रांची: संविधान सभा प्रारुप समिति के अध्यक्ष डॉ भीमराव अंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के रूप में 26 नवंबर 2015 को पहली बार भारत सरकार ने संविधान दिवस मनाया था. उसके बाद हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस के बहाने राजनीति भी होती रही है. बीजेपी संविधान दिवस को Samvidhan Gaurav Yatra के रूप में मना रही है. जिसपर गैर बीजेपी दलों ने एतराज जताते हुए तंज कसा है.
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संविधान दिवस के मौके पर बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा द्वारा आयोजित कार्यक्रम फीका रहा. पूर्व से घोषित कार्यक्रम के अनुसार जिला स्कूल पहुंचे बीजेपी नेता- कार्यकर्ता को उस समय झटका लगा जब प्रशासन ने संविधान गौरव यात्रा मेनरोड में निकालने की अनुमति नहीं दी. जिला स्कूल मैदान में जुटे बीजेपी के नेताओं में सांसद संजय सेठ, विधायक अमर बाउरी, विधायक समरी लाल सहित बड़ी संख्या में पार्टी के पूर्व विधायक और कार्यकर्ता शामिल थे. प्रशासनिक चेतावनी के बाद काफी देर तक मंथन में जुटे बीजेपी नेता आखिरकार कार्यक्रम स्थल को बदलने को मजबूर हो गए. हाई कोर्ट के निर्देश का हवाला देकर प्रशासन द्वारा की गई इस कार्रवाई से नाराज बीजेपी नेताओं ने सरकार को जमकर खरी खोटी सुनाते हुए डोरंडा राजेंद्र चौक से यात्रा की शुरुआत की. जो डॉ भीमराव अंबेडकर की मूर्ति पर माल्यार्पण कर समाप्त हुआ. इस दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं ने संविधान की रक्षा की शपथ ली.
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संविधान गौरव यात्रा के बहाने राजनीति
रांची में संविधान गौरव यात्रा के बहाने जमकर राजनीति हुई. बीजेपी नेताओं ने प्रशासनिक अनुमति नहीं मिलने पर नाराजगी जताते हुए राज्य सरकार पर जमकर निशाना साधा. सांसद संजय सेठ और विधायक अमर बाउरी ने सरकार के फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अन्य राजनीतिक- धार्मिक संगठनों के द्वारा निकाले जा रहे जुलूस पर प्रतिबंध नहीं लगाई जाती और बीजेपी की संविधान गौरव यात्रा को रोका जा रहा है. इधर कांग्रेस ने संविधान गौरव यात्रा कार्यक्रम पर तंज कसते हुए कहा कि बीजेपी को संविधान दिवस मनाने का कोई अधिकार नहीं है. कांग्रेस नेता मानस सिन्हा ने कहा कि बीजेपी संविधान में विश्वास ही नहीं करती है. तो संविधान दिवस मनाना दिखावा नहीं तो और क्या है.