पलामू: जिले के सरकारी संस्थानों में रहने वाली बच्चियों की मौत का सिलसिला जारी है. दो महीने के अंदर सरकारी बालगृह और उज्ज्वला गृह के 4 बच्चियों की बीमारी से मौत के बाद सरकारी संस्थानों में बच्चियों की देखरेख पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. ताजा मामले में उज्ज्वला गृह के एक बच्ची की रिम्स में इलाज के दौरान मौत के बाद हड़कंप मच गया है. इस मामले में पलामू जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश कुमार ने मौत की पुष्टि की है और कहा कि वे रिम्स जाकर पूरे मामले की जानकारी लेंगे.
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तबीयत खराब होने के बाद रिम्स में भर्ती
खबर के अनुसार बच्ची की तबीयत खराब होने के बाद उसे एमएमसीएच में भर्ती कराया गया था. एक दिसंबर को हालत ज्यादा खराब होने पर उसे एमएमसीएच से रिम्स रेफर किया गया था. जहां सोमवार (13 दिसंबर) को अचानक तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर आईसीयू में भर्ती करवाया गया लेकिन इलाज के दौरान ही उसकी मौत हो गई.
मानसिक रूप से अस्वस्थ थी बच्ची
मृतक बच्ची पलामू के नामा जयपुर थाना क्षेत्र में अगस्त 2019 में रिकवर हुई थी. उसी दौरान उसे बालिका गृह में रखा गया था. पलामू में बालिका गृह के बंद होने के बाद उसे उज्वला गृह में शिफ्ट किया गया था. उज्जवला गृह के हसमत रब्बानी ने बताया कि 19 नवंबर को पलामू डीसी के आदेश पर बच्ची को रिनपास में भर्ती करवाने का प्रयास किया गया था, मगर रिनपास ने उसे भर्ती नहीं लिया. 29 नवंबर को तबीयत खराब होने के बाद उसे इलाज के लिए एमएमसीएच में भर्ती करवाया गया जिसके बाद एक दिसंबर को उसे रिम्स में भर्ती करवाया गया था.