रांची: झारखंड के लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक, कोल प्रोसेसिंग और वासरी यूनिट लगाने के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक के लार्ज कॉरपोरेट ब्रांच 44 पार्क स्ट्रीट को 74 करोड़ 51 लाख 43 हजार 920 रूपये का चूना लगाया गया है. पीएनबी के डिप्टी जेनरल मैनेजर सुमेश कुमार ने इस मामले में 24 अक्टूबर 2019 को सीबीआई मुख्यालय को इसकी शिकायत भेजी थी. जांच के बाद सीबीआई की आर्थिक अपराध शाखा(ईओडब्लू) ने कंपनी मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड और उसके निदेशक, प्रमोटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
क्या है मामला
सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक, मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड ने लातेहार के चितरपुर में कोल ब्लॉक और प्रोसेसिंग प्लांट लगाने के लिए 8 जून 2010 को 75 करोड़ का टीम लोन लिया था. इसके साथ ही बैंक से 329 करोड़ की क्रेडिट फैसिलिटी भी ली गई थी. बदले में कंपनी ने लातेहार के चितरपुर के 1, 320 एकड़ जमीन के कागजात और अचल संपत्तियों से जुड़े कागजात बैंक में जमा कराए. हालांकि लोन राशि मिलने के बाद कंपनी के अधिकारियों ने अपने ग्रुप से जुड़ी अन्य कंपनियों में बोगस ट्रांजेक्शन किया.
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किस किस के खाते में भेजा पैसा
सीबीआई की प्राथमिक जांच में यह बात सामने आई कि मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड ने कंस्ट्रक्शन के लिए अभिजीत प्रोजेक्ट लिमिटेड और उसकी सबसिडरी कंपनियों में पैसे ट्रांसफर किए गए. साल 2013 में लोन के पैसे एनपीए हो गए.
किस किस को बनाया आरोपी
- मेसर्स कॉरपोरेट इस्पात एलॉय लिमिटेड, द नॉलेज हब, साल्ट लेक सिटी कोलकाता
- मनोज कुमार जायसवाल, निदेशक, प्रमोटर, उषा सदन, आरएसएस मार्ग, नागपुर
- रवींद्र जायसवाल, निदेशक
- सिद्धार्थ जायसवाल, निदेशक
- अभिषेक जायसवाल, प्रमोटर निदेशक
- प्रकाश जायसवाल, निदेशक
- डॉ वीएस गर्ग, निदेशक
- राजेंद्र कुमार गणतारा, निदेशक
- एमएस कपूर, निदेशक व अन्य