस मौके पर एआईबीओसी के झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष अखिलेश कुमार, एआईबीओसी झारखंड राज्य इकाई के सचिव सह बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष प्रकाश उरांव, बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित कुमार, उपमहासचिव विजय कुमार वाधवा, सहायक महासचिव कॉमरेड मनीष नारायण के अलावा वरूण कुमार, भरत लाल ठाकुर, हरीश कुमार , मोहम्मद अली हसन और अन्य कर्मी उपस्थित थे.

रांची: कंफेडरेशन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया ऑफिसर्स एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी सह ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने केंद्र सरकार को कॉर्पोरेट समर्थक बताते हुए आरोप लगाया कि एक साजिश के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. उन्होंने कहा कि निजीकरण की वजह से भविष्य में देश में भयंकर बेरोजगारी का संकट होगा. लोगों को असमान वेतन और काम के अनियमित घंटे से जूझना पड़ेगा.

ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने कहा कि सर्वजनिक बैंकों ने 45 करोड़ जनधन खाते खोले जो कुल खातों का 97% है. शिक्षा के लिए 80% लोन सार्वजनिक बैंकों ने दिया है. मुद्रा लोन का 90% हिस्सा सरकारी बैंकों ने वहन किया है. लोग कहते हैं कि निजी बैंक में सुविधा ज्यादा मिलती है लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि निजी बैंक में खाता खोलने के लिए कितने पैसे जमा करने पड़ते हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ही कारगर भूमिका निभा सकते हैं. बैंकों का निजीकरण होने से नीचे का तबका प्रभावित होगा. निजी सेक्टर के बैंक से शहरों पर फोकस करते हैं.

AINBOF के जनरल सेक्रेटरी सुनील कुमार

यह पूछे जाने पर कि केंद्र सरकार ने किसानों के खिलाफ भी तीन कानून बनाए थे लेकिन किसानों ने अपने आंदोलन के जरिए सरकार को पीछे हटने पर विवश कर दिया. इसके जवाब में कंफेडरेशन के सलाहकार सुनील कुमार ने कहा कि किसान सरकारी नौकरी नहीं कर रहे थे, लेकिन वे सरकारी नौकरी करते हुए अपने सरकार के खिलाफ देश हित में आवाज बुलंद कर रहे हैं. इसमें आम लोगों के मदद की जरूरत है.

सुनील कुमार ने कहा कि कोरोना काल में सरकारी बैंकों ने जो सेवा दी वह अतुलनीय है. उन्होंने कहा कि अभी अगर आम लोगों का साथ नहीं मिला तो केंद्र सरकार मनमानी करती रहेगी. इस मौके पर एआईबीओसी के झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष अखिलेश कुमार, एआईबीओसी झारखंड राज्य इकाई के सचिव सह बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के कोषाध्यक्ष प्रकाश उरांव, बीओआई अधिकारी संघ, झारखंड राज्य इकाई के अध्यक्ष अमित कुमार, उपमहासचिव विजय कुमार वाधवा, सहायक महासचिव कॉमरेड मनीष नारायण के अलावा वरूण कुमार, भरत लाल ठाकुर, हरीश कुमार , मोहम्मद अली हसन और अन्य कर्मी उपस्थित थे.

Last Updated : Apr 9, 2022, 6:11 PM IST
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