रांची: 15 नवंबर 2000 को झारखंड बिहार से अलग होकर एक नया राज्य बना था. यह राज्य कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट और डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधनों से समृद्ध है. चारों तरफ जंगलों और पहाड़ों से घिरा यह राज्य बेहद ही आकर्षक है. यहां की कुल आबादी लगभग 3.50 करोड़ है. जिसमें अधिकतर संख्या आदिवासी समाज के लोगों की है. 79714 वर्ग किलोमीटर में बसे इस राज्य में 24 जिले हैं. प्रकृतिक के गोद में बसे इस राज्य में कई नदियां भी हैं. जिसमें स्वर्णरेखा नदी सबसे लंबी है. आज इस झारखंड राज्य का 21वां स्थापना दिवस है. ईटीवी भारत 21 तस्वीरों के माध्यम से राज्य के विकास के बारे में बता रहा है.
झारखंड विधानसभा- 12 सितंबर 1019 को 465 करोड़ की लागत से झारखंड विधानसभा का नया भवन बनकर तैयार हुआ. यह विधानसभा भवन 57,222 वर्गमीटर क्षेत्र में बना हुआ है. जो काफी आकर्षक है. इस भवन में 150 विधायकों के बैठने की जगह है. भवन में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट और वर्षा जल संचयण के लिए रिजार्ज पिट लगाए गए हैं. विधानसभा भवन के निर्माण में सुरक्षा को लेकर खास ख्याल रखा गया है. झारखंड विधानसभा देश का पहला पेपरलेस विधानसभा है.
मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स खेलगांव- रांची में 2006 में मेगा मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के निर्णाण की शुरुआत हुई थी. जो 2009 में बनकर तैयार हो गया. इस कॉम्प्लेक्स में खिलाड़ियों के लिए कई अत्याधुनिक सुविधा है. यहां 2011 में 34वें नेशनल गेम्स का आयोजन हुआ था. जिसमें देश-विदेश के कई दिग्गज खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था.
देवघर एम्स- 24 अगस्त 2021 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने देवघर के देवीपुर स्थित एम्स का उद्घाटन किया था. यह 750 बेड वाला अस्पताल है. जहां हर दिन लगभग 200 मरीजों का इलाज होता है. इस अस्पताल में 100 एमबीबीएस और 60 नर्सिंग सीटें हैं. यह देश का पहला अस्पताल है. जहां रैन बसेरा के लिए अलग से भवन तैयार किया गया है.
रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय- रांची में 3 अक्टूबर 2016 को झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय का स्थापना हुआ था. जहां 2016 से ही पहले बैच के पहले सत्र के लिए पढ़ाई शुरू हो गई. 2017 से इस विश्वविद्यालय में दूसरा सत्र शुरू हुआ. यहां बीएससी फॉरेंसिक साइंस, बीएससी कंप्यूटर एंड साइबर सिक्यूरिटी, बीबीए इन सिक्यूरिटी मैनेजमेंट, डिप्लोमा इन पुलिस साइंस और सर्टिफिकेट कोर्स इन पुलिस (टाना भगत समुदाय के लिए) की पढ़ाई होती है. इसके अलावा यहां स्नातकोत्तर स्तर पर एसएससी फॉरेंसिक साइंस, एमए, एमएससी क्रिमिनोकॉजी, पीजी डिप्लोमा इन डिाजस्टर मैनेजमेंट और पीजी डिप्लोमा इन इंडस्ट्रियल सिक्यूरिटी एंड फायर सेफ्टी मैनेजमेंज की भी पढ़ाई होती है.
जेएससीए इंटरनेशनल स्टेडियम- साल 2011 में इस स्टेडियम का निर्माण हुआ है. इस स्टेडियम में 50 हजार दर्शकों के बैठने की व्यवस्था है. जेएससीए में 9 पिच बनाए गए हैं. स्टेडियम को तैयार करने में भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का अहम योगदान है. यहां 2017 में भारत और ऑस्ट्रेलिया का बीच पहला अंतरराष्ट्रीय मैच हुआ था.
डीएसपीएमयू- रांची में 2017 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी. इस विश्वविद्यालय में पारंपरिक डिक्री कोर्स के साथ-साथ कई वोकेशनल कोर्स की पढ़ाई होती है. यहां अमानत, पीजी डिप्लोमा इन हॉस्पिटल मैनेजमेंट के अलावा अन्य विषयों की भी पढ़ाई होती है. डीएसपीएमयू में स्नातक और स्नातकोत्तर के लिए 41 कोर्स के लिए 5125 सीटें हैं.
