रांची: तिथि, काल, ग्रह, गोचर, दिशा और काम भारत के सामाजिक ताने-बाने में रीति रिवाज का ऐसा आयाम है, जिसे जोड़े बिना कोई भी कार्य नहीं होता है. तारीखें उन कार्यों की गवाह होती हैं, देश के इतिहास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की भाजपा सरकार ने अपने लिए 5 अगस्त की एक ऐसी ही तारीख तय की है जो उसके लिए शुभ है (5 August Historical Day In Indian History) और जो इतिहास के पन्नों में दरख्त के रूप में अंकित हैं. हालांकि, वैज्ञानिक युग में तारीखों को शुभ-अशुभ के पैमाने पर तौलने के किसी भी फार्मूले को माना नहीं जाता है.
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यह कहा तो जाता है लेकिन इस फार्मूले के बिना कोई चलता भी नहीं है. देश में चल रही नरेन्द्र मोदी की सरकार (Prime Minister Narendra Modi Government) के लिए 5 अगस्त की तारीख बड़े निर्णयों के शुभ साबित हो रही है. यही वजह है कि नरेन्द्र मोदी सरकार (Prime Minister Narendra Modi Government) 5 अगस्त को ऐसे कार्य कर रही है, जो बदलते भारत के इतिहास के पन्नों में अमिट लेख के तौर पर अंकित है. यह महज संयोग है या फिर सोच समझ कर लिया गया निर्णय, यह अलग बात हो सकती है. साथ ही सियासत से अलग जाकर भी इसे देखा जा सकता है. लेकिन 5 अगस्त एक ऐसी तारीख जरूर बनता जा रहा है जो भारत के लिए बड़ी लकीर खींच रहा है.
5 अगस्त को झारखंड में ऑपरेशन लोटस: झारखंड में इन दिनों सियासत गर्म है. कहा जा रहा है कि झारखंड सरकार को गिराने के लिए साजिश रची गई थी. इस मामले में झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों को पश्चिम बंगाल में गिरफ्तार भी किया गया है. कई लोगों को मानना है कि झारखंड में 5 अगस्त 2022 को ही ऑपरेशन लोटस के तहत सरकार गिराने की तैयारी की गई थी जो विफल हो गई.
5 अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन: 5 अगस्त 2020 भारत के इतिहास के पन्नों में दर्ज होने वाली एक ऐसी तारीख है, जो 500 साल से ज्यादा समय से चले आ रहे विवाद के अंतिम पन्ना था. आस्था की भावना और जमीन के विवाद में उलझे अयोध्या को लेकर देश ने दर्द और विभेद का बहुत बड़ा खामियाजा भुगत चुका है. देश की न्यायपालिका से आस्था को मिले आदेश के बाद, अब जन भावनाओं के उस उम्मीद को अंतिम रूप दिया जा रहा है. जो हिन्दुस्तान की बड़ी आबादी के लिए उसकी आस्था की आजादी है.
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 5 अगस्त को ही अयोध्या में बनने वाले मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होकर मंदिर निर्माण का कार्य शुभारंभ कर आधारशिला रखी थी. 5 अगस्त की तारीख और पूजन का समय वैदिक विधि से निकाला गया है. लेकिन भाजपा के शुभ अंक 5 अगस्त को ही यह होगा. यह बड़े संयोग की बात कही जा सकती है क्योंकि भाजपा के लिए यह शुभ तारीख है.
5 अगस्त 2019 को कश्मीर से खत्म हुई धारा 370: 5 अगस्त 2019 को नरेंद्र मोदी सरकार ने देश के सबसे विवादित मामले कश्मीर में लगी धारा 370 को खत्म करने का आदेश जारी किया. साथ ही जम्मू कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित राज्य की श्रेणी में रख दिया.
देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को लेकर, जब भी बात होती थी तो अखंड भारत के मानचित्र में जम्मू कश्मीर एक ऐसा धब्बा बन जाता था, जो एक देश एक विधान और एक प्रधान के संवैधानिक हक को तोड़ देता था.
भाजपा ने 5 अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर देश को एक संविधान के सूत्र में बांध दिया. 5 अगस्त की तारीख इस कानून को हटाने को लिए क्यों रखी गई? यह भले ही महज संयोग की बात हो लेकिन पूरे देश में इस कानून को हटाए जाने के बाद, जिस तरह का जन समर्थन भाजपा को मिला, उससे 5 अगस्त भारत में आजादी की एक और तारीख बन गई. जो भाजपा के लिए काफी शुभ रहा है.
5 अगस्त को मुगलसराय स्टेशन का बदल गया नाम: तारीखों के पन्नों को पलट कर देखा जाए तो 5 अगस्त को ही उत्तर प्रदेश के चन्दौली जिले में स्थित मुगलसराय रेलवे स्टेशन, जो एशिया का सबसे बड़ा यार्ड है. इसका नाम बदल कर पंडित दीन दयाल रेलवे स्टेशन किया गया. यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद यह प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया था, जिस पर केंद्र की सरकार ने 5 अगस्त को अपनी अनुमति की मुहर लगा दी. ऐसा नहीं है कि 5 अगस्त की तारीख को लेकर भाजपा हर कार्य सोच समझ कर रही है. यह सच हो लेकिन 5 अगस्त को ही बड़े कार्य हो रहे हैं. इसलिए ऐसा सोचा जाने लगा है.
5 अगस्त को देश और विश्व में हुई बड़ी घटनाएं: अगस्त को पूरे विश्व में जो बड़ी घटनाऐं हुई, उसने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया था :-
5 अगस्त 1945 को अमेरिकी हवाई जहाज ने जापान के हिरोशिमा पर परमाणु बम गिराए थे.
5 अगस्त 1890 को चांद पर कदम रखने वाले नील आर्मस्ट्रांग का जन्म हुआ था.
5 अगस्त 2011 नासा के वैज्ञानिकों ने साइंस पत्रिका में मंगल ग्रह पर बहता पानी होने का दावा किया था.
इसके साथ ही 5 अगस्त 2011 नासा ने बृहस्पति ग्रह का अध्ययन करने के लिए अंतरिक्ष शोध यान जूनो छोड़ा था.
5 अगस्त की तरीख पर हुए कार्यों को लिखा जाए, तो इसकी फेहरिस्त बड़ी लंबी होगी. जो समाजिक समीकरण के साथ शोध, खोज और विश्व के राजनीति हालात को गढ़ा है.