पलामू: एशिया के प्रसिद्ध पलामू टाइगर रिजर्व (PTR) सिर्फ बाघों के लिए ही चर्चित नहीं है, बल्कि यह इलाका भेड़ियों के लिए भी जाना जाता है. भारत में एक मात्र वुल्फ सेंचुरी (Wolf Century) (भेड़िया अभ्यारण्य) पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में है. जो लातेहार के छत्तीसगढ़ महुआडांड़ के इलाके में करीब 63 स्कवायर किलोमीटर में फैला हुआ है. भेड़ियों की निगरानी के लिए ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं. लॉकडाउन के दौरान भेड़ियों की संख्या बढ़ी है. अभ्यारण्य के ट्रैपिंग कैमरे में भेड़िया को अपने बच्चों के साथ खेलते हुए खूबसूरत वीडियो कैद हुई है.
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महुआडांड़ वुल्फ सेंचुरी में दुर्लभ प्रजाति के भेड़िए
महुआडांड़ वुल्फ सेंचुरी में दुर्लभ प्रजाति के 100 भेड़िए हैं. पूरे भारत में तीन हजार के करीब भेड़ियों की संख्या है. जिनमें 100 भेड़िए अकेले सिर्फ वुल्फ सेंचुरी में है. पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक मुकेश कुमार बताते हैं कि वर्ल्ड सेंचुरी में इंडियन ग्रे वुल्फ है. यह पूरी दुनिया में सबसे दुर्लभ प्रजाति है. उन्होंने बताया कि भेड़ियों के संरक्षण के लिए कई कदम उठाए गए हैं. निगरानी के लिए ट्रैपिंग कैमरे लगाए गए हैं. जबकि 22 ट्रैकरों को तैनात किया गया है. लॉकडाउन के दौरान भेड़ियों की संख्या बढ़ रही गई.
ठंड में भेड़ियों की शुरू होगी ब्रीडिंग
ठंड के मौसम में भेड़ियों की ब्रीडिंग होती है. उप निदेशक मुकेश कुमार ने बताया कि ब्रीडिंग को लेकर विभाग अलर्ट है. इसके लिए कई कदम भी उठाए गए हैं. उन्होंने बताया कि ब्रीडिंग के दौरान इलाके में मानवीय हस्तक्षेप कम हो इसका ख्याल रखा जाता है. 70 के दशक में भेड़ियों के संरक्षण के लिए अभ्यारण्य की शुरुआत हुई थी. किसी जमाने में आबादी वाले इलाके में भेड़िए जाते थे, लेकिन अब यह बंद है. वुल्फ सेंचुरी में छत्तीसगढ़ सीमा से सटे इलाकों में भेड़ियों की संख्या अधिक है.