ETV Bharat / city

नक्सलियों ने बच्चों के भविष्य के लिए बनवाया स्कूल, जानिए अभी क्यों लटका है ताला - school built with help of naxalites

पलामू के सरजा और मटलौंग में नक्सलियों ने 75 से अधिक गांव के लोगों के सहयोग से स्कूल की स्थापना की है. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद स्कूलों को मान्यता भी मिली. लेकिन नक्सलियों के सहयोग का दंश आज भी लोगों को झेलना पड़ रहा है. कई बच्चों ने इस स्कूल में पढ़ाई की है. लेकिन कोरोना काल से इन स्कूलों में ताला लटका हुआ है. जिससे बच्चों को पढ़ाई के लिए बाहर जाना पड़ता है.

ETV Bharat
स्कूल बंद
author img

By

Published : Oct 29, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Oct 29, 2021, 5:15 PM IST

पलामू: झारखंड में कमजोर पड़ चुके नक्सल आंदोलन एक लंबा इतिहास पीछे छोड़ गया है. इस इतिहास का दंश आज कई इलाके के लोग झेल रहे हैं. नक्सलियों ने अविभाजित पलामू में ग्रामीणों के सहयोग से दो स्कूलों की स्थापना की थी. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद स्कूलों को मान्यता तो मिली. लेकिन नक्सलियों के सहयोग का दंश आज भी लोगों को झेलना पड़ रहा है.

इसे भी पढे़ं: कीचड़ और गंदगी के बीच विद्यार्थी करते हैं पढ़ाई, ज्ञान के साथ-साथ फ्री में घर लेकर जाते हैं बीमारी

कोरोना काल में ये दोनों स्कूल बंद हो गए हैं. जिसके कारण सैकड़ों छात्र पलायन कर गए हैं. नक्सलियों के सहयोग से 1998-2000 के बीच पलामू के रामगढ़ प्रखंड के सरजा और लातेहार के मटलौंग में स्कूल की स्थापना की गई थी. स्कूलों की स्थापना के लिए रामगढ़ के 40, जबकि मटलौंग के इलाके में 35 से अधिक गांव के लोग एकजुट हुए थे.

देखें स्पेशल स्टोरी
500 से अधिक बच्चों के भविष्य को संवार रहा था ये स्कूल नक्सली भारतीय संविधान में विश्वास नहीं रखते हैं. लेकिन उनके स्थापित दोनों स्कूल में भारतीय संविधान और लोकतंत्र की पढ़ाई हो रही थी. दोनों स्कूल में 500 से अधिक बच्चों का भविष्य संवर रहा था. लेकिन कोविड 19 काल में दोनों स्कूलों के गेट पर ताला लग गया. रामगढ़ के कर्जा हाई स्कूल का संचालन नीलाम्बर-पीताम्बर नामक संस्था कर रही है. सरजा स्कूल में सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर चुके हैं. सरकार ने इस स्कूल को अस्थाई तौर पर मान्यता दी है. स्कूल की स्थापना में शामिल और संचालक बनारसी सिंह बताते हैं कि उस दौरान नक्सलियों ने सहयोग किया. कोविड-19 काल में स्कूल प्रभावित हुआ है और फिलहाल बंद है. स्कूल में करीब 250 छात्र पढ़ाई करते थे.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल, विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा



स्कूलों की स्थापना के लिए 75 से अधिक गांव के लोग हुए थे एकजुट

सरजा और मटलौंग में स्कूल की स्थापना को लेकर 75 से अधिक गांव के ग्रामीण उस दौरान एकजुट हुए थे. नक्सलियों के सहयोग का ठप्पा लगने के कारण ग्रामीणों को काफी नुकशान उठाना पड़ा था. कई ग्रामीण जेल भी गए थे. सरजा के फागु सिंह ने बताया कि उस दौरान पुलिस ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया था. लेकिन सभी ने दिनरात मेहनत कर स्कूल का निर्माण किया था. ग्रामीण महिला शिवपाली देवी ने बताया कि उन्होंने भी स्कूल के निर्माण में मजदूरी किया है. स्कूल को सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से खड़ा किया है.

ETV Bharat
बंद पड़ा स्कूल
ग्रामीणों के सहयोग से शिक्षकों को मिलता है वेतनसरजा में संचालित नीलाम्बर-पीताम्बर स्कूल के शिक्षकों को वेतन ग्रामीणों के सहयोग से मिलता था. स्कूल में करीब 12 शिक्षक हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी अलग थलग पड़ गए हैं. लंबी लड़ाई के बाद राज्य सरकार ने सरजा स्कूल को अस्थाई तौर पर मान्यता दी है. स्कूल के कई समारोह में झारखंड के दिग्गज भाग ले चुके हैं. दिशोम गुरु शिबू सोरेन भी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. स्कूल की स्थापना के दौरान मौजूद देवेंद्र गुप्ता बताते हैं कि नक्सलियों के सहयोग का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. स्कूल के लिए पूर्व विधायक भागीरथ सिंह के परिजनों ने पांच एकड़ जमीन दी थी. उसी जमीन में स्कूल की स्थापना हुई है.