आईआईएम रांची- साल 2009 में नौवें भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) की स्थापना की गई थी. यह मानव संसाधन विकास मंत्रालय भारत सरकार के मार्गदर्शन में कार्यरत है. यहां भारतीय प्रबंधन संस्थान, कोलकाता और जमशेदपुर के विश्वख्याति शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को पढ़ाया जाता है. 44 छात्रों के साथ आईआईएम की शुरुआत हुई थी. लेकिन आज यहां 1000 से अधिक छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं.
रांची रिंग रोड- रांची रिंग रोड निर्माण की शुरुआत 2019 में हुई और 2020 में यह रोड लगभग बनकर तैयार हो गया. 85 किलोमीटर तक का यह रिंग रोड 26 किलोमीटर तक रांची-टाटा फोर लेन हाइवे का भाग है. इस सड़क से रामगढ़, हजारीबाग से जमशेदपुर के रास्ते आवागमन करने वाले उपयोग करेंगे. दिसंबर 2021 में लोग इस सड़क से यात्रा कर सकेंगे.
बिरसा मुंडा संग्रहालय- झारखंड स्थापना दिवस 15 नवंबर यानि भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिरसा मुंडा संग्रहालय का उद्घाटन किया. इस संग्रहालय के निर्माण में 142 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. यहां भगवान बिरसा मुंडा के संघर्ष की गाथा को दर्शाया गया है. जहां बैरक में बिरसा मुंडा ने आखिरी सांस ली थी, उस बैरक में उनकी प्रतिमा लगाई गई है. संग्रहालय में लेजर लाइट और म्यूजिक सिस्टम भी लगाया गया है.
NH-33 रांची-जमशेदपुर- यह राजमार्ग 125 किलोमीटर तक का है. यह सड़क झारखंड की लाइफलाइन कही जाती है. इस सड़क से हजारों यात्री हर दिन आवागमन करते हैं. व्यवसाय के दृष्टिकोण से यह सड़क काफी अहम मानी जाती है. यह ओडिशा और पश्चिम बंगाल को जोड़ती है.
झारखंड केंद्रीय विश्वविद्यालय- सीयूजे का उद्घाटन साल 2018 में हुआ था. 45 एकड़ भूभाग में फैले विश्वविद्यालय के परिसर को हरे-भरे पेड़ों से सजाया गया है. इस विश्विद्यालय में स्नातक स्तर पर चार कोर्स और स्नातकोत्तर स्तर पर 27 कोर्सों की पढ़ाई होती है. विश्वविद्यालय के सभी कोर्सों में करीब 1032 सीट है. जिसमें एमबीए में 66, इंजीनियरिंग में 30 सीटें हैं.
पतरातू घाटी- झारखंड राज्य बनने के बाद पतरातू घाटी का निर्माण हुआ. पूरी घाटी में करीब 15 किलोमीटर लंबी घुमावदार सड़कें पर्यटकों को रोमांचित करती. इस घाटी में ऊंचे-उंचे पहाड़ों के बीच से रास्ता निकाली गई है. इस रास्ते से गुजरने पर दिलकश नजारा दिखता है. रास्ते में कई जगह ऐसे हैं, जहां पर रुक कर प्रकृति को निहारा जा सकता है. लोग इन यादों को अपने मोबाइल या कैमरे में संजोकर घर ले जाते हैं. पर्यटक सेल्फी स्पॉर्ट और फोटो शूट्स का लुत्फ उठाते हैं.
मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- पलामू में निर्मित इस अस्पताल का 17 फरवरी 2019 में पीएम मोदी ने उद्घाटन किया था. इस कॉलेज में 100 सीट है. वहीं अस्पताल में 500 बेड है. यहां हर तरह के मरीजों का इलाज होता है. इस अस्पताल में छत्तीसगढ़, यूपी और बिहार के भी मरीज पहुंचते हैं.
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- 17 फरवरी 2019 ही शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था. इस हॉस्पिटल में कुल 300 बेड बनाया जा रहा है. इस कॉलेज में 100 सीट है. 23 फरवरी 2017 को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस अस्पताल का शिलान्यास किया था.
फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल- साल 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फूलो-झानो मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल का उद्घाटन किया था. इस साल एनएमसी ने मेडिकल कॉलेज में 100 सीट पर दाखिले के लिए अनुमति दी है. मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में 300 बेड ऑक्सीजन सिलेंडर युक्त हैं. इस अस्पताल में दूसरे राज्यों से भी मरीज इलाज कराने पहुंचते हैं. अस्पताल को पूरी तरह अत्याधुनिक बनाया गया है.
