रांची: निजी क्षेत्र की नौकरियों में अब झारखंड के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी. राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की है. जिसके तहत राजधानी रांची के मोरहाबादी मैदान में निजी क्षेत्र के अंतर्गत स्थानीय नियोजन नीति सह नियुक्ति पत्र वितरित किया गया.
ये भी पढ़ें: Presidential Election 2022: देश मे डर का माहौल, खतरे में है लोकतंत्र, जानिए यशवंत सिन्हा ने और क्या कहा
मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दीप प्रज्जवलित कर नियुक्ति पत्र वितरण समारोह की शुरुआत की. इस मौके पर मंत्री आलमगीर आलम, मंत्री सत्यानंद भोक्ता, राज्य सभा सांसद महुआ माजी, विधायक इरफान अंसारी के अलावा प्रभारी मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह, सीएम के सचिव विनय कुमार चौबे मौजूद हैं. कार्यक्रम के दौरान निजी क्षेत्र में स्थानीय नियोजन नीति के तहत करीब 11391 चयनित अभ्यर्थियों को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ऑफर लेटर प्रदान किया.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के वैसे आर्थिक रूप से कमजोर युवा जो पैसे के अभाव में सरकारी नौकरी की तैयारी नहीं कर पाते हैं, उन्हें बड़ी सौगात देते हुए कहा है कि जेपीएससी, यूपीएससी, इंजीनियरिंग परीक्षा की तैयारी करने के लिए सरकार खर्च वहन करेगी. इसके लिए सरकार नियम बनाने जा रही है. मोरहाबादी मैदान में श्रम एवं नियोजन विभाग द्वारा आयोजित निजी क्षेत्र में स्थानीय नीति के तहत नियुक्ति पत्र वितरण समारोह कार्यक्रम में लाभुकों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने इसकी घोषणा की. सीएम हेमंत सोरेन ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि निजी क्षेत्र की नौकरियों में अब झारखंड के युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित होगी.राज्य सरकार ने निजी क्षेत्र में 75 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है.
मुख्यमंत्री ने कम बारिश पर चिंता जताते हुए कहा कि एक तो कोरोना से अभी राज्य उबरा नहीं है वहीं दूसरी ओर कम बारिश के कारण सुखाड़ की चिंता सता रही है. मगर इससे भी सरकार तत्परता से निपटेगी. मोरहाबादी में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों के लिए आरक्षण के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार के द्वार खोले गए हैं. नौजवान के पास हुनर की कोई कमी नहीं है, बेरोजगार युवाओं की आमदनी कैसे बढ़े इसका प्रयास सरकार हमेशा कर रही है.
हेमंत सोरेन ने कहा कि कोरोना ने सरकार के कामकाज को प्रभावित किया है, मगर झारखंड सरकार ने इस वैश्विक महामारी में भी संवेदनशीलता के साथ काम किया. हवाई चप्पल वालों को भी सरकार ने हवाई जहाज से अपने प्रदेश वापस लाया. उन्होंने कहा कि आज जो लोग हवाई चप्पल से हवाई यात्रा कराने की बात करते हैं उन्हें नहीं पता कि हमारी सरकार बहुत पहले ही यह कर चुकी है. सीएम ने कहा कि उन्होंने कोरोना वैश्विक महामारी में भी झारखंड के एक भी मजदूरों को भूख से मरने नहीं दिया.
सीएम ने कहा कि झारखंड से पलायन करने वाले मजदूरों के साथ बुरा वर्ताव होता है, हमारी सरकार ने इसे भी गंभीरता से लिया और बाहर गए ऐसे करीब 2000 मजदूरों को उन्होंने विदेश से भी लाया. सातवीं से दसवीं जेपीएससी सिविल सेवा के माध्यम से सरकार ने युवाओं को बहुत ही कम समय में नियुक्ति करने का काम किया. मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के माध्यम से लोगों को काफी लाभ मिला है. झारखंड के युवा गाड़ी चलाना जानते हैं मगर गाड़ी का मालिक नहीं बन सकते. आर्थिक कमी के कारण लोग वेंडर बन सकते हैं मगर दुकान यहां के लोग नहीं खोल सकते. उनकी सरकार ने यहां के खिलाड़ियों को सीधी नियुक्ति देने का काम किया है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी सरकार द्वारा शुरुआत की गई है आगे भी यह सिलसिला जारी रहेगा. कई ऐसी चीजें हैं जो उन्हें करना है जो आनेवाले समय में होगा. मुख्यमंत्री ने निजी क्षेत्र में स्थानीय लोगों को 75 फीसदी आरक्षण की घोषणा करते हुए कहा कि इससे राज्य के लोगों को लाभ मिलेगा. सरकार इसे जमीन पर उतारने के लिए कृतसंकल्पित है. सरकार की उपलब्धि गिनाते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सौ यूनिट बिजली और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का निर्णय लिया है.
मोरहाबादी मैदान में आयोजित कार्यक्रम के दौरान लाभुकों में जबरदस्त उत्साह देखा गया. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के हाथों ऑफर लेटर पाकर खुश युवाओं के द्वारा नियुक्ति पत्र को हाथों में लहराकर सरकार के कार्यों की सराहना की. राज्य भर के विभिन्न जिलों से आये इन युवाओं को 10 हजार से 33 हजार तक की सैलरी प्राइवेट कंपनी और प्रतिष्ठानों में मिलेगी. निजी क्षेत्र में स्थानीय नियोजन नीति के तहत 75 फीसदी आरक्षण के बाद अब सभी कंपनी या प्रतिष्ठान जो 10 से अधिक कर्मचारी रखते हैं उन्हें इसका पालन करना होगा. इसके अलावा पूर्व से चल रहे निजी प्रतिष्ठानों को तीन वर्ष का समय दिया गया है. प्रावधान के अनुसार निजी कंपनी में नियुक्ति चाहे वो आउटसोर्सिंग से ही क्यों ना रखा जायेगा 40 हजार तक की सैलरी वाले पदों के 75 फीसदी स्थान स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करना होगा. प्रावधान का उल्लंघन होने पर पांच लाख तक का जुर्माना है.