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बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में केनाइन डिस्टेम्पर वायरस के संक्रमण की आशंका, एक महीने में 5 लोमड़ियों की हो चुकी है मौत - canine distemper virus

रांची के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत हो गई है. मौत का असली कारण क्या है इसकी जांच के लिए पोस्टमार्टम के बाद सैंपलों को यूपी के इज्जतनगर IVRI (Indian Veterinary Research Institute) भेजा गया है.

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बिरसा मुंडा जैविक उद्यान
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Published : Apr 14, 2022, 6:51 AM IST

Updated : Apr 14, 2022, 12:57 PM IST

रांची: राजधानी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से भी कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत से जू प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है. मौत की वास्तविक वजह क्या है इसकी जांच के लिए सभी लोमड़ियों का पोस्टमार्टम कराकर सैंपल को यूपी के इज्जतनगर IVRI (Indian Veterinary Research Institute) भेजा गया है. वहां से दो तीन में रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तिवक कारणों का खुलासा होगा.

ये भी पढ़ें- भीषण गर्मी से बिरसा जैविक उद्यान के जानवर परेशान, कूलर और ग्लूकोज पानी से पहुंचायी जा रही है ठंडक

केनाइन डिस्टेम्पर वायरस से मौत की आशंका: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में लोमड़ियों की मौत की वजह का पता तो IVRI से रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर दबी जुबान से जू कर्मी केनाइन डिस्टेंपर वायरस के इंफेक्शन की संभावना जता रहे हैं. विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस कुत्तों, लोमड़ियों, शेर और बाघों जैसे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है. जिससे जानवरों में फेफड़ों, वायुमार्ग, नाक और आंख संक्रमित हो जाते हैं. इसके प्रभाव से जानवरों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाशीलता कम हो जाती है जिसकी वजह से जानवर गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है.

बाहरी वातावरण में जीवित नहीं रहता है वायरस: विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस बाहरी वातावरण में अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है. यह कमरे के तापमान पर केवल कुछ घंटों और ठंडे छायादार स्थानों में कुछ हफ्तों तक जीवित रह सकता है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में इसी वायरस की चपेट में आने से लोमड़ियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

रांची: राजधानी के बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में पिछले एक महीने से भी कम समय में 5 से अधिक लोमड़ियों की मौत से जू प्रबंधन की चिंता बढ़ गई है. मौत की वास्तविक वजह क्या है इसकी जांच के लिए सभी लोमड़ियों का पोस्टमार्टम कराकर सैंपल को यूपी के इज्जतनगर IVRI (Indian Veterinary Research Institute) भेजा गया है. वहां से दो तीन में रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के वास्तिवक कारणों का खुलासा होगा.

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केनाइन डिस्टेम्पर वायरस से मौत की आशंका: बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में लोमड़ियों की मौत की वजह का पता तो IVRI से रिपोर्ट आने के बाद ही चलेगा पर दबी जुबान से जू कर्मी केनाइन डिस्टेंपर वायरस के इंफेक्शन की संभावना जता रहे हैं. विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस कुत्तों, लोमड़ियों, शेर और बाघों जैसे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है. जिससे जानवरों में फेफड़ों, वायुमार्ग, नाक और आंख संक्रमित हो जाते हैं. इसके प्रभाव से जानवरों में प्रतिरक्षा प्रणाली की क्रियाशीलता कम हो जाती है जिसकी वजह से जानवर गंभीर बीमारी से संक्रमित हो जाते हैं और फिर उनकी मौत हो जाती है.

बाहरी वातावरण में जीवित नहीं रहता है वायरस: विशेषज्ञ के अनुसार यह वायरस बाहरी वातावरण में अधिक समय तक जीवित नहीं रहता है. यह कमरे के तापमान पर केवल कुछ घंटों और ठंडे छायादार स्थानों में कुछ हफ्तों तक जीवित रह सकता है. बिरसा मुंडा जैविक उद्यान में इसी वायरस की चपेट में आने से लोमड़ियों की मौत की आशंका जताई जा रही है.

Last Updated : Apr 14, 2022, 12:57 PM IST
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