रांची: नाबालिग लड़की से दुष्कर्म करने के मामले में जेल की चाहरदीवारी में बंद अभियुक्त विकास उरांव को पॉक्सो के स्पेशल कोर्ट ने साक्ष्य और गवाहों के अभाव में बाइज्जत बरी करने का फैसला सुनाया है. मामले में अभियुक्त विकास उरांव गिरफ्तारी के बाद से ही जेल की चाहरदीवारी में बंद है. तकरीबन एक साल बाद अदालत ने दोषमुक्त पाते हुए उसे बरी कर दिया.
मार्च 2019 का मामला
दरअसल, मामला मार्च 2019 का है और बुंडू थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है. अभियुक्त विकास उरांव पर आरोप था कि नाबालिग लड़की घर में सोई हुई थी. उसी दौरान अभियुक्त उसके घर का दरवाजा खुलवाकर घुस जाता है और उसके साथ दुष्कर्म करता है.
ये भी पढ़ें- बीजेपी विधायक का दावा: मरांडी को नहीं मिला नेता प्रतिपक्ष का दर्जा तो चलने नहीं देंगे सदन
अदालत ने अभियुक्त को रिहा कर दिया
बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ता सौरव कुमार दास ने अदालत में अपना पक्ष रखा. इस मामले में अभियोजन पक्ष की तरफ से 7 गवाहों की गवाही कराई गई थी. अभियोजन पक्ष के लगाए गए आरोप को सिद्ध नहीं कर पाए. जिसके बाद अदालत ने अभियुक्त को रिहा कर दिया.