साहिबगंज पोर्ट- पीएम मोदी ने 6 अप्रेल 2017 को साहिबगंज पोर्ट का शिलान्यास किया था. 290 करोड़ की लागत बने इस बंदरगाह का उद्घाटन 12 सितंबर 2019 को पीएम मोदी ने किया. इस अंतरराष्ट्रीय मल्टी मॉडल टर्मिनल बंदरगाह से साहिबगंज बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल सहित अन्य देशों से सीधे जुड़ गया है. यह पोर्ट पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश के अलावा देश के 10 राज्यों से सीधे संपर्क में है. व्यापारिक दृष्टिकोण से यह पोर्ट काफी अहम है.
आईआईटी धनबाद- साल 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आईएसएम धनबाद का आईआईटी का दर्जा दिया गया. यह कॉलेज विश्व में 11वें नंबर है. जहां देश-विदेश के छात्र पढ़ाई करते हैं. यहां ई-बीम लिथोग्राफी लैब, यूनिवर्सल टेस्टिंग मशीन, लेजर पार्टिकल साइज एनालाइजर और सॉलिड पार्टिकल जेटा मीटर उपलब्ध है. जिसके माध्यम से स्डूटेंट्स रिसर्च करते हैं.
खूंटी सिविल कोर्ट- यह देश का पहला ऐसा कोर्ट है जो पूरी तरह सोलर सिस्टम से लैस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2015 को सिविल कोर्ट में सोलर एनर्जी सिस्टम का उद्घाटन किया था. यहां 180 किलोवाट का सोलर पावर प्लांट लगाया गया है. जिसके जरिए पूरे अदालत परिसर में बिजली सप्लाई की जाती है. अगर लगातार दो-तीन दिनों तक बारिश भी होती रही और धूप नहीं निकला तो भी कोर्ट में रोशनी की कोई समस्या नहीं होती है. यहां का सोलर सिस्टम बेहद अत्याधुनिक है.
दुमका रेलवे स्टेशन- 12 जुलाई 2011 को जसीडीह-दुमका रेलखंड के ऑपरेशनल होने के बाद दुमका रेलवे स्टेशन से पहली बार ट्रेनों का परिचालन शुरू हुआ. इस रेल लाइन के लिए 1997-98 के बजट में राशि की व्यवस्था की गई थी. साल 2012 में यहां से रांची के लिए पहली इंटरसिटी ट्रेन चली. इस स्टेशन पर 3 प्लेटफार्म और 7 ट्रैक हैं. दुमका मे रेल लाइन की शुरुआत होने से यात्रियों को काफी फायदा हो रहा है.
लोहरदगा टोरी रेल लाइन- साल 2011 में लोहरदगा से बड़की चांपी तक कुल 14 किलोमीटर लोहरदगा-बड़की चांपी यात्री रेलगाड़ी का परिचालन शुरू किया गया था. इसके बाद साल 2017 मार्च में बड़की चांपी से टोरी तक कुल 30 किलोमीटर रेल सेवा शुरू हुई. लोहरदगा से टोरी तक कुल 44 किलोमीटर रेल लाइन की सेवा यात्री साल 2017 से ले रहे हैं.
गोड्डा रेल लाइन- 8 अप्रैल 2021 को गोड्डा रेलवे स्टेशन से पहली ट्रेन दिल्ली (हमसफर एक्सप्रेस) के लिए रवाना हुई थी. तत्कालीन रेल मंत्री ने ऑनलाइन ट्रेन को हरि झंडी दिखाकर रवाना किया था. गोड्डा से रांची और दुमका जाने के लिए वर्तमान में कुल 5 ट्रेनें खुलती है. जिससे यात्रियों को काफी लाभ हो रहा है. इस रेल परियोजना की शुरुआत 2013 में मनमोहन सिंह के सरकार में हुई थी. गोड्डा को जल्द पीरपैंती से जोड़ा जाएगा. इसके लिए कार्य प्रगति पर है.
विकास के बढ़ते कदमों के बीच झारखंड आज भी देश के पिछड़े राज्यों में शुमार है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क जैसे बुनियादों सुविधाओं से भी राज्य के लाखों नागरिक वंचित हैं. जो चिंता का विषय है. इसके लिए अभी काफी कुछ करना बाकी है. बहरहाल ईटीवी भारत की ओर से आप सभी को झारखंड स्थापना दिवस की शुभकामनाएं.