रांची: 15 नवंबर 2021 को जनजातीय गौरव दिवस पर एक बड़े समारोह में पीएम के द्वारा बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन किया गया था. अब यही संग्रहालय झारखंड में सियासत की मार सह रहा है. लोकार्पण के तीन महीने बाद भी इसके दरवाजे आम लोगों के लिए बंद है.
ये भी पढे़ं- Janjatiya Gaurav Diwas: पीएम नरेंद्र मोदी ने किया बिरसा स्मृति पार्क का उद्घाटन, धरती आबा को किया नमन
संग्रहालय पर सियासत: झारखंड के गौरवशाली इतिहास को छात्रों को बताने के लिए बनाए गए इस संग्रहालय के उद्घाटन समारोह में बीजेपी और जेएमएम दोनों के नेता शामिल हुए थे. अब इसको खोलने को लेकर दोनों पार्टियों के नेता आमने सामने हैं. दोनों एक दूसरे पर नाकामी का ठीकरा फोड़ रहे हैं.
अब तक पूरा नहीं हुआ निर्माण: राज्य की सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस ने नाकामियों के लिए बीजेपी पर ठीकरा फोड़ा है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने कहा कि आदिवासियों और जनजातीय समाज से नकार दिए जाने के बाद आनन फानन में पीएम ने बिना काम पूरा हुए उद्घाटन कर दिया था. पर वर्तमान सरकार पूरी तैयारी के साथ जल्द उसे आम आदमी के लिए खोल देगी. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता मनोज पांडेय ने कहा कि उन्होंने जुडको के अधिकारियों से बात की है उन्होंने बताया है कि कई काम अभी पूरे नहीं हुए हैं,उसे जल्द पूरा कर सरकार आम जनता के लिए इसे खोलेगी.
ये भी पढ़ें- भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय में तब्दील ओल्ड जेल, नई पीढ़ी को झारखंड के वीर सपूतों के किस्सों की मिलेगी जानकारी
ट्रांसफर पोस्टिंग से सरकार को फुर्सत नहीं: बीजेपी नेता और राज्य के पूर्व नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने जेएमएम और कांग्रेस दोनों पर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आम लोगों के लिए बिरसा संग्रहालय का दरवाजा नहीं खोल पाने की जिम्मेवारी हेमंत सरकार की है. उन्होंने कहा कि इस सरकार को बालू,लोहा,कोयला,ट्रांसफर पोस्टिंग से फुर्सत कहां है कि वह बिरसा संग्रहालय पर ध्यान देगी. सीपी सिंह ने साफ शब्दों में कहा कि पीएम के उद्घाटन के बाद उसे खोलने की जिम्मेवारी राज्य की सरकार की है.
142 करोड़ की लागत से बना है संग्रहालय: झारखंड ही नहीं बल्कि उत्तर पूर्वी भारत के लिए धरोहर के रूप में विकसित की गई बिरसा संग्रहालय से भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष की गाथा नई पीढ़ी जान पाएगी बल्कि जनजातीय और आजादी की लड़ाई में जनजातीय वीरों की योगदान को भी आम लोग जान पाते. लेकिन सियासी लड़ाई ने इसे आम जनता से दूर कर दिया है.
भगवान बिरसा मुंडा ने ली थी आखिरी सांस: भगवान बिरसा मुंडा ने जिस बैरक में आखिरी सांस ली थी उसी बैरक में भगवान बिरसा मुंडा प्रतिमा लगाई गई है वहीं भगवान बिरसा मुंडा के जीवनी को दिखाया गया है. बिरसा संग्रहालय के लेजर लाइट एंड म्यूजिक सिस्टम से बिरसा भगवान की जीवनी दिखाया जाएगा वहीं अन्य वीर शहीदों की जानकारी भी लेजर शो के माध्यम से देने की व्यवस्था है. 34 एकड़ में फैले और 142 करोड़ की लागत से बने इस संग्रहालय और स्मृति पार्क में बच्चों के खेलने के लिए पार्क,फ़ूड पार्क, काम लगभग पूरा हो चुका है बारिश और खराब मौसम के बावजूद आज भी थोड़ा बहुत बचे काम को पूरा किया जा रहा है.