रांची: किसी भी नेता का राजनीतिक कद, संबंधित क्षेत्र की जनता के बीच उसकी पकड़ के आधार पर आंकना चाहिए. क्योंकि इसी बुनियाद पर नेता की हार या जीत होती है. यही वजह है कि कई ऐसे नेता होते हैं जो बतौर निर्दलीय भी चुनाव जीतते हैं.
झारखंड में चुनावी आगाज हो चुका है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि यहां कौन-कौन से ऐसे नेता हैं जो अपने क्षेत्र में पार्टी से हटकर अपनी पहचान बना चुके हैं. इसकी फेहरिस्त काफी लंबी है, लेकिन जब सवाल यह उठाया जाए कि 2014 तक पिछले पांच चुनावों में लगातार जीत दर्ज करने वाले झारखंड में कौन-कौन से नेता हैं तो लिस्ट बिल्कुल सिमट जाती है.
नलिन सोरेन लगातार 6 बार विधायक बने
बता दें कि राज्य के पांचों प्रमंडल में इस लिस्ट में सिर्फ तीन नेताओं ने यह उपलब्धि हासिल की है. पहला नाम आता है नलिन सोरेन का. झामुमो के कद्दावर नेता हैं नलिन सोरेन. दुमका के शिकारीपाड़ा सीट पर इनकी जबरदस्त पकड़ है. नलिन सोरेन पिछले छह चुनाव लगातार जीतते आ रहे हैं. इन्होंने सबसे पहले 1985 के चुनाव में शिकारीपाड़ा से बतौर निर्दलीय अपनी दावेदारी पेश की थी. तब झामुमो के डेविड मुर्मू से बड़े अंतर से हार गए थे.
![Jharkhand assembly election, झारखंड विधानसभा चुनाव](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/4492051_nalin.jpg)
पांच साल इंतजार के बाद जब 1990 में चुनाव हुआ तो झामुमो ने नलिन सोरेन को अपना सारथी बना लिया. तब से अब तक हुए तमाम विधानसभा चुनाव में नलिन सोरेन ने जीत दर्ज की. 1990, 1995, 2000 और 2005 के बाद इनको पहली चुनौती मिली 2009 में जेवीएम के पारितोष सोरेन से. हालांकि नलिन सोरेन यह चुनाव महज 1,003 वोट से जीते, लेकिन 2014 के चुनाव में जेवीएम के पारितोष सोरेन कहीं नहीं टिके.
मुख्यमंत्री रघुवर दास भी लहरा चुके हैं परचम
इस लिस्ट में दूसरा नाम आता है रघुवर दास का. जमशेदपुर पूर्वी सीट पर 1995 से इनका कब्जा है. पहले चुनाव में कांग्रेस के केपी सिंह से कांटे की टक्कर हुई थी. इसके बाद रघुवर दास कभी पीछे मुड़कर नहीं देखे और 2014 का चुनाव जीतकर लगातार पांचवी जीत अपने नाम की. इस जीत के साथ रघुवर दास सूबे के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री भी बने. इससे पहले रघुवर दास झारखंड के उप मुख्यमंत्री और मंत्री भी रह चुके हैं.
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मंत्री सीपी सिंह का रांची सीट पर रहा है कब्जा
2014 तक लागातार पांच चुनाव जीतने का रिकॉर्ड नगर विकास मंत्री सीपी सिंह के नाम भी दर्ज है. इन्होंने 1996 के उपचुनाव से जीत का सिलसिला शुरू किया था जो अब तक जारी है. पलामू से आकर रांची में अपनी राजनीतिक पारी शुरू करने वाले सीपी सिंह रांची विधानसभा क्षेत्र में बेहद चर्चित हैं. आम लोगों से सीधा जुड़ाव इनकी प्रसिद्धि का कारण है. भाजपा के समर्पित नेता होने के नाते मंत्री बनने से पहले इन्हें झारखंड का स्पीकर बनने का भी सौभाग्य मिला है.
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