पलामू: झारखंड में कमजोर पड़ चुके नक्सल आंदोलन एक लंबा इतिहास पीछे छोड़ गया है. इस इतिहास का दंश आज कई इलाके के लोग झेल रहे हैं. नक्सलियों ने अविभाजित पलामू में ग्रामीणों के सहयोग से दो स्कूलों की स्थापना की थी. लंबी लड़ाई लड़ने के बाद स्कूलों को मान्यता तो मिली. लेकिन नक्सलियों के सहयोग का दंश आज भी लोगों को झेलना पड़ रहा है.

इसे भी पढे़ं: कीचड़ और गंदगी के बीच विद्यार्थी करते हैं पढ़ाई, ज्ञान के साथ-साथ फ्री में घर लेकर जाते हैं बीमारी

कोरोना काल में ये दोनों स्कूल बंद हो गए हैं. जिसके कारण सैकड़ों छात्र पलायन कर गए हैं. नक्सलियों के सहयोग से 1998-2000 के बीच पलामू के रामगढ़ प्रखंड के सरजा और लातेहार के मटलौंग में स्कूल की स्थापना की गई थी. स्कूलों की स्थापना के लिए रामगढ़ के 40, जबकि मटलौंग के इलाके में 35 से अधिक गांव के लोग एकजुट हुए थे.

देखें स्पेशल स्टोरी
500 से अधिक बच्चों के भविष्य को संवार रहा था ये स्कूल नक्सली भारतीय संविधान में विश्वास नहीं रखते हैं. लेकिन उनके स्थापित दोनों स्कूल में भारतीय संविधान और लोकतंत्र की पढ़ाई हो रही थी. दोनों स्कूल में 500 से अधिक बच्चों का भविष्य संवर रहा था. लेकिन कोविड 19 काल में दोनों स्कूलों के गेट पर ताला लग गया. रामगढ़ के कर्जा हाई स्कूल का संचालन नीलाम्बर-पीताम्बर नामक संस्था कर रही है. सरजा स्कूल में सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर चुके हैं. सरकार ने इस स्कूल को अस्थाई तौर पर मान्यता दी है. स्कूल की स्थापना में शामिल और संचालक बनारसी सिंह बताते हैं कि उस दौरान नक्सलियों ने सहयोग किया. कोविड-19 काल में स्कूल प्रभावित हुआ है और फिलहाल बंद है. स्कूल में करीब 250 छात्र पढ़ाई करते थे.

इसे भी पढे़ं: झारखंड में सरकारी स्कूलों को बनाया जाएगा मॉडल, विद्यार्थियों को मिलेगी बेहतर शिक्षा



स्कूलों की स्थापना के लिए 75 से अधिक गांव के लोग हुए थे एकजुट

सरजा और मटलौंग में स्कूल की स्थापना को लेकर 75 से अधिक गांव के ग्रामीण उस दौरान एकजुट हुए थे. नक्सलियों के सहयोग का ठप्पा लगने के कारण ग्रामीणों को काफी नुकशान उठाना पड़ा था. कई ग्रामीण जेल भी गए थे. सरजा के फागु सिंह ने बताया कि उस दौरान पुलिस ने गांव को चारों तरफ से घेर लिया था. लेकिन सभी ने दिनरात मेहनत कर स्कूल का निर्माण किया था. ग्रामीण महिला शिवपाली देवी ने बताया कि उन्होंने भी स्कूल के निर्माण में मजदूरी किया है. स्कूल को सैकड़ों ग्रामीणों ने अपनी मेहनत से खड़ा किया है.

ETV Bharat
बंद पड़ा स्कूल
ग्रामीणों के सहयोग से शिक्षकों को मिलता है वेतनसरजा में संचालित नीलाम्बर-पीताम्बर स्कूल के शिक्षकों को वेतन ग्रामीणों के सहयोग से मिलता था. स्कूल में करीब 12 शिक्षक हैं. लेकिन लॉकडाउन के दौरान सभी अलग थलग पड़ गए हैं. लंबी लड़ाई के बाद राज्य सरकार ने सरजा स्कूल को अस्थाई तौर पर मान्यता दी है. स्कूल के कई समारोह में झारखंड के दिग्गज भाग ले चुके हैं. दिशोम गुरु शिबू सोरेन भी स्कूल के कार्यक्रम में शामिल हुए हैं. स्कूल की स्थापना के दौरान मौजूद देवेंद्र गुप्ता बताते हैं कि नक्सलियों के सहयोग का दंश ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है. स्कूल के लिए पूर्व विधायक भागीरथ सिंह के परिजनों ने पांच एकड़ जमीन दी थी. उसी जमीन में स्कूल की स्थापना हुई है.
Last Updated : Oct 29, 2021, 5:15 PM IST

For All Latest Updates

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.