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हाई कोर्ट के अधिवक्ता की देशभक्ति, चीनी कंपनी का केस लड़ने से किया इनकार - सांसद दीपक प्रकाश के बेटे कुमार हर्ष

भारत-चीन विवाद को देखते हुए भारत सरकार ने तो ठोस कदम उठाए हैं, साथ ही भारतीय जनता भी इसे लेकर गंभीर है. लोग अपने-अपने तरीकों से चीन का विरोध कर रहे हैं. वहीं झारखंड से राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के पुत्र ने भी चीन का विरोध करते हुए एक चीनी कंपनी का केस लड़ने से इंकार कर दिया है.

Advocate refused to fight the case of Chinese company
अधिवक्ता की देशभक्ति
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Published : Jul 7, 2020, 10:32 PM IST

रांची: झारखंड से राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के पुत्र और झारखंड हाई कोर्ट के युवा अधिवक्ता कुमार हर्ष ने भारत-चीन विवाद को देखते हुए चीनी कंपनी का केस लड़ने से इंकार कर दिया है. अधिवक्ता कुमार हर्ष ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह चीन की कंपनी जो भारत में खनन का काम कर रही है. उस कंपनी पर दर्ज होने वाले केस का वह पैरवी करते थे. इसको लेकर उनका चीनी कंपनियों के साथ करार था.

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इस करार में उन्हें प्रति वर्ष लगभग लाखों रुपए की आमदनी होती थी, लेकिन भारत-चीन विवाद को देखते हुए युवा अधिवक्ता ने चीनी कंपनी की केस लड़ने से इंकार कर दिया है. उनके करार को उन्होंने तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि बात जब देश की सम्मान की हो तो पैसा किसी काम का नहीं होता है. देशभक्ति के इसी जज्बे के साथ उन्होंने यह फैसला लिया है.

कुमार हर्ष चीन की माइनिंग कंपनी M/S INDU-ZMJ-ZHENGZHOU DESIGN XINFENG CONSORTIUM के साथ काम कर रहे थे. जिसमें उनका काम था भारत में चीन की कंपनी के तरफ से दायर केस को लड़ना.

रांची: झारखंड से राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश के पुत्र और झारखंड हाई कोर्ट के युवा अधिवक्ता कुमार हर्ष ने भारत-चीन विवाद को देखते हुए चीनी कंपनी का केस लड़ने से इंकार कर दिया है. अधिवक्ता कुमार हर्ष ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि वह चीन की कंपनी जो भारत में खनन का काम कर रही है. उस कंपनी पर दर्ज होने वाले केस का वह पैरवी करते थे. इसको लेकर उनका चीनी कंपनियों के साथ करार था.

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इस करार में उन्हें प्रति वर्ष लगभग लाखों रुपए की आमदनी होती थी, लेकिन भारत-चीन विवाद को देखते हुए युवा अधिवक्ता ने चीनी कंपनी की केस लड़ने से इंकार कर दिया है. उनके करार को उन्होंने तोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि बात जब देश की सम्मान की हो तो पैसा किसी काम का नहीं होता है. देशभक्ति के इसी जज्बे के साथ उन्होंने यह फैसला लिया है.

कुमार हर्ष चीन की माइनिंग कंपनी M/S INDU-ZMJ-ZHENGZHOU DESIGN XINFENG CONSORTIUM के साथ काम कर रहे थे. जिसमें उनका काम था भारत में चीन की कंपनी के तरफ से दायर केस को लड़ना.

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