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एसीबी की विशेष अदालत ने आरोपी को सुनाई डेढ़ साल कैद की सजा, विवाह प्रमाण पत्र बनाने को लेकर मांग था एक हजार घूस

एसीबी की विशेष अदालत ने आरोपी को डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है. आरोपी रांची निबंधन कार्यालय में कार्यरत था और विवाह प्रमाण पत्र बनाने के बदले एक हजार रुपये घूस मांग रहा था.

ACB special court
एसीबी की विशेष अदालत ने आरोपी को सुनाया डेढ़ साल कैद की सजा
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Published : Jun 20, 2022, 4:14 PM IST

रांचीः विवाह प्रमाण पत्र बनाने के बदले एक हजार रुपये घूस लेने के आरोपी को एसीबी की विशेष अदालत ने डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है. आरोपी कर्मी मोहम्मद दाऊद अली रांची के निबंधन कार्ययालय में कार्यरत थे. एसीबी की टीम ने घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. अदालत ने डेढ़ साल की सजा और 6 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं जमा करने पर अतिरिक्त 4 माह की सजा काटनी होगी.

यह भी पढ़ेंःरांची ACB कोर्ट ने घूस के आरोप में बंदोबस्त पदाधिकारी को पाया दोषी, 4 साल की सजा के साथ 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा

रांची सिविल कोर्ट स्थित एसीबी की विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है. विवाह प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर एक हजार रुपये की मांग की जा रही थी. इसको लेकर रंगनाथ राम ने एसीबी से शिकायत की. इस शिकायत पर एसीबी की टीम ने 4 मार्च 2006 को गिरफ्तार किया. इस मामले में एसीबी ने 4 जुलाई 2009 को चार्जशीट दाखिल किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाह पेश किए गए, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुये सजा सुनाई है.

रांचीः विवाह प्रमाण पत्र बनाने के बदले एक हजार रुपये घूस लेने के आरोपी को एसीबी की विशेष अदालत ने डेढ़ साल कैद की सजा सुनाई है. आरोपी कर्मी मोहम्मद दाऊद अली रांची के निबंधन कार्ययालय में कार्यरत थे. एसीबी की टीम ने घूस लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया था. अदालत ने डेढ़ साल की सजा और 6 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है. जुर्माने की राशि नहीं जमा करने पर अतिरिक्त 4 माह की सजा काटनी होगी.

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रांची सिविल कोर्ट स्थित एसीबी की विशेष अदालत ने यह फैसला सुनाया है. विवाह प्रमाण पत्र जारी करने को लेकर एक हजार रुपये की मांग की जा रही थी. इसको लेकर रंगनाथ राम ने एसीबी से शिकायत की. इस शिकायत पर एसीबी की टीम ने 4 मार्च 2006 को गिरफ्तार किया. इस मामले में एसीबी ने 4 जुलाई 2009 को चार्जशीट दाखिल किया था. अभियोजन पक्ष की ओर से 9 गवाह पेश किए गए, जिसके आधार पर न्यायालय ने आरोपी को दोषी ठहराते हुये सजा सुनाई है.

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