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आय से अधिक संपत्ति का मामला, निलंबित अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह पर कसा कानून का शिकंजा

झारखंड में भ्रष्टाचार को लेकर सरकार सख्त है. भ्रष्टाचार के मामले में कई पदाधिकारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है. इसी के तहत पथ निर्माण विभाग के एक निलंबित पदाधिकारी भी शिकंजा कसता जा रहा है.

road construction department
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Published : Aug 21, 2022, 7:51 PM IST

रांचीः पथ निर्माण विभाग के निलंबित अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले (disproportionate assets case)में कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निलंबित अभियंता प्रमुख के विरुद्ध प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

इससे पहले मुख्यमंत्री ने रास बिहारी सिंह के विरुद्ध प्राप्त परिवाद(Complaint received against Rash Behari Singh) के आलोक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज आई.आर. सं-06/17 के सत्यापनकर्ता द्वारा आरोपी के विरुद्ध आय की तुलना में 199 प्रतिशत अधिक धन पाये जाने के आलोक में पी.ई. दर्ज करने के बिंदु पर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (निगरानी), झारखंड, रांची को अनापत्ति संसूचित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है.

आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कई पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हेहल के तत्कालीन सीओ अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी.

इसके अलावा पलामू के जिला कल्याण कार्यालय के सहायक मनोज कुमार और जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन स्वीकृति दी गई है. साथ ही झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंद कुमार, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य अभियंत्रण आर्यन सिंह और बिहार फाऊंडरी एंड कास्टिंग लिमिटेड के प्रोपराइटर गौरव बुधिया के खिलाफ भी निगरानी जांच की स्वीकृति दी गई है.

रांचीः पथ निर्माण विभाग के निलंबित अभियंता प्रमुख रास बिहारी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले (disproportionate assets case)में कानून का शिकंजा कसता जा रहा है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निलंबित अभियंता प्रमुख के विरुद्ध प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज कर जांच प्रतिवेदन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

इससे पहले मुख्यमंत्री ने रास बिहारी सिंह के विरुद्ध प्राप्त परिवाद(Complaint received against Rash Behari Singh) के आलोक में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा दर्ज आई.आर. सं-06/17 के सत्यापनकर्ता द्वारा आरोपी के विरुद्ध आय की तुलना में 199 प्रतिशत अधिक धन पाये जाने के आलोक में पी.ई. दर्ज करने के बिंदु पर मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग (निगरानी), झारखंड, रांची को अनापत्ति संसूचित करने के प्रस्ताव को अनुमोदित किया है.

आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कई पदाधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हेहल के तत्कालीन सीओ अनिल कुमार सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की अनुमति दी थी.

इसके अलावा पलामू के जिला कल्याण कार्यालय के सहायक मनोज कुमार और जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा-7 (ए) के तहत अभियोजन स्वीकृति दी गई है. साथ ही झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष अरविंद कुमार, झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग के सदस्य अभियंत्रण आर्यन सिंह और बिहार फाऊंडरी एंड कास्टिंग लिमिटेड के प्रोपराइटर गौरव बुधिया के खिलाफ भी निगरानी जांच की स्वीकृति दी गई है.

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