रांची: सिविल कोर्ट के अधिवक्ता राम प्रवेश सिंह की हत्याकांड की गुत्थी रांची पुलिस ने सुलझा ली है. इस हत्याकांड को 81 डिसमिल जमीन के विवाद में अंजाम दिलवाया गया था. अधिवक्ता की हत्या के लिए एक जमीन ब्रोकर ने अपराधियों को 7 लाख रुपए की सुपारी दी थी. रविवार देर शाम पुलिस ने इस मामले में पूरी जानकारी देगी.
जानकारी के अनुसार, कांके थाना क्षेत्र में स्थित 81 डिसमिल जमीन को लेकर कांके के ही रहने वाले एक जमीन कारोबारी से अधिवक्ता राम प्रवेश सिंह का विवाद चल रहा था. इस बीच जमीन कारोबारी ने उस जमीन को बेचने के लिए एक दूसरे ब्रोकर जिसका नाम राम पाहन बताया जा रहा है उसे सौंप दिया. रामपाहन और अधिवक्ता इस जमीन को लेकर आमने-सामने थे. विवाद जब नहीं थमा तब राम पाहन अधिवक्ता को रास्ते से हटाने का इरादा कर लिया. इसके लिए उसने एक और जमीन कारोबारी शिवम चौधरी और सतीश मुंडा से बात की जिसके बाद दोनो ने एक पूर्व अपराधी शंकर भुइयां और रोहित से मुलाकात कर अधिवक्ता को राश्ते से हटाने का जिम्मा दिया. दोनों अपरधियों ने राजा और मिथुन नाम के अपराधी को अधिवक्ता को मारने की सुपारी दी.
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5 दिनों तक रेकी कर किया हत्या
9 सितंबर को मिथुन ने रामप्रवेश सिंह के घर के सामने ही गोली मारकर हत्या कर दी. उसके बाद मिथुन अपने साथ ही राजा के साथ बाइक पर सवार होकर फरार हो गया. मिथुन अभी तक इस मामले में फरार है, जबकि राजा को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. गोली मारते हुए मिथुन सीसीटीवी फुटेज में भी देखा गया था.