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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लावारिस शवों की पहचान के लिए मांगा सुझाव, उत्तराखंड ने कहा- सभी के बाजू पर बने खास चिन्ह

किसी भी प्रदेश में लावारिश शवों का मिलना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इसके मिलने से पुलिस के सामने सबसे बड़ी परेशानी इन शवों की पहचान को लेकर होती है. शव की पहचान नहीं होने के कारण कई बार अपराधी बचकर निकल जाते हैं. यही वजह है कि केंद्र सरकार ने ये लावारिश शवों की पहचान करने को लेकर सुझाव मांगा था.

Uttarakhand suggests to the Union Home Ministry
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Published : Oct 26, 2021, 6:38 PM IST

पलामू: पुलिस के लिए लावारिस शवों की पहचान करना बड़ी चुनौती है. लावारिस शवों की पहचान के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने झारखंड पुलिस को एक पत्र लिखकर सुझाव मांगा है. यह पत्र 22 मार्च 2019 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी पुलिस महानिदेशक को लिखा था. करीब ढाई वर्ष बाद झारखंड की अपराध अनुसंधान विभाग ने एसएसपी रांची, जमशेदपुर, एसपी खूंटी, गढ़वा, गिरिडीह गोड्डा, जामताड़ा, रेल धनबाद और जमशेदपुर को संबोधित करते हुए लवारिश लाशों के पहचान को लेकर पत्र लिखा है. इस पत्र की कॉपी पलामू समेत अन्य जिलों की पुलिस को भी मिली है. इससे पहले मामले में अपराध अनुसंधान विभाग 2017 में सभी एसपी को पत्र लिखा था.



उत्तराखंड पुलिस ने व्यक्ति की शरीर पर टैटू जैसे निशान बनाने का दिया सुझाव

केंद्र सरकार को करीब 15 लोगों ने पत्र लिख कर लवारिश लाशों की पहचान को लेकर सुझाव दिया था. इसी सुझाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के पुलिस को पत्र लिखा है. उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के ब्रजपाल नाम के व्यक्ति ने 2016 में पीएम को पत्र लिख कर लवारिश लाशों की पहचान को लेकर सुझाव दिया था. जिसके बारे में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के राज्यपाल से सुझाव मांगा था. उत्तराखंड के राज्यपाल ने भी उसे सही मानते हुए भारत सरकार से आगे की कार्रवाई के लिए अपेक्षित माना था. इस पूरे मामले के बाद उत्तराखंड पुलिस ने भी अपने पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यवाही और कदम उठाने को कहा था.

ये भी पढ़ें: गढ़वा से ठेकेदार का अपहरण, पैसा वसूलने रांची ले जा रहे छह किडनैपर गिरफ्तार

क्या है सुझाव में, कैसे होगी लवारिश लाशों की पहचान
लावारिस शवों की पहचान को लेकर जो सुझाव दिए गए हैं उस पर कई बिंदु और चिन्ह शामिल हैं. सुझाव में कहा गया है कि व्यक्ति के बाजू में कुछ निशान बनाया जाए जिससे उसकी पहचान हो सके. सुझाव में कहा गया है कि सबसे पहले इस तरह के निशान दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इलाके में बनाया जाए. सुझाव में कहा गया है कि बाजू में एक गोला आकार बनाया जाएगा. इससे पहले सभी राज्य, जिला ,प्रखंड और पंचायत का यूनिक कोड जारी किया जाए उस गोले में चार से पांच खाने होंगे. उन खानों में व्यक्ति के स्टेट के कोड, जिला ,प्रखंड और पंचायत का कोड अंकित होगा.

पलामू: पुलिस के लिए लावारिस शवों की पहचान करना बड़ी चुनौती है. लावारिस शवों की पहचान के लिए कई स्तर पर कदम उठाए जा रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ने झारखंड पुलिस को एक पत्र लिखकर सुझाव मांगा है. यह पत्र 22 मार्च 2019 को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश के सभी पुलिस महानिदेशक को लिखा था. करीब ढाई वर्ष बाद झारखंड की अपराध अनुसंधान विभाग ने एसएसपी रांची, जमशेदपुर, एसपी खूंटी, गढ़वा, गिरिडीह गोड्डा, जामताड़ा, रेल धनबाद और जमशेदपुर को संबोधित करते हुए लवारिश लाशों के पहचान को लेकर पत्र लिखा है. इस पत्र की कॉपी पलामू समेत अन्य जिलों की पुलिस को भी मिली है. इससे पहले मामले में अपराध अनुसंधान विभाग 2017 में सभी एसपी को पत्र लिखा था.



उत्तराखंड पुलिस ने व्यक्ति की शरीर पर टैटू जैसे निशान बनाने का दिया सुझाव

केंद्र सरकार को करीब 15 लोगों ने पत्र लिख कर लवारिश लाशों की पहचान को लेकर सुझाव दिया था. इसी सुझाव को लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों के पुलिस को पत्र लिखा है. उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद के ब्रजपाल नाम के व्यक्ति ने 2016 में पीएम को पत्र लिख कर लवारिश लाशों की पहचान को लेकर सुझाव दिया था. जिसके बारे में केंद्र सरकार ने उत्तराखंड के राज्यपाल से सुझाव मांगा था. उत्तराखंड के राज्यपाल ने भी उसे सही मानते हुए भारत सरकार से आगे की कार्रवाई के लिए अपेक्षित माना था. इस पूरे मामले के बाद उत्तराखंड पुलिस ने भी अपने पुलिस अधिकारियों को पत्र लिखकर कार्यवाही और कदम उठाने को कहा था.

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क्या है सुझाव में, कैसे होगी लवारिश लाशों की पहचान
लावारिस शवों की पहचान को लेकर जो सुझाव दिए गए हैं उस पर कई बिंदु और चिन्ह शामिल हैं. सुझाव में कहा गया है कि व्यक्ति के बाजू में कुछ निशान बनाया जाए जिससे उसकी पहचान हो सके. सुझाव में कहा गया है कि सबसे पहले इस तरह के निशान दिल्ली और उत्तर प्रदेश के इलाके में बनाया जाए. सुझाव में कहा गया है कि बाजू में एक गोला आकार बनाया जाएगा. इससे पहले सभी राज्य, जिला ,प्रखंड और पंचायत का यूनिक कोड जारी किया जाए उस गोले में चार से पांच खाने होंगे. उन खानों में व्यक्ति के स्टेट के कोड, जिला ,प्रखंड और पंचायत का कोड अंकित होगा.

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