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सहायक पुलिसकर्मियों को रोकने के लिए राजधानी की किलेबंदी, 1000 जवान तैनात

सहायक पुलिसकर्मियों ने 27 सितंबर को राजभवन और सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालिन धरना देने का ऐलान किया है. उन्हें रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए रांची को किले में तब्दील करने की योजना है. इसके लिए करीब एक हजार जवान तैनात किए जाएंगे.

1000 Security personnel deployed in Ranchi
1000 Security personnel deployed in Ranchi
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Published : Sep 26, 2021, 8:48 PM IST

रांची: झारखंड के नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात 2500 पुलिसकर्मी भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं. 27 सितंबर को सहायक पुलिसकर्मी झारखंड के अलग-अलग जिलों से राजधानी पहुचेंगे. सहायक पुलिसकर्मियों सीएम आवास और राजभवन घेरने की योजना है.



अलर्ट पर पुलिस
सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि सहायक पुलिसकर्मी को रांची आने से रोकें. संभव हो तो जिलों में ही वार्ता कर सहायक पुलिसकर्मियों को जिले में रोकने का निर्देश दिया गया है. मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिसकर्मियों ने 27 सितंबर से राजभवन और सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालिन धरना देने का ऐलान किया है. सहायक पुलिसकर्मियों की मांग स्थायी करने की है. साल 2017 में नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं को संविदा में सहायक पुलिस के तौर पर तीन साल के लिए बहाल किया गया था.

ये भी पढ़ें: सहायक पुलिसकर्मी फिर हुए गोलबंद, सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप, 27 सितंबर से आंदोलन का ऐलान

मजिस्ट्रेट व बलों की प्रतिनियुक्ति
राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रांची में सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन से निपटने की विशेष तैयारी की गई है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रांची जिले में अतिरिक्त बलों और मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है.

राजधानी की किलेबंदी
सहायक पुलिस के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस ने शहर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, इसके साथ ही 1000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

संविदा के आधार बहाल सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सहायक पुलिसकर्मियों का कहना है कि पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन चला था. उस वक्त मंत्री मिथिलेश ठाकुर मिलने आए थे. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि मांगों पर विचार के लिए जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित होगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा. लेकिन इस दिशा में अबतक कुछ नहीं हुआ.

रांची: झारखंड के नक्सल प्रभाव वाले जिलों में तैनात 2500 पुलिसकर्मी भी आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर चुके हैं. 27 सितंबर को सहायक पुलिसकर्मी झारखंड के अलग-अलग जिलों से राजधानी पहुचेंगे. सहायक पुलिसकर्मियों सीएम आवास और राजभवन घेरने की योजना है.



अलर्ट पर पुलिस
सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन को देखते हुए राज्य पुलिस मुख्यालय ने जिलों के एसपी को निर्देश दिया है कि सहायक पुलिसकर्मी को रांची आने से रोकें. संभव हो तो जिलों में ही वार्ता कर सहायक पुलिसकर्मियों को जिले में रोकने का निर्देश दिया गया है. मांग नहीं माने जाने से नाराज सहायक पुलिसकर्मियों ने 27 सितंबर से राजभवन और सीएम आवास के बाहर अनिश्चितकालिन धरना देने का ऐलान किया है. सहायक पुलिसकर्मियों की मांग स्थायी करने की है. साल 2017 में नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं को संविदा में सहायक पुलिस के तौर पर तीन साल के लिए बहाल किया गया था.

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मजिस्ट्रेट व बलों की प्रतिनियुक्ति
राज्य पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रांची में सहायक पुलिसकर्मियों के आंदोलन से निपटने की विशेष तैयारी की गई है. पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर रांची जिले में अतिरिक्त बलों और मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई है.

राजधानी की किलेबंदी
सहायक पुलिस के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए रांची पुलिस ने शहर के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है, इसके साथ ही 1000 अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई है.

संविदा के आधार बहाल सहायक पुलिसककर्मी अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सहायक पुलिसकर्मियों का कहना है कि पिछले साल 12 सितंबर 2020 से 23 सितंबर 2020 तक मोरहाबादी मैदान में आंदोलन चला था. उस वक्त मंत्री मिथिलेश ठाकुर मिलने आए थे. उन्होंने भरोसा दिलाया था कि मांगों पर विचार के लिए जल्द ही पांच सदस्यीय कमेटी गठित होगी. कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा. लेकिन इस दिशा में अबतक कुछ नहीं हुआ.

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