रांची: हेमंत सरकार को गिराने के आरोप में गिरफ्तार तीनों साजिशकर्ताओं को रांची व्यवहार न्यायालय से बड़ी राहत मिली है. एसीबी की विशेष न्यायालय ने तीनों आरोपियों को जमानत दे दी है. आरोपियों को अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं होने का लाभ मिला है. आरोपियों की गिरफ्तारी के 3 माह बीत जाने के बाद भी अदालत में चार्जशीट दाखिल नहीं किया जा सका. तीन महीना पूर्व कोतवाली थाने ने सरकार गिराने के मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था.
रांची पुलिस ने सरकार गिराए जाने की साजिश के आरोप में अभिषेक दुबे, अमित सिंह और निवारण प्रसाद महतो को गिरफ्तार किया था. इन आरोपियों से पूछताछ के दौरान रांची पुलिस को कई अहम सुराग मिले थे. इन पर आईपीसी की धारा 419, आईपीसी की धारा 420, आईपीसी की धारा 124 A, आईपीसी की धारा 34, आरपी एक्ट की धारा 171 पीसी एक्ट की धारा 8/9 लगाई गई है.
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तीनों की गिरफ्तारी के बाद कहा गया कि हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ बड़ी साजिश की जा रही थी. सरकार में शामिल विधायकों को पैसे का लालच देकर हेमंत सरकार को अल्पमत में लाने की कोशिश की जा रही थी. साजिश की भनक स्पेशल ब्रांच को लग गई, जिसके बाद तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. इसकी जांच का जिम्मा डीएसपी प्रभात रंजन बड़वार को दिया गया है. इस मामले में आरोपी निवारण कुमार महतो ने यह स्वीकार किया है कि सरकार गिराने के लिए विधायकों की खरीद-फरोख्त के बदले उसे 50 लाख रुपया देने का लालच दिया गया. अमित सिंह ने भी कहा कि उसे पहले लालच दिया गया कि अगर वह उसके संपर्क में होता तो वो विधानसभा में उसे बोकारो से उम्मीदवार बना देता.
झारखंड विधानसभा में 81 सीटें हैं. झामुमो, कांग्रेस और राजद ने मिलकर सरकार बनाई है. झामुमो के 30, कांग्रेस के 16 और राजद के पास 1 सीट है. भाजपा के पास 26 सीटें हैं. इसके अलावा आजसू, सीपीआईएम, एनसीपी और के पास एक-एक सीट है. वहीं, जेवीएम से चुनाव जीते बाबूलाल मरांडी भाजपा में और प्रदीप यादव और बंधु तिर्की कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं. हेमंत सरकार के पास कुल 51 विधायकों का समर्थन प्राप्त है जो बहुमत से 10 ज्यादा. ऐसे में फिलहाल सरकार को कोई खतरा नहीं दिख रहा है.